17-Jul-2013 08:42 AM
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पहले चैम्पियंस ट्रॉफी और फिर वेस्टइंडीज में त्रिकोणीय शृंखला लगातार दो जीत ने यह सिद्ध किया है कि टीम इंडिया न केवल सिरमौर है बल्कि दुनिया की सबसे अच्छी क्रिकेट टीम भी बन चुकी है। जून और जुलाई के माह में टीम इंडिया ने

विश्व की सभी प्रमुख टीमों को पराजित किया है। दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, श्रीलंका और इंग्लैंड। इससे पहले यह करिश्मा केवल आस्ट्रेलियाई टीम दिखा पाई थी। छोटे अंतराल में लगातार शीर्ष टीमों को पराजित करते जाना अपने आप में अभूतपूर्व कदम है। भारत ने यह सिद्ध किया है कि वह न केवल सबसे मजबूत टीम बन चुकी है बल्कि विदेशी जमीनों पर भी अब जीतने में सक्षम है और सीरीज में पिछडऩे के बावजूद विजेता की तरह वापस लौट सकती है तथा किसी भी टीम को ध्वस्त कर सकती है। बोनस अंक के साथ श्रीलंका और वेस्टइंडीज के विरुद्ध जीत दर्ज करने के बाद श्रीलंका के विरुद्ध फाइनल में अंतिम ओवर में कप्तान धोनी ने मात्र तीन गेंदों में 16 रन ठोक कर मैच का पासा पलट दिया। क्रिकेट के इतिहास में ऐसा बहुत कम होता है। धोनी का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि वे विश्व के सफलतम कप्तान हैं और टीम की जीत में उल्लेखनीय योगदान करना जानते हैं। धोनी ने पिंडली की मांस पेशी खिंचने के बावजूद मात्र तीन दिन के भीतर अपने आपको फिट बनाया और दिखा दिया कि वे किसी भी स्थिति में हार मानने वालों में से नहीं हैं। देखना यह है कि जिम्बाब्वे सीरीज के दौरान जो टीम घोषित की गई है उसमें कोई परिवर्तन होता है या नहीं।