18-Jan-2020 07:42 AM
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शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में कई विभागों की टीम ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) के नेतृत्व में गुटखा कंपनियों पर कार्रवाई की तो अधिकारी यह देखकर दंग रह गए कि वहां नियमों को ताक पर रखकर काम हो रहे थे। इनमें अनुमति से ज्यादा उत्पादन, टैक्स चोरी, मिलावट, बच्चों से काम कराना आदि पाए जाने पर केंद्र और राज्य सरकारों के सात विभागों को प्रकरण सौंपे गए हैं। इन कंपनियों द्वारा करीब 300 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी करने का अनुमान लगाया जा रहा है। उधर, गोविंदपुरा में सील की गई एक फैक्ट्री में आग लगने की घटना के बाद शक और बढ़ गया है।
गौरतलब है कि ईओडब्ल्यू ने 10 जनवरी को अलसुबह भोपाल के गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में राजश्री, कमला पसंद और ब्लैक लेबल गुटखा के कारखाने पर कार्रवाई की। यहां करीब पांच करोड़ रुपए के गुटखे व पान मसाले की खेप रखी थी, जो देश के विभिन्न हिस्सों में जाने वाली थी। फैक्ट्रियों में मशीनों पर तेजी से उत्पादन हो रहा था। हर मशीन पर प्रति मिनट 1200 का उत्पादन किया जा रहा था, जबकि कंपनी को अनुमति केवल 450 रोटेशन प्रति मिनट की थी।
कंपनी इसके जरिए टैक्स की करोड़ों रुपए की चोरी कर रही थी। यहां करीब दर्जनभर बच्चे भी काम कर रहे थे। इसके साथ ही बिहार-जम्मू तथा अन्य क्षेत्रों के 500 कर्मचारी प्रदूषित वातावरण में काम करते हुए पाए गए। कर्मचारी प्रोविंडेंट फंड की कटौती में भी गड़बड़ी की आशंका जताई गई। फैक्ट्रियों में बिजली चोरी भी की जा रही थी। यही नहीं, गुटखे बनाने में इनके द्वारा तंबाकू की मिलावट भी की जा रही थी, जबकि तंबाकू पान मसाले में नहीं मिलाया जा सकता। इसके बाद ईओडब्ल्यू की इंदौर की टीम को वहां तीन कंपनियों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए, मगर स्टाफ की कमी होने से केवल एक गुटखा कंपनी पर कार्रवाई हुई।
तमाम खामियां पाए जाने पर ईओडब्ल्यू ने स्वास्थ्य, खाद्य एवं औषधि, उद्योग, श्रम, वाणिज्यिक कर सहित जीएसटी-सीजीएसटी आदि को सूचना दी। गुटखा कंपनियों से तैयार माल व कच्चे माल में मिलावट तथा उनके गुणवत्ताहीन होने की आशंका के चलते नमूने एकत्रित किए, जिन्हें परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। ईओडब्ल्यू ने सभी विभागों से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है, जिससे अपराध पंजीबद्ध किया जा सके। प्रति मिनट उत्पादन में अनुमति से ढाई गुना से भी ज्यादा गुटखा बनाए जाने से सरकारों को करोड़ों की क्षति पहुंचाई जा रही थी।
ईओडब्ल्यू महानिदेशक सुशोभन बनर्जी का कहना है कि प्रदेश और जनहित के खिलाफ होने वाली गतिविधियों में संलग्न लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू द्वारा लगातार कार्रवाई की जाएगी। गुटखा कंपनियां न केवल सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचा रही थीं, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ भी कर रही थीं। यहां बच्चों से मजदूरी भी करवाई जा रही थी। ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई कर विभागों को मामला सौंप दिया है और उनकी रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
राजश्री और कमला पसंद पान मसाला कंपनी के संचालक कमलकांत चौरसिया और शशिकांत चौरसिया की गोविंदपुरा स्थित फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई के बाद जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री में एक ही पान मसाले को राजश्री और कमला पसंद के पाउच में पैक किया जा रहा था। दोनों पान मसालों के दाम में भी काफी अंतर है। फैक्ट्री से फूड सेफ्टी ऑफिसर्स ने राजश्री और कमला पसंद पान मसाले के सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं। फूड सेफ्टी अमले के मुताबिक गुटखा फैक्ट्री में पान मसाले में मिलाने के लिए कुछ केमिकल्स रखे मिले हैं।
केमिकल्स का नाम पता करने राजश्री और कमला पसंद गुटखा के नमूने जांच के लिए फूड लेबोरेटरी भेजे गए हैं। जांच में सामने आया है कि कंपनी ने पिछले साल 500 करोड़ रुपए जीएसटी जमा किया था। आशंका है कि कंपनी द्वारा इतनी ही राशि की टैक्स चोरी की गई है। जांच में सामने आया है कि कंपनी ने टैक्स चोरी के लिए लंबे रास्ते की एक बिल्टी (बिल) पर एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर की दो गाडिय़ां चलाईं। इसमें एक गाड़ी का ही जीएसटी जमा करना पड़ा। वहीं, टैक्स चोरी के लिए एक रास्ता यह भी अपनाया गया था कि तीन से चार घंटे की दूरी तय करने में ट्रक को 48 घंटा का समय लगना बताया जाता था। इस अवधि में ट्रक एक ही बिल्टी पर पास की दूरी के चार से पांच चक्कर लगा लेता था। अब सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर गड़बडिय़ों की जांच कर रहे हैं।
5 करोड़ की मिलावटी गुटखा सामग्री बरामद
राजधानी के गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में गुटखा कंपनियों के कारखानों में 5 करोड़ रुपए से अधिक कीमत का मिलावटी सामग्री और गुटखा बनाने की मशीनें बरामद की गई हैं। ईओडब्ल्यू एसपी अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि छापे में कंपनियों में लगभग 5 करोड़ रुपए कीमत का मिलावटी गुटखा पाया गया, जिसे देश के अलग-अलग स्थानों पर भेजने की तैयारी थी। एसपी ने यह भी बताया कि तीनों कंपनी में लगी मशीन में छेड़छाड़ कर तय सीमा से अधिक उत्पादन कर कंपनियों द्वारा टैक्स चोरी भी की जा रही थी। वहीं बिजली की चोरी करने का मामला भी सामने आया है। बिजली चोरी कर गुटखा कारखानों में दिन रात उत्पादन किए जाने की बात सामने आई है। बिजली चोरी कितनी हुई है, इसका पता लगाया जा रहा है। सरकार को शुद्ध के लिए युद्ध के तहत यह कोशिश करनी चाहिए कि वह पान-गुटखा पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दे। क्योंकि इससे कैंसर होने की संभावना तो रहती ही है साथ ही गंदगी भी फैलती है। प्रदेश के कई शहर स्वच्छता में पान-गुटखा के कारण ही पिछड़ जाते हैं, क्योंकि लोग इन्हें खाकर गंदगी फैलाते हैं।
- बृजेश साहू