02-Mar-2013 09:20 AM
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हांगकांग में भारतीय मूल के विश्व के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक 101 वर्षीय फौजा सिंह ने प्रतिस्पर्धी प्रतियोगिताओं से संन्यास ले लिया। सिंह अपनी अंतिम दौड़ पूरी करने के बाद बहुत खुशीÓ महसूस कर रहे थे। टर्बन्ड टोरनैडोÓ उपनाम से चर्चित सिंह ने 1 घंटा 32 मिनट और 28 सेकंड में हांगकांग मैराथन की 10 किलोमीटर लंबी दौड़ पूरी की। हालांकि वे अपने निजी रिकॉर्ड को पीछे छोडऩे के लक्ष्य को पाने में नाकाम रहे।
केवल पंजाबी बोलने वाले सिंह ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं। जब मैं दौड़ रहा था, मैंने बहुत अच्छा महसूस किया लेकिन अब मैं रुक गया हूं, मैं थक गया हूं। भारत में जन्मे ब्रिटिश नागरिक सिंह 1 अप्रैल को 102 साल के हो जाएंगे।
वे 2011 में टोरंटो में पूर्ण मैराथन में दौड़कर इसमें भाग लेने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति बने थे। हालांकि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा उनके रिकॉर्ड को मान्यता नहीं मिली, क्योंकि उनके पास उम्र साबित करने के लिए जन्म प्रमाणपत्र नहीं है। इंग्लैंड में बसने से पहले पंजाब में किसान रहे सिंह ने लंदन, टोरंटो और न्यूयॉर्क में 26 मील की 9 मैराथन में भाग लिया है। उन्होंने टोरंटो में सर्वश्रेष्ठ समय 5 घंटा 40 मिनट और 4 सेकंड हासिल किया था। सिंह ने कहा कि वे किसी बीमारी से पीडि़त नहीं हैं। लंदन 2012 ओलिंपिक की मशाल थाम चुके सिंह को जीवन में एकमात्र पछतावा यह है कि वे अंग्रेजी बोल और पढ़ नहीं सकते। उन्होंने दौड़ से पहले कहा कि मैं इस दिन को याद रखूंगा और इसकी कमी महसूस करूंगा लेकिन मैं चैरिटी के लिए दौडऩा बंद नहीं करूंगा।