16-Apr-2014 08:43 AM
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सात वर्ष की उम्र में जिस बच्चे ने देश के नामी रेसलर सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त को अपनी प्रतिभा का कायल कर दिया हो वो किसी करिश्मे से कम नहीं। हम बात कर रहे हैं गुरु नीलकंठ की। उसे देश का सबसे कम्र उम्र का रेसलर होने

का खिताब मिल चुका है। इतनी छोटी उम्र में अपनी डील ढोल के चलते छोटे भीम के नाम से पहचाने जाते हैं गुरु नीलकंठ। कक्षा तीन का छात्र है और दो बार यंगस्टर्स रेसलर का खिताब अपने नाम कर चुका है। नीलकंठ को स्पोर्ट्स विरासत में मिला है। उनके पिता नीलकंठ ध्यानेश्वर स्वयं नेशनल लेवल के रेसलर रह चके हैं। वहीं उनकी मां नेशनल लेवल की शूटिंग की खिलाड़ी रह चुकी हैं। दादा ध्यानेश्वर भी बॉक्सर रह चुके हैं। पिता नीलकंठ नेशनल लेवल तक ही रेसलिंग कर पाए। लेकिन, अब पिता ने ठान लिया है कि वह गुरु को अंतरराष्ट्रीय लेवल का रेसलर बनाएंगे। इस लिए इतनी छोटी उम्र में ही बेटे को रेसलिंग में डाल दिया। गुरु ने महज तीन साल की उम्र से पहलवानी में हाथ अजमाने शुरू कर दिया था। साथ ही देश का सबसे कम उम्र का पहलवान होने का खिताब हासिल किया। वह चंडीगढ़ में हुई प्रतियोगिता में अपने से दोगुनी उम्र के पहलवान को पस्त कर चुका है।