18-Nov-2019 07:04 AM
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प्रहलाद लोधी केस के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में इन दिनों माननीयों के दाग ढूंढ़े जा रहे हैं। इसके पीछे मंशा यह है कि एक पार्टी दूसरी पार्टी के विधायक को अदालत में खड़ा कर सके। गौरतलब है कि दागी विधायकों के प्रकरणों की जांच स्पेशल कोर्ट में चल रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर किन-किन विधायकों पर गाज गिरेगी। सूत्र बताते हैं कि भाजपा ने कांग्रेस विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरणों की पड़ताल शुरू कर दी है। वहीं अपनों विधायकों से भी उन पर दर्ज आपराधिक प्रकरणों की रिपोर्ट मांगी है। जबकि चुनाव आयोग का आंकड़ा बता रहा है कि दागी तो सभी दलों में हैं। इस विधानसभा में 230 विधायकों में से 94 यानी 41 फीसदी विधायकों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं।
स्थिति एक समान
मतलब साफ है कि भाजपा हो या कांग्रेस या फिर सपा-बसपा-निर्दलीय हर कोई यहां दागदार है। इनमें कई विधायक तो ऐसे हैं जिन पर मर्डर, मर्डर की कोशिश, महिला अपराध से जुड़े मामले शामिल हैं। भाजपा के प्रहलाद लोधी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले पर एक कोर्ट के सजा के एलान और फिर रोक ने भले ही नेताओं के बीच बयानबाजी शुरू कर दी हो, लेकिन सवाल ये है कि सियासी दल दागी नेताओं को टिकट क्यों देते हैं।
भाजपा-कांग्रेस में मची होड़
पवई से चुनाव जीते भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी को भले ही हाईकोर्ट से फौरी राहत मिल गई हो लेकिन भाजपा और कांग्रेस में एक-दूसरे को सबसे बड़ी आपराधिक पार्टी बताने की होड़ तेज हो गई है। 2014 में तहसीलदार से मारपीट के मामले में भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनायी थी। उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता शून्य कर दी। भोपाल कोर्ट के फैसले के खिलाफ लोधी हाईकोर्ट गए और वहां से उन्हें फौरी तौर पर राहत मिल गई। जबलपुर हाईकोर्ट ने 7 जनवरी 2020 तक उनकी सजा पर रोक लगा दी। इस दिन केस की अगली सुनवाई होगी।
राजनीति में भूचाल
प्रहलाद लोधी के केस ने एमपी की राजनीति में भूचाल सा ला दिया है। भाजपा तो अब अपने विधायकों का रिकॉर्ड खंगाल रही है। नई बहस इस बात को लेकर छिड़ गई है कि सबसे ज्यादा अपराधियों को पनाह देने वाली पार्टी कौन सी है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भाजपा विधायकों को पत्र लिख उन पर दर्ज आपराधिक प्रकरणों का ब्यौरा मांगा है। नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों पर लंबित आपराधिक प्रकरणों पर दर्ज एफआईआर की कॉपी सहित मामले की पैरवी करने वाले की भी जानकारी मांगी है। प्रहलाद लोधी केस में कांग्रेस नेताओं के बयान के बाद पार्टी अलर्ट मोड पर है।
एक-दूसरे पर आरोप
कांग्रेस ने भाजपा को अपराधियों की पार्टी करार दे दिया है। संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि भाजपा तो दागी नेताओं की देखरेख में लगी है। इस तरह के आरोपों से बीजेपी नेता भड़क उठे हैं। भाजपा विधायक विश्वास सारंग ने कहा कि बीते 5 दिनों में कमलनाथ सरकार के मंत्रियों के रिश्तेदारों की दबंगई और फिर दर्ज मामलों के बाद साफ है कि उनकी पार्टी में कितने अपराधी हैं।
दागी विधायकों की स्थिति
भाजपा और कांग्रेस भले ही एक दूसरे को अपराधियों की भरमार वाली पार्टी बता रहे हों, लेकिन हकीकत सामने है। चुनाव आयोग में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक विधानसभा में इस बार जीत कर पहुंचे 94 विधायकों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। यानि इस विधानसभा में 41 फीसदी सदस्य दागी हैं।
आपराधिक प्रकरण वाले विधायक और दल
पार्टी विधायक संख्या आपराधिक मामला गंभीर अपराध
कांग्रेस 115 56 28
भाजपा 108 34 15
निर्दलीय 04 01 01
बसपा 02 02 02
सपा 01 01 01
- राजेश बोरकर