'स्वच्छ इंदौर' में समाई नंबर-1 इंदौर की कहानी
01-May-2022 12:00 AM 867

 

2017 से इंदौर स्वच्छता में लगातार पहले पायदान पर कायम है। लेकिन इसके पीछे अफसरों, कर्मचारियों और इंदौरवासियों की सोच, समझ, समर्पण और सेवाभाव का महत्वपूर्ण योगदान है। स्वच्छता में इंदौर के नंबर-1 बनने की कहानी को 2001 बैच के आईएएस अधिकारी पी नरहरि ने अपनी किताब 'स्वच्छ इंदौर’ में वर्णित किया है। इंदौर के पूर्व कलेक्टर और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नरहरि की यह किताब सिविल सेवा दिवस यानी 21 अप्रैल को प्रकाशित हुई है। यह किताब इंदौर की स्वच्छता पर आधारित है।

यह किताब बताती है कि कैसे इंदौर लगातार देश का सबसे स्वच्छ शहर बना। इस किताब की प्रस्तावना देश के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर द्वारा लिखी गई है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सचिन तेंदुलकर को स्वच्छ भारत मिशन के पहले नौ में से एक ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया था। यह पुस्तक बताती है कि- वे कौन सी रणनीतियां हैं जिन्होंने इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनने में सक्षम बनाया? इंदौर ने ऐसी क्या स्ट्रेटजी अपनाई जिस कारण विदेशी प्रतिनिधियों को भी इंदौर आकर इसकी सफलता की कहानी को प्रत्यक्ष रूप से देखना पड़ा। यह किताब उन अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के बारे में बताती है जिन्होंने विभिन्न माध्यमों, दक्षता तथा बौद्धिक कौशल के साथ स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर की सफलता की कहानी को लिखने में अपना सहयोग दिया। कैसे स्वच्छता का गाना हो हल्ला इंदौर की जनता के लिए एक एंथम बन गया जिसे सुनकर रोज इंदौरवासी उठते थे और इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ बनाने के लिए अपनी सहभागिता निभाते थे। इस गाने को ऋषिकेश पांडे ने लिखा था और इसे बॉलीवुड के मशहूर सिंगर शान द्वारा गाया गया था। इसी क्रम में हैट्रिक लगाएंगे, चौका लगाएंगे, स्वच्छता का पंच आदि गानों द्वारा हमारे नागरिकों का प्रोत्साहन बना रहा।

स्वच्छता में सिरमौर इंदौर की सफलता को देश-विदेश में ख्याति प्राप्त हुई और इसे लगातार ट्विटर एवं अन्य माध्यमों से हमारे देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा सराहा गया। किताब 'स्वच्छ इंदौर’ किसी भी शहर के नागरिकों, प्रशासकों, नीति निर्माताओं, पत्रकारिता के विद्यार्थियों और सामाजिक संगठनों के लिए अपने शहरों को लिवेबल (रहने योग्य) बनाने के लिए एक संदर्भ बिंदु बन सकती है। यह राइट टू क्लीनलीनेस को बढ़ावा देगी तथा लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगी।  पी नरहरि ने किताब इंदौर के सफाई कर्मियों को समर्पित की है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और इंदौर के पूर्व कलेक्टर पी नरहरि द्वारा लिखी गई किताब में वर्तमान कलेक्टर मनीष सिंह, पूर्व ननि आयुक्त आशीष सिंह, वर्तमान ननि आयुक्त प्रतिभा पाल और पूर्व महापौर मालिनी गौड़ पर आधारित विशेष चैप्टर हैं। पुस्तक के लेखक पी नरहरि बताते हैं कि स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले नगर निगम के तीनों पूर्व आयुक्त सहित पूर्व महापौर मालिनी गौड़ पर उनके योगदान पर आधारित विशेष चैप्टर इस किताब में है। साथ में समाज के अनेक नामचीन व्यक्तियों के साक्षात्कार और उनकी राय का उल्लेख भी किताब में है। अंग्रेजी में लिखी गई यह किताब प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण में इंदौर शहर अब तक लगातार पांचवीं बार देशभर का सबसे साफ-सुथरे शहरों की लिस्ट में नंबर एक पर रहा है। और अब छठी बार के लिए भी जोरदार तैयारी है। इंदौर ने गीले तथा सूखे कचरे के प्रसंस्करण से शहरी निकाय की मोटी कमाई के टिकाऊ रास्ते खोजना और बड़े पैमाने पर गंदे पानी के उपचार से इसे दोबारा उपयोग किए जाने जैसे कदमों से इस मंजिल को पाया है। स्वच्छ भारत अभियान के लिए इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के सलाहकार असद वारसी ने बताया कि शहर में औसतन 300 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) गंदा पानी उत्सर्जित होता है और अलग-अलग इलाकों में बने विशेष संयंत्रों में इसके उपचार के बाद 110 एमएलडी पानी सार्वजनिक बगीचों, खेतों और निर्माण गतिविधियों में दोबारा इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि गंदे पानी के प्रबंधन के सर्वश्रेष्ठ इंतजामों के चलते ही स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत इंदौर को देश के पहले 'वॉटर प्लस’ शहर के खिताब से अगस्त में नवाजा गया था।

कुशल प्रशासक, उत्कृष्ट लेखक और गीतकार

एक उल्लेखनीय अधिकारी के रूप में नरहरि व्यक्तिगत जीवन में भी प्रभावित करने से नहीं चूकते। वह एक उत्कृष्ट लेखक और गीतकार भी हैं। उन्होंने अब तक 'स्वच्छ इंदौर’ के अलावा पांच  किताबें लिखी हैं जिनमें 'हू ओवन्स महू?’, 'द ग्रेट टेल ऑफ हिंदूइज्म’ और 'मेकिंग ऑफ लाडली लक्ष्मी योजना’ जैसी चर्चित पुस्तकें भी शामिल हैं। उनकी एक और किताब 'बेटियां’ भी हाल ही में आई है और बिक्री के लिए उपलब्ध है। यह किताब ग्वालियर में कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ उनके किए गए कामों और सक्रिय खोजी उपकरणों के कार्यों जैसे मुद्दों पर आधारित है। पुस्तकों के अलावा नरहरि ने कुछ लोकप्रिय अभियानों के गीत भी लिखे हैं। हाल ही में उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान दो गीत लिखे, जिसमें गायक शान द्वारा गाया गया 'जीना-जीना’ भी शामिल है। इसके साथ ही 'जय हो’, 'चौका’, 'हो-हल्ला’ उनके लिखे कुछ अन्य लोकप्रिय गीत हैं।

- लोकेंद्र शर्मा

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