19-Aug-2019 06:52 AM
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भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के वादे के साथ सत्ता में आए मुख्यमंत्री कमलनाथ इस कोशिश में लगे हैं कि वह अपने वादे को हर हाल में पूरा करें। इसके लिए वे प्रशासन में गति लाने के साथ ही उसे पारदर्शी बनाने में जुटे हुए हैं। इस कड़ी में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 6 जुलाई को सरकारी काम-काज में गति लाने के लिए अधिकारी एवं कर्मचारियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। लेकिन एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी किसी भी विभाग ने अभी तक खराब परफार्मेंस वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों की रिपोर्ट तैयार करके सामान्य प्रशासन विभाग को नहीं भेजी है। जबकि विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर एक महीने के भीतर रिपोर्ट भेजने को कहा था।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी 54 विभागों को पत्र लिखकर कहा था कि 50 वर्ष की आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले शासकीय सेवकों के अभिलेखों की समीक्षा करके अनिवार्य सेवानिवृत्ति के संबंध में रिपोर्ट भेजी जाए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्देश दिए थे कि सरकारी कार्य में बेहतर कामकाज की आवश्यकता बताते हुए ऐसे अधिकारी जो अक्षम है अथवा अक्षमता के साथ कार्य करते हैं, उन्हें हटाया जाए। इसके लिए 20 साल की सेवा अथवा 50 साल की आयु पूरा करने वाले अधिकारी के कामकाज की समीक्षा रिपोर्ट 30 दिन के भीतर भेजी जाए। इसी रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए। इधर जीएडी के उपसचिव सीबी पडवार ने बताया कि विभागों से जानकारी आना शुरू नहीं हुई है। सभी विभागों को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री की मंशा से अवगत करा दिया था।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पिछले महीने 6 जुलाई को सामान्य प्रशासन विभाग ने आनन-फानन में सभी विभागों को इस संंबंध में पत्र जारी कर दिया था, लेकिन इसके बाद जीएडी ने किसी भी विभाग से इस संंबंध में किसी तरह का पत्राचार भी नहीं किया। सामान्य प्रशासन विभाग के पास अभी तक किसी भी विभाग की कोई जानकारी नहीं आई है। जीएडी सूत्रों ने बताया कि अब विभागों को रिमांडर भेजा जा रहा है। इधर, निठल्ले अधिकारी एवं कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ जल्द ही समीक्षा बैठक बुलाने वाले हैं। मंत्रालयीन सूत्रों ने बताया कि जिन विभागों द्वारा रिपोर्ट नहीं भेजी जा रही है, उनके विभाग प्रमुखों से जवाब-तलब किया जाएगा। साथ ही रिपोर्ट भेजने में लापरवाही की तो फिर संंबंधित के खिलाफ गाज भी गिर सकती हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय अधिकारियों और कर्मचारियों की हर साल परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करवाते हैं और अक्षम पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इससे केंद्रीय विभागों में कार्यों की गति बढ़ी है। प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा कहते हैं कि प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार करने का निर्देश दे दिया गया है। वह कहते हैं कि प्रदेश की जनता के काम जल्द से जल्द हो इसके लिए सरकार हमेशा तत्पर है। किसी भी सरकारी कार्यालय में किसी भी व्यक्ति का काम न रूके इसके लिए मुख्यमंत्री सख्त निर्देश दे चुके हैं। उसका पालन भी कराया जा रहा है।
-सुनील सिंह