16-Mar-2018 09:14 AM
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हर चुनाव के समय युवाओं को एक आस रहती है कि शायद ये सरकार आएगी और हमारी बेरोजगारी दूर कर देगी। ऐसा ही सोचते-सोचते उस युवा के 5 साल निकल जाते हैं। फिर उसे एक उम्मीद जागती है कि शायद अब कुछ बेहतर होगा, लेकिन हकीकत में होता कुछ नहीं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों पर गौर करें तो ये बात साफ नजर आ रही है कि प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या पिछले एक साल में न सिर्फ बढ़ी बल्कि तेजी से बढ़ी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017-18 मार्च में 19 लाख 53 हजार 556 दर्ज की गई थी, जो अब तक बढ़कर 23 लाख 80 हजार 161 हो गई है। इसका मतलब ये है कि शिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढ़ गयी है। आंकड़ों पर ध्यान दें तो समझ आता है कि पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारों की संख्या तकरीबन 4 लाख 26 हजार 605 तक बढ़ी है।
छत्तीसगढ़ के बेरोजगार और संबंधित मंत्री के जिलो पर गौर करें तो पहले नंबर पर उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय का गृह जिला दुर्ग है। दुर्ग में 3 लाख 9 हजार 529 रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं। 1 लाख 90 हजार 307 रजिस्टर्ड बेरोजगारों के साथ दूसरे नंबर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव है। तीसरे नंबर पर प्रदेश के उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल का गृह जिला बिलासपुर हैं। यहां 1 लाख 84 हजार 640 युवा बेरोजगार हैं। इसी तरह से केन्द्रीय राज्यमंत्री विष्णुदेव साय का गृह जिला रायगढ़ में 1 लाख 77 हजार 132 रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं। प्रभारी मंत्री अजय चंद्राकर के जिला बालोद में 1 लाख 30 हजार 814 बेरोजगार हैं। प्रभारी मंत्री अजय चंद्राकर के जिला जांजगीर-चांपा में 1 लाख 22 हजार 142 बेरोजगार और प्रभारी मंत्री पुन्नूलाल मोहले की राजधानी रायपुर में 1 लाख 20 हजार 287 शिक्षित बेरोजगारों की तादाद है। उक्त आंकड़े विधानसभा के हाल ही में हुए बजट सत्र में पेश किए गए थे।
विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष कवासी लखमा का कहना है कि प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हो रही है। खुद को युवाओं का हितैषी बताने वाली भाजपा सरकार उन्हें रोजगार तक उपलब्ध नहीं करा पा रही है। प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जब प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढऩे लगी तो सरकार की चुरे हिल गईं। कैबिनेट मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने आनन-फानन में 10 हजार शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मुहिया कराने की घोषणा कर दी। कैबिनेट मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने रोजगार के लिए सरकार लोन में सब्सिडी देनी की बात भी कह रही हैं।
कांग्रेस का आरोप है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बेरोजगारों की फौज तैयार हो गई है। प्रदेश की बीजेपी सरकार बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने में फिसड्डी साबित हुई है। प्रदेश कांग्रेस के मुताबिक सूबे के रोजगार कार्यालयों में बेरोजगारों के पंजीयन की लंबी फेहरिस्त है। आपको बता दें कि साल 2014 से लेकर जनवरी 2018 तक 12 लाख बेरोजगार युवाओं ने अपना पंजीयन कराया है, जिसमें अब तक महज 27 हजार युवाओं को ही रोजगार मिल सका है। कांग्रेस के मुताबिक रोजगार कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगारों के अलावा बहुत से युवा यहां बेरोजगार हैं, जिनका आंकड़ा करीब 50 लाख है। दूसरी तरफ रोजगार पाने की आस लगाए युवा भी रोजगार दफ्तरों की ठोकरे खाने को मजबूर हैं।
चुनावी साल में नेताओं को याद आए बेरोजगार
छत्तीसगढ़ में चुनाव नजदीक आते ही नेताओं को बेरोजगारों की चिंता सताने लगी है। बेरोजगारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की बातें भी शुरू हो गई हैं। सत्तारुढ पार्टी भाजपा अपने वोटरों को रिझाने के लिए योजनाओं की घोषणाएं करनी भी शुरू कर दी है। भाजपा सरकार प्रदेश के 10 हजार ट्रेंड युवाओं को जो विभिन्न तरह के कौशल में महारत हासिल रखते हैं, उन्हें स्वरोजगार करने के लिए सब्सिडी देने जा रही है। मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने इसकी जानकारी विधानसभा में बीते दिनों दी। दूसरी सरकार को आइना दिखाने का काम प्रदेश के 25 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवा कर रहे हैं, जिन्हें सरकार रोजगार मुहैया नहीं करा पा रही है। ये वो युवा हैं, जो काम की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं। उप नेता प्रतिपक्ष कवासी लखमा का कहना है कि सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है। दिखावे के लिए सरकार घोषणाएं किए जा रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ ओर है।
-रायपुर से टीपी सिंह के साथ संजय शुक्ला