04-Jun-2018 08:54 AM
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योगी आदित्यनाथ बीजेपी के स्टार कैंपेनर हैं। योगी बीजेपी के हिंदुत्व एजेंडे के पोस्टर बॉय हैं - और देश भर में बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार के लिए उनकी काफी डिमांड भी रहती है। चुनावों से इतर भी योगी उन मौकों पर मौजूद रहते हैं जो संघ और बीजेपी विरोधियों के खिलाफ उठाते रहते हैं। योगी को हिमाचल से लेकर केरल तक बीजेपी, संघ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात करते अक्सर सुना और देखा जाता रहा है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर मंदिर के महंथ हैं - और नाथ संप्रदाय के अनुयायियों में उन्हें भगवान का अवतार और साक्षात् शिव तक समझा जाता है। अपने इसी ओहदे के चलते योगी बीजेपी के लिए त्रिपुरा और कर्नाटक में खासे मददगार साबित हुए हैं। उद्धव ठाकरे ने योगी के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, वो पहला मौका नहीं है। कर्नाटक चुनाव के दौरान भी कांग्रेस के एक नेता ने योगी को चप्पल से।।। पीटने की बात कही थी। अब सवाल ये है कि जिस व्यक्ति की धार्मिक हैसियत ऐसी हो उससे उसके राजनीतिक विरोधी हद से ज्यादा नफरत क्यों करते हैं?
योगी आदित्यनाथ के लिए कैराना उपचुनाव बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि फूलपुर और गोरखपुरी की हार का हिसाब भी उन्हें बराबर करना है। फिर भी बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करने योगी महाराष्ट्र भी वैसे ही जाते हैं जैसे कर्नाटक या दूसरे राज्यों में जाते रहे हैं। महाराष्ट्र में पालघर उपचुनाव भी बीजेपी के लिए कैराना की ही तरह जीतना जरूरी हो गया है। पालघर चुनाव में बीजेपी और शिवसेना दोनों आमने सामने हैं - और दिलचस्प पहलू तो ये है कि जिस बीजेपी सांसद के निधन से उपचुनाव हो रहा है शिवसेना ने उनके बेटे को मिला कर पार्टी का उम्मीदवार बना लिया है। योगी आदित्यनाथ जब पालघर चुनाव प्रचार के लिए गये थे तो शिवसेना पर विश्वासघात जैसा संगीन इल्जाम लगाया। वैसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दूसरे बीजेपी नेता भी शिवसेना पर ऐसे ही आरोप लगा रहे हैं। देवेंद्र फडणवीस से तो रोजाना का विरोध है लेकिन योगी से उद्धव ठाकरे इस कदर खफा हैं कि बोलते-बोलते भाषा की मर्यादा तक भूल गये।
योगी आदित्यनाथ को टारगेट करते हुए उद्धव ठाकरे बोले, आदित्यनाथ आए थे। योगी! अरे, ये तो भोगी है... मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठता है, ये कैसा योगी! ये गैस का गुब्बारा है... चप्पल पहनकर शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर हार पहना रहा था। उसी चप्पल से उसे मारना चाहिये। योगी के बयान पर योगी आदित्यनाथ ने कड़ा ऐतराज जताया है और कहा है कि वो उद्धव के मुकाबले ज्यादा सभ्य और संस्कारी हैं। ऐसा ही विवाद कर्नाटक चुनाव के दौरान भी हुआ था जब राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने योगी आदित्यनाथ के बारे में कहा, वो योगी नहीं... ढोंगी हैं। प्रधानमंत्री मोदी को उनको बर्खास्त कर देना चाहिए... अगर योगी दोबारा कर्नाटक आयें, तो उनको चप्पल से पीटकर वापस भेज देना चाहिये।
बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने कांग्रेस नेता के बयान पर कड़ी आपत्ति जतायी थी, गुंडूराव के द्वारा योगी आदित्यनाथ के खिलाफ किए गए शब्दों से मैं चकित हूं। यह पूरी तरह से नाथ संप्रदाय के संत और एक मुख्यमंत्री का अपमान है। कर्नाटक में नाथ संप्रदाय को मानने वाले लाखों लोग माफ नहीं करेंगे। मेरी आपकी और आपके पार्टी की संस्कृति से पूरी सहानुभूति है।
-मधु आलोक निगम