16-Oct-2013 06:27 AM
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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 17 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करके भाजपा से बाजी तो मार ली है, लेकिन इस सूची को कुछ स्थानीय नेताओं ने सिरे से नकार दिया है। सूची में राहुल गांधी की दखलंदाजी साफ देखी जा रही है इससे यह तो पता लगता है कि सभी राज्यों में राहुल गांधी महज दर्शक बनकर नहीं रहेंगे बल्कि वे अच्छी खासी दखलंदाजी करेंगे। बस्तर और राजनांदगांव क्षेत्र की 18 में से 17 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की सूची को राहुल गांधी के सर्वे और फॉर्मूले के आधार पर तैयार किया माना जा रहा है। जहां जीरम घाटी के नक्सलवादी हमले में मारे गए प्रमुख कांग्रेस नेताओं को रिश्तेदारों को टिकट दिए गए हैं, वहीं कई नए चेहरों को उतारा गया है। जीरम हमले में मारे गए प्रदेश कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल को खरसिया और महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा को दंतेवाड़ा से टिकट दिए गए हैं। हमले में मारे गए उदय मुदलियार की पत्नी अलका मुदलियार को राजनांदगांव से टिकट दिया गया है। बस्तर और राजनांदगांव में भाजपा का पिछले चुनाव में दबदबा रहा था।
चरणदास महंत, अजीत जोगी और महेंद्र कर्मा के गुटों में संतुलन बनाने का प्रयास इस सूची में दिखाई देता है। हमले के दौरान विवाद में घिरे कवासी लकमा, जिन्हें अजीत जोगी के निकट माना जाता है, को कोंटा सीट से एक बार फिर टिकट दिया है। कवासी लकमा 1998 से लगातार जीतते आ रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में पूरे बस्तर में वही कांग्रेस के अकेले विधायक रहे थे। सूची में कई नाम चौंकाने वाले हैं। जगदलपुर से श्यामू कश्यम का नाम दिया गया है, जिनका नाम कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा था। इसी तरह मोहला मानपुर से मौजूदा विधायक शिवराज सिंह का टिकट काटकर तेजकुंवर नेताम को टिकट दिया गया है। जो एकदम नया चेहरा है।
भाजपा में घमासान: कांग्रेस की सूची जारी होने के बाद अब जल्द ही भाजपा भी प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगाने की तैयारी में है। भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में अनुशासित पार्टी कार्यकर्ताओं का उग्र रूप सामने आया था। कार्यकर्ताओं ने यहां जमकर नारेबाजी कर अपने ही पार्टी के वरिष्ठों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। कवर्धा से सुदर्शन और साजा के लालचंद बाफना के समर्थन में कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय में नारेबाजी की। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रामसेवक पैकरा समझाईश देने बाहर आए तो कार्यकर्ताओं ने पैकरा को घेर लिया और निष्पक्ष रूप से टिकट वितरण करने की मांग की। कार्यकर्ताओं ने टिकट वितरण में बाहरी लोगों को टिकट देने पर पार्टी छोडऩे तक की धमकी दे डाली। कार्यकर्ताओं का ऐसा रूख देखकर पार्टी नेता फिलहाल मंथन में जुट गए हैं, कार्यकर्ताओं का आक्रोश कैसे शांत करें, इसे वरिष्ठ नेता समझ नहीं पा रहे हैं। संकेत हैं कि भाजपा नौ वर्तमान और चार पुराने विधायकों पर दांव खेल सकती है। कांग्रेस के नाम सामने आने के बाद भाजपा अब जातिगत समीकरण और जीत सकने वाले फार्मूले के आधार पर निर्णय करेगी। कई सीटों पर भाजपा को अपने वर्तमान विधायकों को ही लेकर चलना होगा। जैसे, जगदलपुर शहर में कांग्रेस की ओर से सामू कश्यप का नाम अचानक सामने आने से भाजपा को जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए निर्णय करना पड़ेगा। कश्यप जिस जाति से आते हैं, वहां पर उस जाति के 40 हजार से अधिक वोट बताए जा रहे हैं। अंतागढ़ में विक्रम उसेंडी और कोंडागांव लता उसेंडी के बदले नए चेहरे तलाश रही भाजपा को जीत के फार्मूले के चलते पुराने चेहरों पर फिर जाना पड़ रहा है। फिर भी, सर्वे रिपोर्ट और सरकार की अपनी जानकारियों के आधार पर अंतिम समय में कुछ चौंकाने वाले नाम भी संभावित हैं। जिन विधायकों को पुन: टिकिट दिए जाने की चर्चा है, उनमें मुख्यमंत्री के अलावा विक्रम उसेंडी, लता उसेंडी, केदार कश्यप, सुभाऊ कश्यप, संतोष बाफना, भीमा मंडावी, महेश गागड़ा, कोमल जंघेल शामिल हैं। पिछली बार जिनके टिकट कटे थे, उनमें से चार नेताओं चित्रकोट से लच्छूराम कश्यप, डोंगरगढ़ से विनोद खांडेकर, खुज्जी से राजिंदर पाल सिंह भाटिया और मोहला मानपुर से संजीव शाह पर पार्टी दांव खेल सकती है। 18 टिकिटार्थियों के नाम दिल्ली पहुंचा दिए गए हैं। अंतिम फैसला 20 अक्टूबर को हो सकता है।
कांग्रेस की पहली सूची के नाम
देवती कर्मा (दंतेवाड़ा), अलका मुदलियार (राजनांदगांव), लखेश्वर बघेल (बस्तर), चंदन कश्यप (नारायणपुर), उमेश पटेल (खरसिया), संत नेताम (केशकाल), मोहन मरकाम (कोंडागांव), कवासी लकमा (कोंटा), गिरवर जंघेल (खैरागढ़), श्यामू कश्यप (जगदलपुर), दलेश्वर साहू (डोंगरगांव), विक्रम मंडावी (बीजापुर), मनोज सिंह मंडावी (भानुप्रतापपुर), शंकरलाल धुर्वा (कांकेर), मंगतूराम पवार (अंतागढ़), चित्रकोट (दीपक बैस), तेजकुंवर नेताम (मोहला मानपुर)