15-Dec-2015 10:53 AM
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सिंहस्थ महापर्व में इस बार संत-महात्माओं के लिए आकर्षक और हाईटेक व्यवस्था की गई है। सिंहस्थ के लिए शैव संप्रदाय का जूना अखाड़ा 19 लाख 56 हजार वर्गफीट जमीन पर महामण्डलेश्वर नगर तैयार करेगा। इसमें अखाड़े के 275

महामंडलेश्वर, 3500 जमात, 400 से अधिक थानापति, अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष सहित हजारों साधु संतों के लिए विशाल टेंट सर्व सुविधा के साथ होंगे। अखाड़े के मुख्य संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरिजी महाराज, बड़े पुजारी आनंदपुरी महाराज, अभयपुरी महाराज ने प्रशासन के अधिकारियों के साथ गत दिनों सदावल से अंबोदिया-इंदौर बायपास रोड पर जमीन देखी। महाराज ने बताया कि सिंहस्थ पर्व में अखाड़े के सभी साधु संतों को ठहरने की जगह के साथ सारी मूलभूत सुविधा मिले, इसके लिए जमीन प्रशासन की ओर से उपमेला अधिकारी अनिल पटवा, पीडब्ल्यूडी के कोमल भूतड़ा ने दिखाई है। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से कहा है कि सिंहस्थ पर्व के समय अखाड़े के साधुओं को बसाने के लिए महामंडलेश्वर नगर तैयार करना है, जिसमें 275 महामण्डलेश्वर के लिए 75/90 वर्गफीट का टेंट बनाया जाता है। इसी तरह अखाड़ा के 400 से अधिक थानापित को 60/40 वर्गफीट का टेंट, जूना अखाड़ा के 150 श्रीमहंत के लिए 50/60 वर्गफीट का टेंट, अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष को 60/60 वर्गफीट का टेंट दिया जाता है। टेंट में सुविधाघर, पीने का पानी, बिजली व्यवस्था, वाहन पार्किंग आदि सुविधाएं दी जाती हैं। वहीं अखाड़े में व्यवस्थाओं को देखने के लिए करीब 2000 से अधिक सेवक भी रहते हैं। लाखों की आबादी वाले इस जूना अखाड़े में आने वाले भक्तों के लिए भंडारे से लेकर सारी व्यवस्था रहती है। इलाहाबाद कुंभ में प्रशासन ने इसी तरह व्यवस्था कर जमीन उपलब्ध करवाई थी। उज्जैन में भी प्रशासन से यही मांग की जा रही है कि साधुओं के पर्व में उन्हें सभी सुविधाएं दी जाएं। इसे लेकर श्रीमहंत ने सिंहस्थ मेला कार्यालय में उपमेला अधिकारी को 3500 जमात के संतों की फोटो आईडी के साथ सूची दे दी है। बाकी महामण्डलेश्वर से लेकर साधु-संतों की सूची भी तैयार की जा रही है। जिसे जल्द ही प्रशासन को सौंप दिया जाएगा। प्रशासन से मांग की गई है कि जल्द से जल्द जमीन आवंटित कर महामंडलेश्वर नगर को तैयार करने में सहयोग करें।
फर्जी महामंडलेश्वरों पर रहेगी अखाड़ा परिषद की नजर
सिंहस्थ में फर्जी महामण्डलेश्वरों पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद नजर रखेगी। शाही स्नान के दिन इन्हें स्नान नहीं करने दिया जाएगा। इसके लिए परिषद ने एक पंच का गठन भी किया है, जो महीनेभर इनकी गतिविधियों पर नजर रखेगी। परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्रगिरी महाराज ने बताया कि हरिद्वार और नासिक कुंभ में कुछ महामंडलेश्वर को अखाड़ों से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद इनका अखाड़ों से कोई संबंध नहीं है। सिंहस्थ में अगर यह आते हैं और प्रशासन इन्हें पंडाल के लिए जमीन देता है तो यह प्रशासन की जिम्मेदारी होगी। वहीं अगर कोई भी फर्जी महामंडलेश्वर अखाड़ा परिषद का भ्रामक प्रचार-प्रसार करता पाया तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि 2010 में हरिद्वार कुंभ के समय पायलट बाबा को अखाड़ा परिषद ने जूना अखाड़े से बर्खास्त कर दिया था। राधे मां और शिवारीगिरी को भी कुछ कारणों से बर्खास्त किया था। उज्जैन सिंहस्थ में इनके आने की संभावना है। इसे लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने परिषद की बैठक में एक पंच को इन पर नजर रखने के लिए गठित किया है।
विदेशी भक्तों के लिए इस्कॉन मंदिर में भव्य तैयारी
22 अप्रैल से होने वाले सिंहस्थ महापर्व में इस्कॉन से जुड़े 5 हजार विदेशी भक्त शहर आएंगे। विशेष बात यह है कि इसमें फोर्ड कंपनी के मालिक अलफ्रेड फोर्ड (अंबरीश दास) के आने की भी संभावना है। इनके अलावा कनाडा, इंग्लैंड और अमेरिका सहित 18 देशों के हजारों विदेशी भक्त सिंहस्थ में शामिल होंगे। भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर के गेस्ट हाउस के 28 कमरों की साज-सज्जा का काम पूरा हो गया है। इस्कॉन मंदिर उज्जैन के पीआरओ पं. राघव दास ने बताया इस्कॉन के हजारों भक्त देश-विदेश में हैं। विदेशों में करीब 500 जगह इस्कॉन मंदिर स्थापित हैं। सिंहस्थ जैसे महापर्व को लेकर इन सभी मंदिरों से इनके प्रमुख पदाधिकारी के उज्जैन आने की स्वीकृति मिल चुकी है। दास ने बताया कि विदेशों से आने वाले भक्तों में बड़े व्यापारी, कंपनी के मालिक से लेकर नामी कंपनी में सीईओ पद पर कार्य कर रहे हैं। न्यूयॉर्क से कृष्णा लीलादास, शिकागो से राधिक रमनदास, हंगरी से राधा कृष्णादास, अफ्रीका से नंदाकृष्णा दास, यूएस से कृष्णानंदनी दास, साउथ अफ्रीका के व्यापारी हिमांशु कपूर (हेमांग चैतन्य), अमेरिका के सीए द्वारकाधीश प्रभु भी उज्जैन आएंगे। सिंहस्थ के लिए अभी तक 2 हजार से अधिक विदेशी भक्तों के आने की सूचना मिल चुकी है। वहीं करीब तीन हजार भक्त ऐसे भी हैं, जिन्होंने आने की स्वीकृति मांगी है।
-उज्जैन से श्याम सिंह सिकरवार