16-May-2019 06:54 AM
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देश की 17वीं लोकसभा के लिए 6 चरणों में मतदान हो चुके हैं जबकि एक चरण का मतदान शेष हैं। 23 मई को नतीजे आने के बाद इस बात का फैसला हो जाएगा कि भारत का प्रधानमंत्री कौन होगा। बात क्योंकि देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी से जुड़ी हैं इसलिए क्या भाजपा क्या कांग्रेस सभी प्रमुख दल चुनाव जीतने के लिए जी जान एक किये हुए हैं और अपनी तरफ से तरह-तरह के सियासी हथकंडे अपना रहे हैं। स्थिति कैसी हैं और नेता सत्ता सुख के लिए किस लेवल पर उतरे हैं इसका नजारा मप्र में देखने को मिला।
किसानों से कर्जमाफी का वादा कर 15 साल बाद सत्ता पाने में कामयाब कांग्रेस अब आगे की जीत के लिए न्याय योजना का सहारा लेती नजर आई। यहां खरगोन में किसानों से मांग पत्र भरवाए गए हैं जिनमें गरीब परिवारों को उनके खाते में मासिक 6 हजार रुपए चुनाव के बाद डालने का लालच दिया गया है। दिलचस्प बात ये है कि मांगपत्र पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव की फोटो लगी है। बात अगर अरुण यादव की हो तो वे विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान से हार गए थे। उन्हें कांग्रेस ने फिर से लोकसभा चुनाव में टिकट दिया। भराए गए मांग पत्र पर जब चर्चाओं का दौर शुरू हुआ तो स्थानीय कांग्रेसी नेता संजय पटेल को पार्टी की तरफ से पक्ष रखना पड़ा। संजय पटेल का कहना है कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष गरीबों के उत्थान के लिए, गरीबों के विकास के लिए एक बहुत अच्छी योजना अपने घोषणापत्र में लेकर आए हैं जिसमें हम 72000 रुपए प्रतिवर्ष गरीबों को चिन्हित करके उन्हें देंगे। साथ ही उन्होंने ये कहा कि हम भी अपने घोषणापत्र को आम जन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे ताकि लोगों को ये मालूम पड़े कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में गरीबों के उत्थान की बात की है।
जब पटेल से कांग्रेस नेताओं द्वारा किये जा रहे इस धोखे पर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि पूरे देश का जो मतदाता है वो कांग्रेस का है। जो कांग्रेस की नीति और जो कांग्रेस के अन्दर विश्वास करता है वो कांग्रेस का कार्यकर्ता है। ऐसे में यदि कार्यकर्ता घोषणापत्र से जन जागरण कर रहा है। मतदाताओं में जागरूकता फैला रहा है तो इसमें कोई बुराई नहीं है और ये उसका कत्र्तव्य है। वो अपने कत्र्तव्य का निर्वाह कर रहा है। वहीं भाजपा ने इस पूरे मामले पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है और इसे छलावे का नाम दिया है। भाजपा के क्षेत्रीय नेता परसराम चौहान का कहना है कि कांग्रेस फिर से छलावा कर रही है। ये छलावा कुछ वैसा ही है जैसा उसने अभी बीते दिनों कर्ज माफी के नाम पर किया। इसके अलावा चौहान ने ये भी कहा कि अब कांग्रेस ने न्याय के नाम पर अन्याय का प्रोपेगंडा तैयार किया जा रहा है। कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं है। कांग्रेस लालच देकर मतदाता को भ्रमित करने का काम कर रही है।
आपको बताते चलें कि इस मामले पर ग्रामीणों का कहना है कि कुछ लोग आए और उन्होंने उनसे खाता नंबर, आधार कि फोटो कॉपी और मोबाइल नंबर लेकर ये फॉर्म भराए। जब उनसे पूछा गया कि ये पैसा कब आएगा तो उन्होंने बस इतना कहकर बात टाल दी की चुनाव के बाद सभी के खातों में पैसा डाल दिया जाएगा। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की तरह ऐसा ही कुछ मामला राजस्थान में भी देखने को मिला है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी के साथ वायरल हुआ है और ये वीडियो राजस्थान के कोटा का बताया जा रहा है। क्षेत्र के मतदान से 48 घंटे पहले, कुछ राजनीतिक कार्यकर्ता कांग्रेस की न्याय योजना के फर्जी फॉर्म बांटते देखे गए, जो शहर में चर्चा का कारण बना। फॉर्म में निजी जानकारी मांगी गई थी और लोगों से 72,000 रुपए प्राप्त करने के लिए खुद को पंजीकृत करने के लिए ई-मित्र पर फॉर्म जमा करने के लिए कहा गया था।
यदि इस वीडियो का अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि कई ग्रामीणों, जिनमें विशेषतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों की भोली-भाली महिलाएं शामिल थीं उन्हें योजना के फॉर्म दिए गए थे, इस पर कांग्रेस के चुनाव चिन्ह के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भी फोटो छपी थी। जब ग्रामीण-जन स्थानीय सरकारी कार्यालय में अपने फॉर्म जमा करने के लिए पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि उन्हें जो फॉर्म वितरित किए गए वो नकली थे और इनका वितरण केवल उन्हें धोखा देने के लिए किया गया था।
-रजनीकांत पारे