अब जल शक्ति रैंकिंग
03-Aug-2019 07:56 AM 1234824
स्वच्छता सर्वेक्षण की तर्ज पर अब प्रमुख शहरों की जल शक्ति की रैकिंग भी की जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में गठित जल शक्ति मंत्रालय अब प्रमुख शहरों के जल स्रोतों के पुनरोद्धार, वाटर हार्वेस्टिंग के इंतजाम, पौधरोपण और ट्रीट किए गए पानी के पुन: उपयोग जैसे कार्यों पर शहरों की मार्किंग करेगा। जानकारी के अनुसार, जल शक्ति अभियान, केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी प्रमुख शहरों में वाटर हार्वेस्टिंग, पौधरोपण, पानी के पुन: उपयोग जैसे कार्यों का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के बाद निगम अफसरों को इस सर्वे के तय मापदंडों के डेटा को जल शक्ति मिशन के पोर्टल पर अपलोड करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। जल शक्ति अभियान के तहत प्रथम चरण में सर्वे 1 जुलाई से 15 सितंबर के बीच और द्वितीय चरण में 1 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच किया जाएगा। इसमें देश के 200 जिलों के 496 शहरी व नगरीय निकाय शामिल होंगे। इसमें मप्र के 11 जिले और उनके 29 नगरीय निकाय शामिल होंगे। मप्र के नगरीय निकायों में नीमच, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास, धार, इंदौर, बड़वानी व राजगढ़ को शामिल किया गया है। संयुक्त सचिव और नोडल अधिकारी जल शक्ति अभियान केंद्रीय जल आयोग अभय दामले कहते हैं कि अभियान के दौरान वाटर हार्वेस्टिंग, पौधरोपण, पानी के पुन: उपयोग जैसे कार्यों को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार की कोशिश है कि देश में पानी और प्रकृति का हर साल में संरक्षण हो। इसमें सभी की सहभागिता जरूरी है। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब सत्ता में आए थे तो उन्होंने देश को गंदगी से मुक्त कराने का संकल्प लिया था। मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत अभियानÓ की शुरुआत की गई जिसका एकमात्र उद्देश्य वर्ष 2019 तक भारत को एक साफ-सुथरे देश में परिवर्तित करना था। पिछले 5 सालों के दौरान मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन को एक जन-अभियान के तौर पर चलाया और लोगों को अपने आस-पास सफाई रखने के लिए जागृत किया गया। हालांकि, स्वच्छ भारत मिशन के बाद मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में अब जल संरक्षण को एक जन-अभियान का रूप देने की तैयारी में है। इसी के मद्देनजर 1 जुलाई को भारत सरकार द्वारा जल शक्ति मिशन लॉन्च किया गया है। भारत चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है और भारत अभी भयंकर जल संकट से जूझ रहा है। बारिश कम होने से इस साल जून महीना पिछले 5 सालों के मुकाबले सबसे सूखा रहा। पिछले साल नीति आयोग ने भारत में जल संकट के ऊपर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें बताया गया था कि वर्ष 2020 तक भारत के 21 बड़े शहरों का भू-जल स्तर खतरनाक रूप से कम हो जाएगा। इसी रिपोर्ट में भारत में पीने लायक पानी की कमी की समस्या और घटते जल संसाधनों को भी प्रकाशित किया गया था। भारत में जल संरक्षण को लेकर लोगों और सरकारों का रुख काफी निराशाजनक रहा है। आज आलम यह है कि भारत सिर्फ 8 प्रतिशत बरसाती पानी को ही संरक्षित कर पाता है जो कि बेहद चिंतनीय है। भारत में दुनिया की 16 प्रतिशत आबादी रहती है जबकि देश के पास दुनिया के सिर्फ 4 प्रतिशत जल-संसाधन ही मौजूद है। ऐसे में भारत में जल्द से जल्द लोगों को जल संरक्षण के लिए जागृत करने की आवश्यकता है और नई सरकार ने अपने पहले महीने में ही यह दर्शा दिया है कि वह इस दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी सरकार ने पहली बार जल शक्तिÓ के नाम से एक ऐसे मंत्रालय का गठन किया जिसका एकमात्र मकसद जल संसाधन से जुड़े अहम फैसलों पर जल्द से जल्द महत्वपूर्ण फैसले लेना है और इस मंत्रालय की जिम्मेदारी गजेन्द्र सिंह शेखावत को सौंपी गई है। इसके अलावा स्वयं प्रधानमंत्री मोदी भी जल शक्तिÓ अभियान को एक बड़ा रूप देने की तैयारी में हैं। पिछले हफ्ते दक्षिण ब्लॉक में पीएम मोदी ने कई मंत्रियों के साथ एक बैठक की जिसमें जल शक्तिÓ मंत्रालय के अफसर भी शामिल थे। इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह उनकी सरकार के पहले कार्यकाल में स्वच्छ भारत मिशन को प्राथमिकता दी गई थी, अब नई सरकार के कार्यकाल में जल शक्ति मिशन को एक जन-अभियान में बदलने का प्रयास किया जाएगा। - राजेश बोरकर
FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^