सुलह की कोशिश
26-Apr-2018 12:38 PM 1234822
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि छद्म धर्मनिरपेक्षÓ विपक्ष का मुकाबला करने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष हिंदुत्वÓ दल एकजुट होंगे। यह कहकर उन्होंने संकेत दिये कि उन्हें ऐसी उम्मीद है कि भाजपा और नाराज चल रही उसकी सहयोगी शिवसेना 2019 का चुनाव मिलकर लड़ेंगे। दरअसल भाजपा जितनी तेजी से सत्ता विस्तार कर रही है उतनी ही तेजी से सत्तारूढ़ राज्यों में उसका जनाधार कम हो रहा है। इसको देखते हुए भाजपा अपने सहयोगी दलों को खुश करने के अभियान में जुट गई है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने शिवसेना के साथ सुलह करने की कवायद शुरू कर दी है। फडणवीस का कहना है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन सीट बंटवारे पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के अडिय़लÓ रवैये के कारण वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले ही टूट गया था। शिवसेना को भले ही उद्धव ठाकरे संचालित कर रहे हैं, लेकिन यह दिवंगत बाला साहेब ठाकरे के सिद्धांतों पर चलती है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए मैं कह सकता हूं कि छद्म धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों का मुकाबला करने के लिए सभी हिंदुत्ववादी धर्मनिरपेक्ष दल एकजुट होंगे। फडणवीस कहते हैं कि बाला साहेब का भी यही मानना था। हालांकि महाराष्ट्र में बीजेपी की तरफ से शिवसेना को मान-मुनव्वल करने की कोशिशें कामयाब होती नजर नहीं आ रही हैं। शिवसेना -बीजेपी के बीच गठबंधन की बातचीत को लेकर लगाई जा रही तमाम अटकलों पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। बीजेपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री सुधीर मुंगटीवार ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन उन्होंने वक्त देने से मना कर दिया। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक सुधीर मुंगटीवार अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संभावित गठबंधन की चर्चा को लेकर उद्धव ठाकरे से मिलने जाने वाले थे। हालांकि मुंगटीवार ने दावा किया कि उद्धव के साथ ऐसी कोई बैठक तय नहीं थी। उधर इन सबके बीच बीजेपी ने गठबंधन को लेकर वक्त मांगने वाली खबर को गलत बताया है। इतना ही नहीं, पार्टी का कहना है कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुंगटीवार की मुलाकात सरकार के दूसरे मुद्दे पर होनी है। जब इस बारे में मंत्री सुधीर मुंगटीवार से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया - उद्धव ठाकरे से मुलाकात के पीछे की वजह आगामी विधान सभा सत्र को लेकर है। शिवसेना सरकार का अहम हिस्सा है। ऐसे में किसी भी बड़े फैसले को लेने से पहले उनकी राय महत्वपूर्ण है और इसलिए उनसे मुलाकात का समय मांगा था। उधर, शिवसेना-बीजेपी के गठबंधन की खबर पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, बीजेपी से किसी भी सूरत में गठबंधन नहीं होने वाला है। बीजेपी चाहे लाख कोशिश कर ले, लेकिन शिवसेना अगला चुनाव ऐलान के मुताबिक अपने दम पर ही लड़ेगी। अब देखना यह है कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच चल रही रार किस मुकाम पर पहुंचती है। उधर अन्य विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि इन दोनों दलों में किसी भी प्रकार का समन्वय न हो। क्योंकि अगर यह गठबंधन फिर कामयाब रहा तो इनकी जीत पक्की है। भाजपा के दोस्ती के प्रस्ताव पर शिवसेना उदासीन शिवसेना को शांत करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रयासों और प्रस्ताव के बावजूद पार्टी ने कहा है कि चुनावों में अकेले उतरने की उसकी रणनीति में कोई बदलाव नहीं होगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि भाजपा को इस बात की उम्मीद है कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना राजग में बनी रहेगी। शाह ने कहा था, वे (शिवसेना) अभी हमारे साथ सरकार में हैं। यह हमारी प्रबल इच्छा है कि वह हमारे साथ बनी रहें। शिवसेना ने इस साल जनवरी में घोषणा की थी कि आगामी लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पार्टी भाजपा के साथ नहीं लड़ेगी और अकेले मैदान में उतरेगी। महाराष्ट्र तथा केंद्र की भाजपा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में शिवसेना शामिल है लेकिन दोनों सरकारों की नीतियों और फैसलों की पार्टी अक्सर आलोचना करती रहती है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई ने कहा है कि भाजपा ने अचानक अपना सुर बदल लिया है और अब वह राजग में अपने सहयोगियों के बारे में बातचीत कर रही है। दरअसल आगामी चुनावों में विपक्ष की सामुहिक घेराबंदी की कवायद को देखते हुए भाजपा ने अपने सहयोगी दलों को साधने की कोशिश शुरू कर दी है। द्यऋतेन्द्र माथुर
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