05-Sep-2019 07:20 AM
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मप्र की राजधानी भोपाल सहित पूरा प्रदेश ड्रग माफिया के लिए मुफीद जगह बनती जा रही है। राजधानी में ड्रग माफिया के फैले जाल को देखकर हर कोई इस बात से डर रहा है कि यदि इस पर जल्द अंकुश नहीं लगाया गया तो मध्यप्रदेश कहीं उड़ता पंजाबÓÓ न बन जाए। इसको देखते हुए सरकार ने ड्रग्स माफिया के खिलाफ आपरेशन प्रहार शुरू कर रखा है। पुलिस इनके नेटवर्क को तोडऩे के प्रयास में लगी है और इस दरम्यान वह न केवल खतरनाक ड्रग्स को जब्त कर रही है, बल्कि अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करने में भी लगी है। स्पेशल टास्क फोर्स ने 20 अगस्त को भोपाल स्टेशन से तीन किलो अल्प्राजोलम पाउडर के साथ मां-बेटे को गिरफ्तार किया। वे उसे बनारस ले जाने वाले थे। इस पाउडर की कीमत दो करोड़ रुपए आंकी गई है। 21 अगस्त को भी 375 किलो गांजे के साथ 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन्हें पकडऩे के साथ ही पुलिस का दावा है कि उसने अंतर्राज्यीय गिरोह का भांडाफोड़ कर दिया है।
भोपाल पुलिस ने 1-2 अगस्त की दरमियानी रात से ड्रग्स माफिया के खिलाफ अभियान शुरू कर इतवारा इलाके की कंजर बस्ती के दो डेरों पर छापामार 21 किलो गांजा और 900 ग्राम चरस के साथ नशे का धंधा करने वाले महिला-पुरुष सहित 31 लोगों को गिरफ्तार किया। 300 जवानों के साथ जब पुलिस ने छापा मारा, तो पूरी बस्ती गहरी नींद में सो रही थी। 3 एसएसपी, 4 सीएसपी और 7 टीआई के साथ इस कार्रवाई के लिए 40 सदस्यीय टीम बनाई गई थी। इस ऑपरेशन में शामिल पुलिसवालों को अंत तक इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी। यहां छापा मारने से पहले 15 दिनों से बस्ती की रेकी की गई थी। ऑपरेशन के दरम्यान पुलिस वालों के फोन तक रखवा लिए गए थे। पुलिस ने जब सर्चिंग की तो पहले उसे कुछ भी हाथ नहीं लगा, लेकिन जब उसने ध्यान से देखा, तो कई घरों में पुराने कपड़ों के ढेर दिखे। उन्हें हटाने पर वहां गढ्ढे दिखे। उन गढ्ढों में ड्रग्स छिपाए गए थे।
अनुमान लगाया जा रहा है कि शहर के एक दर्जन से ज्यादा इलाकों में नशे के सौदागर गिरोह बनाकर सक्रिय हैं। शिकायतों के बावजूद इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हो रही थी। यही वजह है कि राजधानी में अंतर्राज्यीय नेटवर्क खड़ा हो गया। भोपाल संभाग के पुलिस महानिरीक्षक योगेश देशमुख ने भोपाल को ड्रग फ्री करने की मुहिम शुरू की है। वे इस बात की आशंका जताते हैं कि बड़ी कार्रवाइयों के बाद नशा तस्कर अलर्ट हो गए होंगे, लेकिन इसके बावजूद पुलिस उनका नेटवर्क तोड़ देगी। दूसरी ओर भोपाल संभाग की आयुक्त कल्पना श्रीवास्तव नवोत्थान अभियान चला रही हैं।
2019 के पहले सात महीने में पूरे प्रदेश में 9.20 किलो स्मैक, 131.6 किलो अफीम एवं उसके 53018 पौधे, 6776 किलो गांजा एवं उसके 44289 पौधे, 3.86 किलो चरस, 26319 किलो डोडा चूरा और नशीली दवाइयों की 47897 शीशी व टेबलेट जब्त किए गए। पिछले 3-4 सालों की तुलना में यह आंकड़ा बहुत ज्यादा है।
गृह मंत्री बाला बच्चन के अनुसार 1 जनवरी से 31 जुलाई 2016 में स्मैक, अफीम, गांजा, चरस, कैमिकल्स ड्रग्स इत्यादि के 464 प्रकरण दर्ज कर 680 आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की गई थी। इसी प्रकार 2017 की इस अवधि में 577 प्रकरणों में 812 आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की गई थी। वर्ष 2018 में इस अवधि के दौरान 967 प्रकरणों में 1354 आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की गई। कमलनाथ सरकार के आते ही ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया गया और 01 जनवरी से 31 जुलाई 2019 के बीच 1623 प्रकरणों में अवैध मादक पदार्थों के तस्करों के खिलाफ कार्यवाही की गई और 2129 आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की गई। वर्तमान में चलाये जा रहे आपरेशन प्रतिकारÓ में 01 अगस्त से 15 अगस्त के बीच अर्थात मात्र 15 दिनों में स्मैक, चरस, गांजा, अफीम, कैमिकल ड्रग्स इत्यादि के 244 प्रकरणों में 300 आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की गई। मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर बीते आठ माह में 1867 अवैध मादक पदार्थों के प्रकरण दर्ज किये गये हैं और 2429 आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है।
-बृजेश साहू