कबाड़ से हथियार की तस्करी!
17-Sep-2018 09:18 AM 1234909
मप्र की संस्कारधानी जबलपुर में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जो एके 47 बेचने का धंधा कर रहा था। पुलिस का दावा है कि ये गैंग 2012 से अभी तक 70 से ज्यादा एके-47 बेच चुका है। इस गोरखधंधे में सेना के कुछ अफसरों के भी शामिल होने की आशंका है। फिलहाल पुलिस की रडार पर सेना के चार अफसर हैं। इस तस्करी का खुलासा बिहार की मुंगेर पुलिस द्वारा एके-47 सहित आरोपित इमरान, नियाजुल हसन व शमशेर को गिरफ्तार करने के बाद हुआ है। तीनों आरोपियों की निशानदेही पर जबलपुर में पुलिस ने एक रिटायर्ड फौजी पुरुषोत्तम लाल रजक को गिरफ्तार किया है, जिसने देशभर में बदमाशों और आतंकियों को 70 एके47 राइफल बेच डाली। लाखों के वारे न्यारे कराने वाले आरोपी पुरषोत्तम का बेटा शीलेन्द्र भी इस गोरखधंधे में उसके साथ मिलकर देश से गद्दारी कर रहा था। जबलपुर के पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी पुरुषोत्तम लाल काफी समय से इस धंधे में शामिल था। जांच में पता चला कि पुरुषोत्तम लाल इस गोरखधंधे को चलाने के लिए सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो में तैनात सुरेश ठाकुर नामक एक कर्मचारी की मदद लिया करता था। पुलिस ने सुरेश ठाकुर को भी गिरफ्तार कर लिया। वह जबलपुर के सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो में तैनात था। उसके पास एके47 सहित कई बेकार हो चुके खतरनाक हथियारों को गोदाम में रखने की जिम्मेदारी थी। आरोपी सुरेश ठाकुर सीओडी फैक्ट्री का अधिकारी होने के पूरा फायदा उठाकर अपनी गाड़ी में बेकार हो चुकी एके 47 चुराकर ले जाता था और शातिर पुरुषोत्तम लाल को दे देता था। चुराई गई बेकार एके 47 को शातिर पुरुषोत्तम लाल रजक फिर से सुधारकर सही करता और फिर उसे अपने ग्राहकों को साढ़े चार लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक बेच देता था। पुरुषोत्तम लाल ने साल 2012 से एके 47 बेचने का ऐसा सिलसिला शुरू किया फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 506 आर्मी बेस वर्कशॉप में सेना के आर्मरर के पद पर पोस्टिंग के दौरान पुरुषोत्तम एके47 सुधारने का काम करता था और इसे इस काम में उसे महारत हासिल थी। पुरुषोत्तम ने 2008 में आर्मी से रिटायर होने के बाद रुपये कमाने के लालच और महंगे शौक पूरा करने के लिए आर्मी से रिटायर हुए अपने साथी आर्मरर नियाजुल हसन निवासी मुंगेर के जरिये इमरान और शमशेर सिंह के संपर्क किया। फिर पुरुषोत्तम ने इन लोगों के साथ मिलकर देश की सुरक्षा में काम आने वाली एके 47 को देश के दुश्मनों तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया। एके 47 बेचने के इस गोरखधंधे में पुरषोत्तम अपने बेटे शीलेन्द्र और पत्नी चंद्रवती रजक की भी मदद लिया करता था। मुंगेर से इमरान की गिरफ्तारी के बाद पुरुषोत्तम के इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने पुरुषोत्तम के साथ उसके बेटे शीलेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसकी पत्नी चंद्रवती अभी तक फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। - सिद्धार्थ पांडे
FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^