मप्र के 51 हजार से अधिक गांवों के हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम मिशन स्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिशा-निर्देश पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव की निगरानी में नल-जल योजना प्रगति पर है। सरकार की कोशिश है कि 3 साल में प्रदेश के सभी गांवों के सभी घरों में नल से जल पहुंच जाए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पूर्ववर्ती शासनकाल में प्रदेश की शहरी आबादी को जरूरत का पानी मुहैया कराने के बाद अपनी चौथी पारी में ग्रामीण आबादी को नल से जल उपलब्ध कराने का प्लान बनाया है। मप्र के 52,557 गांवों में से अधिकांश गांवों में लोग नदी, तालाब, कुंआ अथवा बावड़ी से पानी भरते हैं। लेकिन सरकार ग्रामीण आबादी को नल से जल मुहैया करवाने की योजना पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लाल किले से घोषणा की थी कि देश की समूची ग्रामीण आबादी को शुद्ध पेयजल उनके घर पर ही नल कनेक्शन के जरिए दिए जाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके बाद भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की गाइडलाइन जारी की। मिशन के मुताबिक गांव के हर परिवार को नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाने पर होने वाले व्यय की 50 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी तथा 50 प्रतिशत व्यय राज्य सरकार को वहन करना है।
नल जल मिशन को पूरा करने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने जो प्रेजेंटेशन तैयार किया है, उसकी खूब सराहना हो रही है। उन्होंने अपने प्रेजेंटेशन में मिशन को पूरा करने की एक-एक बारीकी का उल्लेख किया है। उनके प्रेजेंटेशन से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी संतुष्ट हैं और उन्हें उम्मीद है कि योजना समय पर पूरी हो जाएगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की करीब सवा 5 करोड़ ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन के जरिए गुणवत्तापूर्ण जल उपलब्ध करवाने के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इससे प्रदेश में ग्रामीण पेयजल व्यवस्था को जल जीवन मिशन से मिली गति और ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन। मिशन के जरिए दिसंबर 2020 तक 30 लाख से ज्यादा नल कनेक्शन दिए गए हैं। इससे 1,473 ग्राम शत-प्रतिशत घरेलू नल कनेक्शन युक्त हो चुके हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और जल निगम प्रदेश के सभी ग्रामीण अंचल के हर परिवार तक नल कनेक्शन से जल पहुंचाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। ग्रामीण आबादी को गुणवत्तापूर्ण और पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध करवाने के लिए 13 हजार 530 करोड़ की लागत की एकल और समूह जलप्रदाय योजनाओं पर कार्य जारी है।
देश के 7 बड़े राज्यों में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में मप्र अग्रणी 3 राज्यों में शामिल है। प्रदेश में मिशन के क्रियान्वयन का लक्ष्य योजनाबद्ध और सामयिक अनुपात में निर्धारित किया गया है। ग्रामीण आबादी के अनुसार प्रत्येक 5 सदस्यीय परिवार को आधार मानकर
1 करोड़ से अधिक नल कनेक्शन दिए जाना होंगे। वर्ष 2020-21 में 26 लाख 26 हजार, वर्ष 2021-22 में 33 लाख 74 हजार, वर्ष 2022-23 में 28 लाख 76 हजार तथा वर्ष 2023-24 के दिसंबर माह तक 14 लाख 75 हजार नल कनेक्शन दिए जाने का लक्ष्य है। मलय श्रीवास्तव कहते हैं कि हम समय पर मिशन को साकार कर देंगे।
जल जीवन मिशन को समय पर पूरा करना लक्ष्य
मप्र के ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर में नल से जल पहुंचाने के मिशन पर जिस तेजी से काम हो रहा है, उसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खूब प्रशंसा की है। प्रदेश में जल जीवन मिशन को समय पर साकार करने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव पूरी तत्परता से जुटे हुए हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि प्रदेश में हर घर में नल से जल पहुंचाने की योजना तेजी से प्रगति कर रही है। प्रदेश सरकार भी श्रीवास्तव के काम से संतुष्ट है। उधर, एसीएस श्रीवास्तव का सबसे अधिक फोकस इस समय जल जीवन मिशन पर ही है। वे लगातार इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं, जिससे यह मिशन तेजी से पूरा हो रहा है।
- लोकेंद्र शर्मा