मध्य प्रदेश में कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के इलाके ग्वालियर और चंबल की तस्वीर को बदलने के लिए बनाए जा रहे अटल प्रोग्रेस-वे (चंबल प्रोग्रेस-वे) के भूमिपूजन की तैयारियां तेज हो गई हैं। अटल प्रोग्रेस-वे के भूमिपूजन का न्यौता देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल प्रोग्रेस-वे का भूमिपूजन कर सकते हैं। अटल प्रोग्रेस-वे के लिए जरूरी सर्वे और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज हो गई है। प्रदेश सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले अटल प्रोग्रेस-वे का भूमिपूजन कर दिया जाए। ग्वालियर-चंबल इलाके में आने वाली 16 सीटों पर भाजपा जीत के लिए अटल प्रोग्रेस-वे को अहम मान रही है। यही कारण है कि प्रदेश सरकार ने अब अटल प्रोग्रेस-वे को लेकर जरूरी खाका तैयार करना तेज कर दिया है। अटल प्रोग्रेस-वे खतौली से श्योपुर और मुरैना होते हुए भिंड तक कुल 309 किलोमीटर लंबा होगा। इसके लिए 2000 एकड़ जमीन विकसित की जाएगी। इस पर कुल 6193 करोड़ रुपए की लागत आनी है। सरकार ने अटल प्रोग्रेस-वे को इस तरीके से डिजाइन करने का प्लान बनाया है, ताकि इसके आसपास के इलाकों को डेवलप किया जा सके और स्थानीय लोगों को फायदा हो सके।
अटल प्रोग्रेस-वे के आसपास भारी उद्योगों के साथ वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर विकसित होंगे। सरकार ने इसके लिए जमीन अधिग्रहण करने के लिए ढाई सौ करोड़ रुपए का बजट प्रावधान कर दिया है। वहीं, सरकार ने नर्मदा एक्सप्रेस-वे की फाइल को भी अब गति देना शुरू कर दिया है। अमरकंटक से शुरू होकर अंकलेश्वर गुजरात तक बनने वाले नर्मदा एक्सप्रेस-वे में हरदा खंडवा के 112 किलोमीटर में धार्मिक स्थलों और प्रसिद्ध स्थलों को जोड़ा जाएगा। प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि अटल प्रोग्रेस-वे के निर्माण को लेकर सरकार ने सभी तैयारियों को तेज कर दिया हैं। नर्मदा एक्सप्रेस-वे को लेकर महाकौशल के सभी सांसद और विधायकों के साथ बैठक कर डिजाइन को फाइनल किया जाएगा।
मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि भूमिपूजन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। अटल प्रोग्रेस-वेे का भूमिपूजन प्रधानमंत्री मोदी से कराया जाएगा। इसकी तारीख जल्द तय कर ली जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री मोदी को अटल प्रोग्रेस-वे के भूमिपूजन का न्यौता देंगे। दरअसल, अटल प्रोग्रेस-वे को केंद्र सरकार की भारतमाला योजना में शामिल किया गया है। इसके जरिए अटल प्रोग्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा। केंद्र सरकार इसके लिए राशि देगी और यही कारण है कि अब अटल प्रोग्रेस-वे के जरिए चंबल इलाके की तस्वीर बदलने की तैयारी प्रदेश सरकार ने कर ली है। अटल प्रोग्रेस-वे में तब्दील हुआ फोरलेन मेगा हाईवे का सिर्फ नाम ही नहीं बदला बल्कि इसका स्वरूप भी बदल रहा है। जब इसका नाम चंबल एक्सप्रेस-वे था तब इसकी कुल लंबाई 276 किमी थी जो, चंबल प्रोग्रेस-वे नामकरण होने के साथ 394 किमी की हो गई है। यानी 118 किमी लंबाई बढ़ाई गई है। खास बात यह है कि पहले यह एक्सप्रेस-वे केवल मप्र में ही बन रहा था लेकिन, अब 85 किलोमीटर का हिस्सा राजस्थान सरकार भी बनाएगी।
अटल प्रोग्रेस-वे का नया और फाइनल माना जा रहा डिजाइन 394 किलोमीटर का है। 6000 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले एक्सप्रेस-वे का पूरा सर्वे एवं डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) ने तैयार की है, लेकिन इसका निर्माण भारत माला परियोजना के तहत नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) करेगा। यह एक्सप्रेस-वे राजस्थान के दीगोद कोटा-बारा नेशनल हाईवे से श्योपुर, मुरैना, भिंड होते हुए भिंड-इटावा नेशनल हाईवे-92 से जुड़ेगा। मप्र में इसकी लंबाई 309 किमी की होगी और राजस्थान में 85 किमी का हिस्सा। दोनों को मिलाकर अटल प्रोग्रेस वे 394 किमी का होगा। इस एक्सप्रेस-वे का जो डिजाइन है वह 100 फीट चौड़ा है और इसे इस मापदंड से बनाया जाएगा जिससे इस पर वाहनों की रफ्तार 100 किमी प्रतिघंटे तक की रहेगी। यह एक्सप्रेस-वे सड़क मार्गों को जोड़ने वाला एक अनोखा प्रोजेक्ट है जिससे चंबल अंचल के 150 से ज्यादा गांवों में तरक्की का रास्ता भी खुलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सड़क नॉथ-साउथ कॉरिडोर को ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से जोड़ेगी। मुरैना जिले के गढोरा गांव के पास से गुजरे नेशनल हाईवे नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर का पॉइंट है और राजस्थान के दीगोद में कोटा-बारा नेशनल हाईवे के कारण ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर है। यानी यह एक सड़क दोनों कॉरिडोरों को जोड़कर देश की चारों दिशाओं के रास्तों की सुगम कनेक्टिविटी करेगी।
सड़क किनारे खिलेगी रोजगार की हरियाली
प्रोग्रेस-वे के दोनों ओर जहां-जहां सरकारी जमीनें हैं वहां-वहां इंडस्ट्री एरिया बनाए जाएंगे। सरकार की मंशा पूरी हुई तो प्रोग्रेस-वे के किनारे मप्र का सबसे बड़ा इंडस्ट्री कॉरिडोर बनेगा। चंबल नदी के किनारे त्रिवेणी संगम, गऊघाट, काऊपुरा घाट आदि कई स्थल हैं जो पर्यटन केंद्र बनेंगे। इतना ही नहीं कृषि उत्पादन केंद्र, खाद्य प्रसंस्कर केंद्र, अस्पताल, स्कूल, होटल, रेस्टोरेंट से लेकर आधुनिक मनोरंजन पार्क भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा निजी रोजगार व खेती के लिए सरकार किसानों को बीहड़ों में जमीन के पट्टे व लीज तक देगी। इस फोरलेन सड़क के बनने से कई शहरों की दूरी कम हो जाएगी। वर्तमान में श्योपुर से भिंड की दूरी लगभग 275 किलोमीटर है। अटल प्रोग्रेस-वे बनते ही भिंड की दूरी 185 किलोमीटर ही रह जाएगी। यानी श्योपुर और भिंड 90 किमोमीटर पास आ जाएंगे। इसी तरह श्योपुर से कोटा, मुरैना से लेकर उत्तर प्रदेश के कानपुर व अन्य शहरों की दूरी भी काफी कम हो जाएगी।
-प्रवीण कुमार