01-Jan-2019 10:42 AM
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स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के लिए स्मार्ट सिटी में साफ-सफाई सहित कराए गए अन्य स्मार्ट कार्यों की हकीकत जानने स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम कभी भी शहर पहुंच सकती है। लिहाजा इस बार सफाई में भोपाल को सिरमौर बनाने स्मार्ट सिटी ने जहां पूरा जोर लगा दिया है, वहीं सफाई पर सफाईÓ से नजर भी रखी जा रही है। क्योंकि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए एक टीम नहीं बल्कि 3 टीमें शहर आकर स्मार्ट सफाई का जायजा लेंगी। इसमें ओडीएफ प्लस-प्लस और स्टार रेटिंग देने वाली टीम और स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑफ काउंसिल की सर्वे टीम कभी भी शहर पहुंच सकती है।
नगर निगम ने शहर को कचरा मुक्त शहर बनाने के लिए स्टार रेटिंग के अंक जुटाने की तैयारी चरम पर है। इस बीच निगम स्टार रेटिंग पांच और सात के लिए दावा करेगा। इसके बाद केंद्र से टीम आएगी, जो निगम द्वारा किए गए दावों की जांच करेगी। स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के पैरामीटर्स में स्टार रेटिंग को शामिल किया गया है। इसमें 1 और 2 स्टार के लिए निगम खुद को सत्यापित करेगा। जबकि 4 स्टार के लिए राज्य सरकार सत्यापित करेगी। वहीं, 5 और 7 स्टार रेटिंग के लिए शहरी विकास मंत्रालय की टीम भौतिक सत्यापन के बाद सत्यापित करेगी। यदि निगम को 7 रेटिंग मिलती है तो इसके 1000 अंक मिल जाएंगे। जबकि ओडीएफ डबल प्लस सत्यापित होने पर 250 अंक मिलेंगे। इस तरह कुल 1250 अंक मिलेंगे।
इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग लेने और डंपिंग साइट तक पहुंचाने और कचरे का मौके पर ही निष्पादन करने के अलग से अंक निर्धारित हैं ताकि कम से कम कचरे का परिवहन किया जा सके। असल में निगम कचरे का सेग्रीगेशन करने और मौके पर ही निष्पादन कर पाने में सफल नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उक्त अंक हासिल करने के लिए नए सिरे से लॉगबुक तैयार की जा रही हैं। इन लॉगबुक में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग उठाकर डंपिंग साइट तक पहुंचाने के साथ ही कम कचरा शहर से निकलने जैसी जानकारी दर्ज की जा रही हैं। ताकि, इस रिकॉर्ड के आधार पर स्वच्छ सर्वेक्षण में अधिक से अधिक नंबर मिल सकें।
शहर में प्रतिदिन 850 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। निगम 19 जोन के 85 वार्डों में कचरा कलेक्शन का काम 245 बड़े-छोटे वाहनों से करता है। इस कार्य में प्रतिमाह 4 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में भोपाल शहर को नंबर वन पर लाने की कवायद शुरू हो गई है। इस बार इंदौर की तर्ज पर शहर की प्रमुख सड़कों की सफाई के लिए विदेश से स्वीपर मशीनें मंगाई जा रही हैं। इन मशीनों से न केवल सड़कों की सफाई होगी, बल्कि पानी की फुहार से भी सड़कों को धोया जाएगा। भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएससीडीसीएल) इस पर करीब 27 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। इसके लिए कार्पोरेशन ने निजी कंपनी का चयन कर लिया है। यह कंपनी आगामी पांच सालों तक शहर में सफाई व्यवस्था संभालेगी। निगम कमिश्नर अविनाश लवानिया ने बताया की स्वीपर मशीनों से शहर की प्रमुख सड़कों की सफाई होगी। इसमें तीनों लिंक रोड, भदभदा रोड, स्मार्ट रोड, रोशनपुरा से लालघाटी, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट के बीच मशीनें लगाई जाएंगी। इनसे रोजाना 400 किमी लंबाई तक की सड़कें चकाचक हो सकेंगी। इससे धूल के कारण होने वाले प्रदूषण की समस्या से भी राहत मिलेगी।
ये मशीनें इटली से मंगाई जा रही हैं। साइड वर्थ, फुटपाथ, स्मारक, बोर्ड की सफाई और धुलाई के लिए छोटी मशीन रहेगी। इसके अलावा टिपर भी मंगाए जाएंगे, जो सफाई के बाद एकत्र होने वाले कचरे को कचरा पेटी तक ले जाएगा। नए साल के जनवरी महीने में स्वच्छता सर्वेक्षण होना है, ऐसे में सफाई व्यवस्था जल्द से जल्द शुरू करने के लिए कंपनी को निर्देशित किया गया है।
- नवीन रघुवंशी