11-Nov-2014 02:23 PM
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मध् यप्रदेश निवेशकों के राडार पर है। दुनिया भर के निवेशक यहां निवेश करने को लालायित हैं। प्रदेश में उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इंदौर में जो इंवेस्टर्स मीट आयोजित की थी, उसके सुखद परिणाम मिले हैं। 6 लाख 89 करोड़ रुपए का निवेश कोई मामूली बात नहीं है। समिट में प्राप्त निवेश प्रस्तावों के आधार पर रोड मेप बनाया जायेगा। प्रत्येक निवेशक के साथ एक अधिकारी को जोड़कर सिंगल डोर व्यवस्था से स्वीकृतियां दिलाई जाएंगी। मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिये जरूरी पानी, ऊर्जा, कनेक्टिविटी, भूमि, प्रतिभा और विश्वास है। इनके आधार पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडियाÓ के सपने को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मध्यप्रदेश में ईज ऑफ बिजनेस डूईंगÓ पर रिपोर्ट तैयार कर देश के सामने रखेंगे। मध्यप्रदेश के विकास में भागीदार बनें, मेक इन एमपीÓ में शामिल हों और नये मध्यप्रदेश की रचना करें। निवेशकों के विश्वास को मध्यप्रदेश सरकार टूटने नहीं देगी। वे एक लाख करोड़ का पेट्रो केमिकल इंवेस्टमेंट रीजन बनेगा।
मध्यप्रदेश देश के औद्योगिक विकास का केन्द्र बिन्दु बनेगा। बीना रिफायनरी के क्षेत्र में केन्द्र सरकार एक लाख करोड़ की लागत से पेट्रो केमिकल पेट्रो इन्वेस्टमेंट रीजन बनायेगी। बीना के पास देश का पहला लेण्ड लॉक पेट्रो केमिकल काम्पलेक्स बनाया जायेगा। बीना रिफायनरी की क्षमता 6 मिलियन टन से बढ़ाकर 8 मिलियन टन तक की जायेगी। इसमें 25 हजार करोड़ रुपए का निवेश बीपीसीएल द्वारा किया जायेगा। बाद में इस क्षमता को 15 मिलियन टन तक बढ़ाया जायेगा। मध्यप्रदेश में गैस अथारिटी ऑफ इंडिया द्वारा 10 हजार करोड़ के निवेश से गैस ग्रिड बनाया जायेगा। जबलपुर और शहडोल में 12 हजार करोड़ रुपए के निवेश से उर्वरक संयंत्र स्थापित किये जाएंगे। मण्डीदीप में प्लास्टिक पार्क और ग्वालियर में पॉलीमर पार्क बनाया जायेगा। भोपाल में नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ फार्मा एज्यूकेशन एण्ड रिसर्च द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करेगा।
मध्यप्रदेश में समग्र और संतुलित विकास की कल्पना को मूर्तरूप दिया गया है। सार्वजनिक उपक्रम सेल मध्यप्रदेश में 50 मिलियन टन आयरन खनिज का एसेस कर रहे हैं। इसके पॉयलट प्लांट में 1500 करोड़ रुपए का निवेश किया जायेगा। यदि 140 मिलियन टन तक आयरन खनिज एसेस होता है, तो 12 हजार करोड़ की लागत से स्टील प्लांट लगाया जायेगा। नालको बॉक्साइट रिजर्व क्षेत्र में एल्यूमीनियम रिफायनरी के लिये 6000 करोड़ का निवेश करेगा। सौर ऊर्जा के लिये एचसीएल 100 करोड़ तथा मेगनीज संयंत्र के लिये मॉइल 250 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। इसी तरह एनएमडीसी टीकमगढ़ में हीरा उत्खनन के लिये 1000 करोड़ का निवेश करेगा। एनएमडीसी अगले तीन साल के भीतर मध्यप्रदेश के जियो केमिकल और जियो माइनिंग सर्वे का काम पूरा करेगा। कोल ब्लॉक पर आधारित पॉवर प्लांट के लिये नालको 19 हजार करोड़ रुपए तथा एनएमडीसी 3000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा।
मध्यप्रदेश में 50 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय मानसिक चिकित्सा एवं पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की जा रही है। नि:शक्तजन के लिये कम्पोजिट रीजनल सेंटर और सभी जिलों में नि:शक्त पुनर्वास केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं। सभी संभागीय मुख्यालय पर एक-एक रीजनल सेंटर स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है। औद्योगिक संस्थानों के नेट प्राफिट में से दो प्रतिशत कार्पोरेट-सोशल रिस्पांसबिलिटी के लिये देने का प्रावधान है।