18-Oct-2018 09:00 AM
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उजाला योजना के तहत 9 वॉट के एलईडी बल्ब को 70 रुपए में बेचा गया। इन बल्बों की गारंटी तीन साल की थी। कुछ महीनों बाद जब एलईडी फ्यूज हुईं तो लोग इन्हें बदलने उन्हीं काउंटर्स पर पहुंचे, जहां से बल्ब खरीदे गए थे। इन काउंटर्स का अब अता-पता नहीं चल रहा है। इस समय खराब एलईडी बल्ब केवल मप्र ऊर्जा विकास निगम के लिंक रोड 2, शिवाजी नगर स्थित मुख्यालय पर ही बदले जा रहे हैं। कुछ लोग तो बल्ब बदलने के लिए महीनों से चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन फ्यूज एलईडी बल्ब बदले नहीं जा सके।
ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार ने अप्रैल 2016 में उजाला योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य जल्द से जल्द देश के हर घर में एलईडी बल्ब पहुंचाना था। इससे बिजली की खपत कम होगी और ऊर्जा को अधिक से अधिक बचाया जा सकेगा। सरकार ने इस योजना के तहत सस्ती दरों पर एलईडी बल्बों का वितरण शुरू किया था। यह एलईडी बल्ब बाजार से 40 प्रतिशत सस्ती दरों पर उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं बीपीएल कार्ड धारियों को तीन-तीन एलईडी बल्ब मुफ्त में बांटे गए हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि योजना के तहत नकली बल्ब भी बेच दिए गए। इससे बल्ब जल्दी खराब हो रहे हैं। उजाला योजना से जुड़े ऊर्जा विकास निगम के अधिकारियों का भी मानना है कि योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों ने कुछ नकली बल्ब भी बेच डाले। इंदौर में एक बल्ब बनाने की फैक्टरी पकड़ी गई थी, जिसमें उजाला योजना की हू-ब-हू नकल करके उजाला योजना, मप्र ऊर्जा विकास निगम, ईईएसएल ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार आदि छापा गया था। उसे देखकर कोई कह ही नहीं सकता था कि ये बल्ब नकली है।
केन्द्र सरकार की तरफ से ईईएसएल कंपनी को बल्ब वितरण का जिम्मा दिया गया था। कंपनी ने वितरण तो ठीक किया, लेकिन इसके बाद कंपनी के विक्रय सेंटर बंद हो गए। अब एजेंसी द्वारा लगाए गए बल्ब फ्यूज हो रहे हैं। बल्बों को बदलवाने के लिए लोग बिजली दफ्तर, निगम कार्यालय के धक्के खा रहे हैं। अधिकारियों के टाल-मटोल रवैये और अस्पष्ट जवाब से उपभोक्ता परेशान हैं। राजधानी में फिलहाल ऊर्जा विकास निगम मुख्यालय के सिवाय अन्य केन्द्रों पर खराब एलईडी बदलने की सुविधा नहीं है। ऊर्जा विकास निगम मुख्यालय दूर होने के चलते कई लोग तो फ्यूज एलईडी इसलिए नहीं बदल रहे कि जितना किराया और समय खर्च होगा, बल्ब तो उससे कम कीमत के ही हैं। परेशान होने और लाइन में लगने से अच्छा वे नया बल्ब ही खरीद लें। ईईएसएल की ओर से बल्ब बेचने वालों को मध्यप्रदेश से हटा दिया गया है। अब ऊर्जा विकास निगम विद्युत केन्द्रों पर उजाला एलईडी बेचने व बदलवाने का कार्य करवाएगी। भोपाल समेत पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था लागू की जा रही है। भोपाल में ऊर्जा विकास निगम मुख्यालय के अलावा सभी डिवीजनल सेंटर्स पर यह व्यवस्था शुरू की जा रही है। एडिशनल ईई एवं प्रभारी उजाला योजना अनूप गर्ग कहते हैं कि ईईएसएल के लोगों को 5-6 महीने पहले हटा दिया गया है। अब ऊर्जा विकास निगम के लोग ही बिजली केन्द्रों पर इन बल्बों की बिक्री व बदलने का काम किया जाएगा। पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था ऊर्जा विकास निगम अपने केन्द्रों पर करेगा।
अब किस्तों पर इंडक्शन चूल्हा देने की तैयारी
रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार लोगों को कम कीमत पर खाना पकाने के लिए एक और विकल्प उपलब्ध कराएगी। उज्ज्वला योजना की तर्ज पर आसान किस्तों में इंडक्शन चूल्हा बांटा जाएगा। इससे हर परिवार को सालाना पंद्रह सौ रुपए की बचत होगी। इंडक्शन चूल्हा शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को उपलब्ध कराए जाएंगे। एक मुश्त कीमत देकर भी इंडक्शन चूल्हा खरीदा जा सकता है। किस्तों पर चूल्हा खरीदने वाले परिवारों को हर माह बिजली के बिल के साथ किस्त अदा करनी पड़ेगी। ईईएसएल ने इंडक्शन चूल्हे का प्रस्ताव बिजली मंत्रालय को भेज दिया है। सिंगल इंडक्शन चूल्हे की कीमत करीब 800 रुपए और डबल इंडक्शन चूल्हे की कीमत लगभग 1500 रुपए होगी।
- सुनील सिंह