31-Dec-2013 07:31 AM
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एक ओर जहां भारत में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध माना है वहीं खेल जगत में समलैंगिक खिलाडिय़ों के समर्थन की मांग जोरों से उठने लगी है। अपने जमाने की दिग्गज टेनिस खिलाड़ी मार्टिना नवरातिलोवा और पूर्व एनबीए

खिलाड़ी जैसन कोलिंस ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) जैसी विश्व खेल संस्थाओं से समलैंगिक खिलाडिय़ों के प्रति अधिक समर्थन दिखाने का आग्रह किया है। इन दोनों खिलाडिय़ों ने समलैंगिकता संबंधी हिंसा और भेदभाव को रोकने के संयुक्त राष्ट्र के अभियान में अपनी आवाज उठाई। नवरातिलोवा ने कहा कि आईओसी को अपने खिलाडिय़ों के पक्ष में खड़े होने की जरूरत है। ऐसा केवल एक देश में नहीं बल्कि कई देशों में हो रहा है। यह टेनिस स्टार उन खिलाडिय़ों में शामिल हैं, जिन्होंने खुले तौर पर स्वीकार किया कि वह समलैंगिक हैं। उन्होंने फुटबॉल के फीफा वल्र्ड कप 2022 के संदर्भ में कहा, कोई भी इस बारे में बात नहीं कर रहा है। उदाहरण के लिए कतर में जहां वल्र्ड कप होना है, वहां समलैंगिक कृत्यों पर जेल की सजा हो जाती है। रूस के सोची शहर में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक और परालंपिक से संबंधित सवाल पर कोलिन्स ने कहा कि ध्यान स्थानीय समलैंगिकों, महिला और पुरुष दोनों, उभयलिंगी और ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) पर होना चाहिए। सोची में यौन अल्पसंख्यकों के खिलाफ कड़ा रवैया अपनाने के लिए कुछ लोगों ने अधिकारियों की आलोचना भी की है। कोलिंस ने कहा कि एक बार खेल समाप्त होने के बाद भी उन लोगों को वहां परेशान किया जाएगा, यह सही नहीं है। लोगों को अपनी जिंदगी स्वतंत्र रूप से जीने की छूट होनी चाहिए।