लखनऊ से लाहौर की कहानियां
20-Jun-2014 05:10 AM 1234817

आज़ादी के पहले 65 सालों में भारत और पाकिस्तान के बीच सरहदों ने लोगों को आपसी तालमेल बैठाने, एक दूसरे को जानने और मिलने का मौका नहीं दिया। टीवी या फिल्मों में कभी-कभार पाकिस्तान की झलक दिखी भी, तो पाया कि वह शायद दाऊद इब्राहिम के छिपने और आतंक को पनाह देने की जगह भर है। यही इंप्रेशन लोगों के जेहन में घर कर गया है। इस मामले में इंडिया के लोग पाकिस्तान से जऱा पीछे हैं, क्योंकि यहां पाकिस्तान का एक भी चैनल नहीं दिखाया जाता है। जबकि पाकिस्तान के में पहले पांच शो इंडियन टीवी के ही हैं। इसी वजह से वहां के लोग भारत के कल्चर की ज्यादा और बेहतर समझ रखते हैं और साथ ही उसे पसंद भी करते हैं, लेकिन नवाज़ शरीफ के दौरे के बाद इस ओर एक कदम बढ़ाया गया है।

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