लक्ष्य बनाना और तय सीमा में उसे साधना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सबसे बड़ी खूबी है। अपनी इसी खूबी के तहत उन्होंने नववर्ष 2022 की शुरुआत नए संकल्पों के साथ करने की तैयारी शुरू कर दी है। उनका सबसे बड़ा संकल्प है, 2022 में मप्र को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना। इसके लिए उन्होंने मंत्रियों और अधिकारियों को भी मिशन मोड में आने का निर्देश दिया है।
आज मप्र देश में सबसे तेजी से विकास करता प्रदेश बना हुआ है, तो इसके पीछे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नीति और नीयत है। वे पिछले डेढ़ दशक से प्रदेश को फर्श से उठाकर अर्श पर लाने के अभियान में जुटे हुए हैं और आज उसी का परिणाम है कि मप्र देश के लिए विकास का मॉडल बना हुआ है। मप्र में विकास की रफ्तार तो वर्ष 2005 से शुरू हो गई थी, लेकिन इसमें 2014 के बाद से गति आई है। इसकी वजह है डबल इंजन की सरकार। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि डबल इंजन की सरकार में मप्र में तेजी से विकास हुआ है। अब मुख्यमंत्री और सरकार के सामने एक ही लक्ष्य है आत्मनिर्भर मप्र। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नए संकल्पों के साथ नए साल का शुभारंभ करेंगे। इसके लिए शासन-प्रशासन स्तर पर तैयारी चल रही है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिमाग में सोते-जागते बस प्रदेश के विकास और आम लोगों का कल्याण ही रहता है। वे हमेशा लोगों के लिए खड़े रहते हैं। इसलिए अब उनका एक ही लक्ष्य है और वह है आत्मनिर्भर मप्र बनाना। आत्मनिर्भर मप्र के लिए मुख्यमंत्री ने कई कदम उठाए हैं। अब नए साल में नए संकल्प के साथ शिवराज अभियान में जुटेंगे। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नए साल की शुरुआत नए संकल्प के साथ करेंगे। वर्ष 2022 में रोजगार के अवसरों में वृद्धि, विभागों में प्रशासनिक कसावट के साथ योजनाओं के लक्ष्यों को प्राप्त करने पर सर्वाधिक जोर रहेगा। इसके लिए मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को न सिर्फ मैदान में उतारा जाएगा बल्कि मुख्यमंत्री स्वयं भी दौरे करने के साथ समीक्षा करेंगे। समीक्षा का सिलसिला 3 जनवरी 2022 से प्रारंभ होगा, जो 7 जनवरी तक चलेगा। इसमें सभी विभागों का प्रस्तुतीकरण होगा, जिसमें आत्मनिर्भर मप्र के तहत वर्ष 2022 के लिए विभाग की कार्ययोजना, मुख्यमंत्री की घोषणा आदि विषयों पर चर्चा की जाएगी। बैठक में विभागीय मंत्री, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष मौजूद रहेंगे। वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार वर्ष 2022 में प्राथमिकताएं तय करके काम करेगी। आत्मनिर्भर मप्र की कार्ययोजना के आधार पर विभागों के लक्ष्य निर्धारित होंगे। इसी आधार पर बजट भी तैयार होगा। समीक्षा में मुख्यमंत्री सभी विभागों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद अपनी अपेक्षाएं साझा करेंगे। दरअसल, फरवरी तक पंचायत और इसके बाद नगरीय निकाय चुनाव होने हैं। इससे सरकार कोई नया काम तो प्रारंभ नहीं कर पाएगी पर उसकी तैयारियां जरूरी कर ली जाएंगी ताकि चुनाव के बाद तेज गति के साथ धरातल पर काम होने लगे। प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों के सम्मेलन करने के साथ सर्वाधिक जोर रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करने पर रहेगा।
मप्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि पिछले डेढ़ साल में सरकार ने रोजगार के अवसर बढ़ाने के प्रयास किए हैं। अब नए साल में सरकार ने हर हाथ को काम उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए लोगों से सुझाव मांगा गया है। अभी तक मिले सुझावों में कहा गया है कि मनरेगा की तरह शहरी युवाओं के लिए रोजगार गारंटी कानून बनाना चाहिए। छात्रों का काम पढ़ना और अच्छे नंबर लाना है। नौकरियों के सृजन की जिम्मेदारी शासन की है। युवाओं को मुफ्त भत्ता देना विकल्प नहीं है। इसके बजाय सुनिश्चित करना होगा कि पर्याप्त नौकरियां हों। प्रदेश सरकार के लगभग सभी विभागों में ढाई लाख पद वर्षों से खाली पड़े हैं, उन्हें तुरंत भरना चाहिए। निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के प्रयास होंगे तो नौकरियां मिलेंगी। युवाओं को स्किल्ड बनाने प्रशिक्षण केंद्र शुरू किए जाएं, उद्यम शुरू करने के अवसर देने का काम तेज करना होगा। सरकार को प्रदेश में स्टार्टअप का माहौल तैयार करना होगा। वहीं तय समय सीमा में सरकारी विभागों में भर्ती, रिजल्ट जारी हों। युवा हल्ला बोल एवं मतदाता कल्याण संघ मप्र के अध्यक्ष राज प्रकाश मिश्र कहते हैं कि प्रदेश में 2.5 लाख से ज्यादा संविदाकर्मी, अतिथि शिक्षक, अन्य अनियमित कर्मी कई विभागों में बेरोजगार जैसी स्थिति में हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व, पुलिस, वन समेत अन्य में दो से ढाई लाख खाली पदों पर भर्ती होने से लाखों युवाओं को स्थाई रोजगार मिल जाएगा। प्रदेश में खेती-किसानी के विकास पर सरकार का सबसे अधिक जोर है। कृषि बजट को आधुनिकीकरण और किसान के विकास पर खर्च करने की नीति बनाई जा रही है। पारंपरिक खेती के बजाय उन्नत खेती शुरू करने पर जोर दिया जा रहा है। किसान को प्रसंस्करण से भी जोड़ा जा रहा है, ताकि वह उद्यमी बने। कृषि के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे समय रहते किसान को सही दिशा में ले जा सकते हैं।
प्रदेश सरकार नए साल में लक्ष्य बनाकर काम करने की रणनीति बना रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों और अफसरों को दिशा-निर्देश दे दिया है। उन्होंने कहा है कि शहरों के मास्टर प्लान बनाने की तैयारी करें। बिना मास्टर प्लान के शहरों की प्लानिंग नहीं हो सकती। प्रभारी मंत्री अपने प्रभार के जिलों एवं संबंधित अधिकारी मास्टर प्लान तैयार करें। आयुष्मान भारत योजना को बेहतर और प्रभावी बनाकर लागू करें। प्राइवेट अस्पतालों में इस योजना का लाभ दिलाए जाने के लिए प्रभावी क्रियान्वयन करें। मंत्रियों से कहा है कि वे राजस्व वृद्धि के प्रयास करें। केंद्र से 31 मार्च के पहले अधिक से अधिक राशि विभिन्न योजनाओं में लाएं। अफसरों के साथ दिल्ली जाएं। लंबित राशियों के प्रस्ताव फिर से भेजें। केंद्र की घोषणाओं व योजनाओं पर निगाह रखें। ज्यादा से ज्यादा राशि लाएं और बेहतर प्रदर्शन करें। जीएसटी में त्वरित कार्यवाही करें। मिलेट मिशन को प्राथमिकता से करें। उद्यानिकी फसलों व जैविक फसलों को बढ़ावा दें। नए साल में कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री और सख्त होने जा रहे हैं। इसलिए उन्होंने अफसरों से कहा है कि बे्रेन स्ट्रार्मिंग कर लें। समस्याओं का आंकलन करें। जहां जो जरूरत हो वो कदम उठाएं। नक्सलवाद, अपराध, महिला अपराध सहित हर समस्या पर ध्यान दें। वहीं मुख्यमंत्री का कहना है कि प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन की प्रशंसा की है। लेकिन, इस योजना में अब हमें ड्रोन की कमी महसूस होती है। ड्रोन के भविष्य के हिसाब से काम हो।
मुख्यमंत्री ने नए साल में नए सैनिक स्कूल खोलने, नई टाउनशिप बसाने, लोक अदालतों का आयोजन करने, स्टार्टअप पर ध्यान देने, सरकारी सिस्टम को पारदर्शी बनाने, निवेश बढ़ाने के प्रयास करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि हर काम निर्धारित समयसीमा में हो, ईज ऑफ बिजनेस व ईज ऑफ लिविंग के लिए प्राथमिकता से कार्य हो, विदेशी मुद्रा लाने के लिए निर्यात पर ध्यान दिया जाए, प्रधानमंत्री गति शक्ति प्रोजेक्ट पर तेज गति से कार्य करें, कौशल विकास के क्षेत्र में तेजी से कार्य हो, जेम पोर्टल का इस्तेमाल अधिकाधिक हो, एक जिला एक उत्पाद को लेकर काम करें, कच्चा माल, कृषि उत्पाद, निर्यात पर ध्यान दिया जाए, आत्मनिर्भर भारत-रोजगार योजना पर ध्यान देकर कार्य करें, मेडिकल में हिन्दी पढ़ाई के लिए कार्ययोजना बनाएं, भू-अधिकार योजना के अंतर्गत प्लाट देने का अभियान शुरू कर दें, स्वस्थ बच्चा स्पर्धा करें।
19 माह में रिकार्डतोड़ विकास
शिवराज सिंह चौहान जब चौथी बार मुख्यमंत्री बने तो कोरोना संक्रमण दस्तक दे चुका था। तब से लेकर अब तक कोरोना का साया मंडरा रहा है, लेकिन महामारी में भी प्रदेश का विकास प्रभावित नहीं हुआ। चौथी बार सत्ता में आने के बाद के इन 19 महीनों में प्रदेश में धुंआधार विकास कार्य हुए हैं। किसानों के लिए फसल बीमा से लेकर उनको अन्य प्रकार से मदद देने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि अंतरित की गई है। कोरोना की दूसरी लहर को पूरी तरह नियंत्रण में किया है। मप्र कोरोना से डरने के बजाय लड़ता रहा और कोरोना को पूरी तरह नियंत्रित करने के साथ-साथ विकास के भी नए कीर्तिमान गढ़ता रहा। वर्ष 2020 में मप्र गेहूं उत्पादन में सभी राज्यों से आगे रहा और 1.29 करोड़ टन गेहूं का उपार्जन किया। किसानों के खातों में 75 हजार करोड़ रुपए भेजे। पिछले 19 माह में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में प्रदेश के 77 लाख किसान परिवारों को लगभग 5 हजार 500 करोड़ रुपए वितरित किए हैं। कोरोनाकाल में राज्य में 5000 किमी नई सड़कों का निर्माण हुआ, जबकि 3500 किमी पुरानी सड़कों का नवीनीकरण हुआ। इसी अवधि में 154 नए पुल भी बनाए गए। भू-माफियाओं के कब्जे से 3 हजार 559 एकड़ भूमि मुक्त कराई है। अब आत्मनिर्भर मप्र का रोडमैप तैयार किया गया है। जिसे नए साल में साकार करना है।
नए साल में ताबड़तोड़ बैठकें
2022 में मप्र को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को साधने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नए साल में लगातार 5 दिन विभागों की समीक्षा करेंगे और टारगेट देंगे। मंत्रालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार समीक्षा के लिए बनी कार्ययोजना के तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 3 जनवरी को सामान्य प्रशासन, वित्त, गृह, जेल, वाणिज्यिक कर, राजस्व, खेल एवं युवक कल्याण, परिवहन, वन और श्रम की समीक्षा करेंगे। उसके बाद 4 जनवरी को उद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, विधि एवं विधायी, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, सहकारिता, कृषि, मछुआ कल्याण, पशुपालन, ऊर्जा और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, 5 जनवरी को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नगरीय विकास एवं आवास, सामाजिक न्याय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, लोक निर्माण, स्कूल शिक्षा, विमानन, भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास, पर्यटन और संस्कृति विभाग, 6 जनवरी को पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य, अनुसूचित जाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास विभाग तथा 7 जनवरी को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, उच्च शिक्षा, लोक सेवा प्रबंधन, जनसंपर्क, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, महिला एवं बाल विकास, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, खनिज साधन, पर्यावरण और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग की समीक्षा करेंगे। समीक्षा के दौरान सरकार का पूरा फोकस आत्मनिर्भर मप्र पर रहेगा।
- कुमार राजेन्द्र