राज्यसभा की दावेदारी
02-Jan-2020 08:37 AM 1235294
मध्य प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर चुनाव के लिए तैयारी शुरू हो गई है। विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह को चुनाव के लिए रिटर्निंग अफसर नियुक्त कर दिया गया है। यही नहीं चुनाव की अधिसूचना जनवरी के पहले हफ्ते में जारी होने की उम्मीद है। 9 अप्रैल 2020 में तीन राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह, प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसलिए चुनाव आयोग ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार दो सीटों पर कांग्रेस के सदस्य चुने जाना हैं। फिलहाल दो सीटों पर भाजपा के सांसद हैं। कांग्रेस से कई दिग्गजों के नाम रेस में चल रहे हैं। चुनाव आयोग अगले महीने के पहले सप्ताह में राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी कर कार्यक्रम घोषित कर सकता है। मौजूदा सियासी गणित के तहत विधानसभा की दलीय स्थिति में एक-एक सीट भाजपा कांग्रेस मिलेगी, जबकि तीसरी सीट को लेकर दोनों ही पार्टियों में उठक पठक जारी है। इस तीसरी सीट पर निर्दलियों की भूमिका अहम होगी। इसलिए कांग्रेस और भाजपा प्रदेश के निर्दलीय विधायकों पर नजरें जमाए हुए है। राज्यसभा सदस्य के लिए भाजपा में दावेदारों की कमी नहीं है। मौजूदा सांसद प्रभात झा तीसरी बार राज्यसभा सदस्य बनना चाहते हैं, तो वहीं पार्टी के दूसरे नेताओं की दावेदारी भी प्रबल बताई जा रही है। इस बार राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी दौड़ में शामिल है। इसके अलावा महाकौशल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व महाधिवक्ता रविनंदन सिंह का नाम भी चर्चा में है। वहीं पिछली बार सदस्य बनने से चुके विनोद गोटिया भी रेस में हैं। गोटिया एक बार यह चुनाव लड़ चुके हैं। कुछ आदिवासी नेता भी दावेदारी कर रहे हैं। एक गुट आदिवासी नेता को सदस्य बनाना चाह रहा है। इसके अलावा चंबल से एससी कोटे से आने वाले लालसिंह आर्य का नाम भी चर्चा में है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि राज्यसभा सदस्य कौन बनेगा, कौन नहीं बनेगा, इसका फैसला भाजपा का संसदीय बोर्ड लेगा। पार्टी में नेता चुनने की एक व्यवस्था है। दावेदारी और अपनी बात रखने का सबको अधिकार है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की दावेदारी प्रबल बताई जा रही है। हालांकि इस बार यह आसान नहीं है। क्योंकि कांग्रेस में कई धड़े अपने नेता को आगे करने में लगे हुए हैं। कई ऐसे खेमे हैं, जिनकी नजर राज्यसभा सीट पर है। प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर कांग्रेस चाहती है कि इस बार दो सीटें उसके कब्जे में आ जाएं। एक सीट तो उसे मिलनी ही है, लेकिन दूसरी के लिए निर्दलीय विधायकों पर सबकी नजर है। निर्दलीय सरकार के साथ हैं, लेकिन सियासी समीकरण के चलते कांग्रेस ने अभी से सभी को साधना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल का कहना है कि इस बार कांग्रेस के पास 2 राज्यसभा सीट आएंगी। हमारी पूरी कोशिश है कि तीसरी सीट भाजपा को नहीं मिले। संगठन और सरकार मिलकर तैयारी कर रही है। अप्रैल में खाली होने वाली राज्यसभा की इन सीटों पर जीत के लिए भाजपा और कांग्रेस ने सियासी गणित बनाना शुरू कर दिए हैं। सियासी समीकरणों के अनुसार एक सदस्य के लिए 58 विधायकों का वोट जरूरी होता है। दो सीटों में एक भाजपा और दूसरी कांग्रेस को मिलेगी, लेकिन तीसरी सीट के लिए कांग्रेस के 56 और भाजपा के पास 50 विधायक रह जाएंगे। कांग्रेस को दो वोट जुटाने होंगे। दूसरी तरफ भाजपा को आठ वोट चाहिए। इतने वोट को अपने पक्ष में करने के लिए अभी से समीकरण बनाए जा रहे हैं और लामबंदी शुरू हो चुकी है। प्रदेश में रिक्त होने वाली तीन सीटों में से भाजपा के पास दो और कांग्रेस के पास एक सीट है। लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद समीकरण बदल गए हैं। विधानसभा की मौजूदा सदस्यों की संख्या के मुताबिक कांग्रेस की राह आसान दिख रही है। राज्यसभा सदस्यों के चुनाव में प्रत्याशी को जीत के लिए 58 विधायकों के वोटों की जरूरत होती है। कांग्रेस के पास अभी 114 विधायक हैं, लेकिन कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के मंत्रिमंडल में एक निर्दलीय विधायक है। तीन निर्दलीय कांग्रेस विचारधारा के हैं और सरकार को समर्थन भी दे रहे हैं। इसी तरह बसपा के दो और सपा का एक विधायक भी कमलनाथ सरकार को समर्थन कर रहे हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के पास 121 विधायकों का समर्थन है। वहीं, भाजपा के 108 विधायक हैं। ऐसे में कांग्रेस के दो प्रत्याशियों की राज्यसभा चुनाव में जीत आसान है। सिंधिया राज्यसभा के लिए प्रबल दावेदार कांग्रेस में दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। वर्तमान सांसद दिग्विजय सिंह के अलावा सबसे मजबूत दावेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया की बताई जा रही है। पार्टी उनको राज्य सभा भेजने का मन बना चुकी है। हालांकि, अंतिम निर्णय हाईकमान को ही लेना है। सीएम दिग्विजय के नाम पर सहमति जता सकते हैं। लेकिन इस रेस में पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और मुख्यमंत्री के लिए विधानसभा की सीट रिक्त करने वाले दीपक सक्सेना के नामों पर भी कांग्रेस विचार कर सकती है। - सुनील सिंह
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