गति, पारदर्शिता और परिणाम नरेन्द्र सिंह तोमर
21-Jun-2014 04:34 AM 1234770

यारों के यार नरेन्द्र सिंह तोमर की बचपन की यादें उनके मित्रों ने कुछ  इस तरह बांटी कि टिक्का रोटी और मिक्स वेज के शौकीन तोमर शाकाहारी हैं और सादा जीवन उच्च विचार उनके व्यवहार में झलकता है। पार्टी के विभिन्न पदों सहित सत्ता और संगठन में कई महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे तोमर को जरा भी अहंकार नहीं है, इसी कारण कोई भी उनका विरोधी नहीं है । यहां तक विपक्षी भी उनकी इस मिलनसारिता के कायल हैं।  बताते हैं की स्कूल के दिनों से ही तोमर में नेतृत्व के स्वाभाविक गुण थे सारे मित्र आज भी उन्हें ही अपना नेता मानते हैं । उन्हें साफ सुथरा बोलना और सुनना पसंद है। बुराई गाली गलौज, लाग लपेट से वे कोसों दूर हैं। उनकी वाणी में कभी कटुता नहीं देखने को मिली जाति धर्म से ऊपर उठकर वे विशाल हृदय से सभी को अपनाते हैं। नरेन्द्र सिंह तोमर का घरेलू नाम मुन्ना है लेकिन इस नाम से जुड़ा हुआ एक रोचक बाकया भी उनके जीवन से जुड़ा है । बताया जाता है कि उसी क्षेत्र में कोई मुन्ना तोमर करके बदमाश रहा करता था जब नरेन्द्र सिंह तोमर (मुन्ना) चुनाव में खड़े हुए तो प्रचारित किया गया कि मुन्ना तोमर चुनाव लड़ रहे हैं और इस कारण दुष्प्रचार के चलते वे मामुली अंतर से चुनाव हार गए।  तोमर के पास पैसे भले ही न हो पर दिल बहुत बड़ा है। वे अपने धनी मित्रों की सहायता से गरीब लड़कियों का विवाह करवाते हैं।

मंत्री बनने के बाद तोमर से दिल्ली बातचीत -

जो प्रभार आपको मिला है वह काफी चुनौतीपूर्ण है इस माहौल में आपकी क्या योजना है इस चुनौती से निकलने के लिये आप किस तरीके से प्रयास करेंगे?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुझे काफी महत्वपूर्ण जबवादारी दी है।  कार्यभार मैनें ग्रहण कर लिया है काम भी शुरू कर दिया है। काम करने की बहुत गुंजाइश है। हमारी प्राथमिकता है कि जो व्यवस्था बनाई जाए वह पूरी तरह पारदर्शी हो और प्रक्रियागत हो। हम प्रयास करेंगे की अच्छी तरह से इसका निर्वहन करें। ताकि किसी को कोई कमी न रहे। मुझे लगता है कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जो देश को अपेक्षा है उसी अपेक्षा के अनुरूप मंत्रिमंडल काम करेगा और उसके अपेक्षित परिणाम जरूर आयेंगे।
बाल्को सहित कई ईकाईयों में पद खाली हैं उनमें भी नियुक्तियां होनी हैं । सेल के चैयरमेन जो कि रॉबर्ट बढेरा के रिश्तेदार हैं उन्हें बदला जायेगा?
देखिए ऐसा कहना अभी जल्दबाजी होगी। मैं समझ रहा हूँ जो व्यक्ति हैं यदि वो अपने संस्थान को बढ़ाने में योगदान देते हैं, लक्ष्य प्राप्त करने में योगदान देते हैं तो मुझे किसी व्यक्ति विशेष से कोई लेना देना नहीं है,परिणाम से मतलब है। यदि परिणाम ठीक आयेगा और विभाग सही तरीके से काम करेगा तो ज्यादा बदलाव की जरूरत नहीं होगी। उत्पादन बढऩा चाहिए , देश के विकास में हमारा योगदान होना चाहिए। परिणामकारी व्यवस्था बननी चाहिए।
जितनी स्टील कंपनियां हैं वे सब घाटे में हैं जबकि स्टील उत्पादन में यह देश अग्रणी है ।  स्टील कंपनियों को घाटे से उबारने के लिये क्या ठोस उपाय किए जायेंगे?
ऐसा नहीं है कि सब घाटे में है्र लेकिन कुछ का प्रदर्शन ठीक नहीं है। कुल दस कंपनियां हैं, जिनमें से तीन प्रकार की कंपनियां हैं- कुछ बहुत अच्छी हैं कुछ उनसे कम अच्छी हैं और कुछ उतनी अच्छी नहीं हैं। हम लोग कोशिश कर रहे हैं किन किन कंपनियों को किस तरह रास्ते पर लाया जाये आवश्यकता पडऩे पर विकल्प भी तलाशे जायेंगे।
प्र. पूरे देश में माइनिंग विभाग पिछले एक दशक में बदनाम हुआ है उसके कारण देश में कई जगह केस चल रहे हैं बहुत से मामले सीबीआई में हैं । बहुत सी गिरफ्तारियां भी हुई हैं । तो उसको लेकर आप क्या कदम उठायेंगे?

इसके लिये पालिसी ऐसी बनाई जायेगी कि किसी को कुछ कहने की गुंंजाईश पैदा न हो। हमारी नीयत साफ है, नीति भी साफ होगी, हमारा नेता भी सशक्त है। इसीलिये अच्छे परिणाम मिलेंगे।
संपूर्ण देश में माइनिंग संबंधित पॉलिसी पर विचार कर रहें हैं क्या?
राज्य की व्यवस्था अलग है। जो जिम्मेदारी हमारे पास है उसकी व्यवस्था हम करेंगे। राज्यों के अपने अधिकार हैं, आवश्यकता पड़ेगी तो राज्यों को भी सलाह देने का काम किया जायेगा।
आपके पास श्रम विभाग का भी प्रभार है। देश में मजदूरों की जो दुर्दशा है उसके लिये क्या प्रयास करेंगे?
श्रम विभाग काफी महत्वपूर्ण विभाग है, इस विभाग के माध्यम से करोड़ो श्रमिकों के संरक्षण का मामला है संवर्धन का मामला है, उनके हित लाभ उन तक पहुंचाने का मामला है। चाहे संगठित हों, चाहे असंगठित हों या ठेका मजदूर हों हमारे लिये सभी मजदूर बराबर हैं। उनके हितों का संरक्षण हो और सभी को सरकार द्वारा देय सुविधा मिले यह हमारा प्रयास रहेगा। कुछ असंतुलन है जिसे दूर करने के लिये प्रयास किये जायेंगे। यदि कानून में बदलाव की जरूरत हुई तो कानून में बदलाव भी किये जायेंगे।
आपके संसदीय क्षेत्र के नेशनल हाईवे की स्थिति भी अच्छी नहीं है इसको लेकर आपकी क्या प्राथमिकता है?
देखिये मैं किसी नेशनल हाईवे की आज की स्थिति नहीं बता सकता। किंतु मैं यह जरूर कह सकता हूं कि मेरे संसदीय क्षेत्र सहित पूरे मध्यप्रदेश ओर देश में नेशनल हाईवे की हालत खराब है, नितिन गडकरी जी को मोदी जी ने यह जिम्मेदारी सौंपी है। गडकरी जी को महारत हासिल है शीघ्र ही अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।

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