अब प्रदेश में होगी वाहनों की एक ही नंबर की सीरीज
06-Dec-2021 12:00 AM 787

 

मप्र में सड़क सुरक्षा और सड़क परिवहन के प्रति सरकार लगातार सजग है और क्रांतिकारी पहल कर रही है। अब सरकार नए साल में वाहनों के नंबर की नई सीरीज लाने जा रही है। जानकारों का कहना है कि कई जिलों में वर्तमान नंबर की सीरीज लगभग समाप्त होने वाली है। ऐसे में पूरे प्रदेश में नई सीरीज शुरू होगी।

प्रदेश में जल्द ही सभी वाहनों के नंबर की एक ही सीरीज होगी। अब तक हर जिले के वाहनों की अपनी अलग सीरीज होती है, लेकिन जल्द ही परिवहन विभाग इस व्यवस्था को खत्म कर प्रदेश के सभी वाहनों के नंबरों की एक ही सीरीज चलाएगा। इससे यह तो पता नहीं चलेगा कि गाड़ी किस शहर की है, लेकिन गाड़ी का मॉडल किस साल का है यह आसानी से पता चल जाएगा। इसे लेकर योजना तैयार कर ली गई है। संभवत: अगले साल से इसे लागू भी कर दिया जाएगा। इसके तहत नंबर की शुरुआत जिस वर्ष से होगी उस वर्ष को लिखा जाएगा। इसके बाद प्रदेश, यानी मप्र आएगा, फिर नंबर और आखिरी में सीरीज के अल्फाबेट आएंगे। इस तरह नए साल की पहली गाड़ी का नंबर 22-एमपी-0001-ए हो सकता है।

कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और ऐसी नौकरी वाले लोगों, जिनके लगातार देश में कहीं भी ट्रांसफर होते हैं, के लिए बीएच सीरीज की शुरुआत की है। इसके तहत ऐसे व्यक्ति अपनी गाड़ी पर ऐसे नंबर ले सकते हैं जो पूरे देश में एक समान रूप से चलेंगे, अन्यथा राज्य बदलने पर नंबर की सीरीज भी राज्यवार बदल जाती है। कुछ दिनों पहले ही कुछ राज्यों ने इसकी शुरुआत भी की है और जल्द ही मप्र में भी इसकी शुरुआत होने वाली है। इसके तहत वाहन के नंबर की शुरुआत वाहन के रजिस्ट्रेशन के वर्ष के अंतिम दो अंक, फिर बीएच, फिर नंबर और बाद में सीरीज के अल्फाबेट आते हैं। इसके बाद नंबर 21-बीएच-0001-एए की तरह नजर आते हैं, लेकिन यह सुविधा सिर्फ केंद्रीय कर्मचारियों और ट्रांसफर होने वाली नौकरी करने वाले लोगों को ही मिलेगी। इसी से प्रेरित होकर मप्र परिवहन विभाग ने भी प्रदेश की एक ही सीरीज शुरू करने की योजना तैयार की है। बताया जा रहा है कि अन्य प्रदेश भी अपने यहां जिलेवार नंबरों की सीरीज को खत्म करते हुए प्रदेश की एक ही सीरीज शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। इसका कारण सभी प्रदेशों के वाहनों का रजिस्ट्रेशन सेंट्रल सर्वर से जुड़ जाना है। एक ही सीरीज होने से इस प्रक्रिया में भी आसानी आएगी।

इस पूरी योजना के लिए परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मसौदा तैयार करते हुए मुख्यालय को भेजा है, जिस पर परिवहन मंत्री और आयुक्त विचार करेंगे। उम्मीद है कि जल्द ही इसे लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा और साल 2022 से इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।

नई व्यवस्था से सरकार को वीआईपी नंबरों से होने वाली आय भी बढ़ जाएगी, क्योंकि अभी वीआईपी नंबरों की नीलामी जिला स्तर पर होती है। नई व्यवस्था के बाद जिला स्तर पर नंबर बंद हो जाएंगे और प्रदेश स्तर पर एक ही सीरीज खुलेगी। इससे नई सीरीजें भी जल्दी-जल्दी आएंगी, जिससे वीआईपी नंबर भी ज्यादा मिल सकेंगे। वहीं वीआईपी नंबरों के लिए पूरे प्रदेश से शौकीन बोली लगाएंगे। इससे बोली बड़े स्तर पर पहुंचेगी और शासन को ज्यादा राजस्व मिल सकेगा।

अपने पुराने नंबर के लिए दोबारा चुकाना पड़ेगी नीलामी की राशि

वीआईपी नंबरों के शौकीनों के लिए प्रदेश सरकार एक तोहफा लेकर आई है। वाहन मालिक अपनी पुरानी गाड़ी का वीआईपी नंबर गाड़ी खराब होने के बाद भी रख सकेंगे। इस नंबर को वे अपनी नई गाड़ी पर दर्ज करवा सकेंगे। हालांकि यह नंबर उन लोगों को महंगा पड़ेगा, जिन्होंने नीलामी में ऊंची बोली लगाकर नंबर लिया था। वाहन मालिक को नई गाड़ी पर पुराना वीआईपी नंबर लेने के लिए भी उतनी ही कीमत चुकाना पड़ेगी, जितने में पहले उसने नंबर खरीदा था। प्रदेश में लंबे समय से इस संबंध में मांग की जा रही थी कि ऊंची कीमत पर वीआईपी नंबर खरीदने वाले लोगों को वो नंबर गाड़ी के खराब हो जाने के बाद नई गाड़ी पर दिए जाने की व्यवस्था की जाए। पंजाब, हरियाणा सहित कुछ राज्यों में ऐसी व्यवस्था लागू है। इसे देखते हुए परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने कुछ समय पहले इस व्यवस्था को लागू करने की घोषणा की थी। इसे लेकर हाल ही में परिवहन मंत्रालय ने ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस पर दावे-आपत्तियों की सुनवाई के बाद जल्द ही प्रदेश में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। आदेश के मुताबिक वीआईपी नंबर ट्रांसफर करवाने के लिए यह जरूरी होगा कि पहले जिस व्यक्ति के नाम पर गाड़ी थी, नई गाड़ी भी उसके ही नाम पर हो। इसके बाद वाहन मालिक को वीआईपी नंबर ऑनलाइन नीलामी से या उससे पहले लागू व्यवस्था 'पहले आओ-पहले पाओÓ की तरह लिए गए नंबर के लिए जो कीमत चुकाई थी उसमें नीलामी की राशि या 15 हजार रुपए जो राशि ज्यादा हो वह चुकाना होगी। इसके साथ ही पुरानी गाड़ी का नंबर नई गाड़ी के लिए तब ही मिलेगा, जब वाहन मालिक शासन की नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत वाहन को स्क्रैप करवाने के बाद पंजीयन निरस्त करवाएगा और स्क्रैप का सर्टिफिकेट जमा करवाएगा। इसके बिना पुरानी गाड़ी का नंबर नई गाड़ी पर ट्रांसफर नहीं किया जाएगा।

- लोकेंद्र शर्मा

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