45 हजार करोड़ के घोटाले में घिरीं वसुंधरा राजे
17-Oct-2015 08:16 AM 1234865

कांग्रेस ने राजस्थान में खानों के आवंटन में 45 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए मामले को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यह घोटाला वसुंधरा राजे तक जाएगा। यह सवाल इसलिए उठा है कि इस मामले में राज्य सरकार के खान विभाग के प्रमुख शासन सचिव अशोक सिंघवी भी गिरफ्तार है। इस मामले में एक केन्द्रीय मंत्री की भूमिका को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चर्चा है कि इस केन्द्रीय मंत्री की वजह से ही खान घोटाला उजागर हुआ है। भाजपा हाई कमान तक यह बात पहुंचाई गई कि राजस्थान में खान विभाग में करोड़ों का भ्रष्टाचार हो रहा है। यह बात भी जानकारी में लाई गई कि खान विभाग सीधे सीएम राजे के अधीन है, क्योंकि खान राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा तो नाम मात्र के मंत्री है। इस बात की पुष्टि रिणवा के ताजा बयान से भी होती है। घोटाले के उजागर होने के बाद रिणवा ने साफ कहा कि खान आवंटन से संबंधित कोई भी फाइल उनके पास नहीं आती है। अब सवाल उठता है कि आखिर अशोक सिंघवी किसके कहने पर खुला भ्रष्टाचार कर रहे थे? सिंघवी अभी सीएम राजे के अधीन आने वाली एसीबी के कब्जे में है। अभी सिंघवी वो ही बोलेंगे जो एसीबी कहेगी। एसीबी सीएम के कितने दबाव में है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब 16 सितम्बर को यह घोटाला उजागर हुआ तो एसीबी के डीजी नवदीपसिंह और आईजी दिनेश एनम सीएम से मिलने के लिए विधानसभा भवन गए। यहां यह सवाल महत्वपूर्ण है कि एसीबी के ये दोनों अधिकारी सीएम से मिलने क्यों गए? क्या एसीबी के पास इतने अधिकार नहीं है कि वे अपने स्तर पर किसी आईएएस को गिरफ्तार कर सके। एसीबी की दयनीय स्थिति को देखते हुए ही अब इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग होने लगी है। बताया जाता है कि जिस केन्द्रीय मंत्री ने घोटाले को उजागर करने में भूमिका निभाई नहीं मंत्री अब सीबीआई जांच की मांग भी इधर-उधर से करवा रहा है। यदि सीबीआई की जांच होती है तो यह राजनीतिक दृष्टि से सीएम के लिए नुकसानदेय होगा। राजे पहले ही ललित गेट मामले में उलझी हुई है। इसी वजह से पहले संसद ठप रही और अब राजस्थान विधानसभा नहीं चलने दी जा रही हैं।
उधर, कांगेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि तय नियमों का उल्लंघन करते हुए खानों के मनमाने आवंटन के जरिए ढाई महीने की अवधि के दौरान हजारों करोड़ रुपए की ठगी की गई। नियमों में यह स्पष्ट था कि खानों की सिर्फ नीलामी की जा सकती है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने 14 नवंबर 2014 को राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किया था कि खदानों की सिर्फ नीलामी की जानी चाहिए और 12 जनवरी को इस बारे में गजट अधिसूचना जारी की गई थी। लेकिन राजस्थान सरकार ने अकेले उसी दिन (12 जनवरी को)137 खानें आवंटित कर दीं। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वसुंधरा राजे ने केंद्र की नीतियों का उल्लंघन करते हुए तकरीबन 653 खदानें आवंटित कर दीं। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने कहा कि मोदी ने ऐलान किया था कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि कथित घोटाले में शक की सूई मुख्यमंत्री के दरवाजे तक जाती है। पायलट का कहना है कि इस तथ्य के मद्देनजर प्रधान सचिव (खान) अशोक सिंघवी की गिरफ्तारी महत्वपूर्ण है कि वे वसुधरा राजे के पिछले कार्यकाल के दौरान भी उसी पद पर काबिज थे। पायलट ने राजे पर राजस्थान में खानों के आवंटन में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाए बगैर और नीलामी न कर पहले आओ पहले पाओÓ के आधार पर 653 खानें आवंटित कर राज्य के खजाने को 45000 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहना है कि केंद्र ने राज्य सरकार से कहा था कि जब तक इस संबंध में नीति नहीं बन जाती, आवंटन न किया जाए। इसके बावजूद ऐसा किया गया।
पायलट का कहना है कि राजस्थान में यह सबसे बड़ा घोटाला है। राजस्थान में यह सबसे बड़ी लूट है। पायलट ने फिलहाल राज्य भ्रष्टाचार निरोधक इकाई की ओर से की जा रही मामले की जांच को भी खारिज किया। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि राज्य में 653 खानों के आवंटन के रूप में करीब एक लाख बीघा जमीन दे दी गई। इन खानों में खनिज का मूल्य करीब दो लाख करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि अगर इनकी नीलामी की जाती तो राजस्थान सरकार को 45000 करोड़ रुपए की आय होती। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी इस मामले में अदालत में जाएगी, उन्होंने कहा कि पार्टी इस मामले को राजस्थान विधानसभा में उठाएगी और सड़कों पर ले जाएगी। और साथ ही कानूनी सलाह लेकर हर उचित कदम उठाएगी। खानों के आवंटन पर भाजपा नेतृत्व की ओर से कोई आपत्ति नहीं उठाए जाने पर सवाल करते हुए पायलट ने आरोप लगाया कि वसुंधरा राजे सरकार ने उचित प्रचार और दिशानिर्देशों का अनुपालन किए बगैर अपारदर्शी आबंटन प्रक्रिया के जरिए कुछ चहेतों को अनुचित तरीके से खदानें आवंटित कर जनता के जनादेश के खिलाफ काम किया।
-जयपुर से आर.के. बिन्नानी

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