डबल इंजन बेपटरी
02-Feb-2018 07:00 AM 1234980
बिहार सरकार में डबल इंजन लगने के बाद भी विकास ने रफ्तार नहीं पकड़ी है। इसको लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। वजह भी है, क्योंकि इससे बिहार को कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है। पिछले साल बिहार में बाढ़ से एक करोड़ 71 लाख लोग प्रभावित हुए थे और राज्य के 19 जिलों में बड़ी बर्बादी हुई थी। खुद पीएम ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था, लेकिन कई महीने बाद भी कुछ नहीं हुआ। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात हजार छह सौ करोड़ की मदद का मेमोरेंडम भेजा था, लेकिन अभी भी इस मुआवजे को देने की प्रक्रिया फाइलों पर ही चल रही है जबकि केंद्र के साथ बिहार में भी एनडीए की सरकार है। इस मामले में बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री का कहना है कि डबल इंजन लग गया है इसका मतलब यह थोड़े है कि हम लोग बोरा लेकर गए और पैसा भर ले आए। इस मामले में राजद के नेता पहले से ही नीतीश कुमार पर हमला करते रहे हैं अब तंज कसते हुए कह रहे हैं कि नीतीश तो बीजेपी के सामने नतमस्तक हो चुके हैं। गौरतलब है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए बड़ी उम्मीद के साथ 11 सितंबर को ही मेमोरेंडम केंद्र को भेज दिया था उसके बाद केंद्रीय टीम जरूर आई, केंद्र में कुछ बैठकें भी हुईं और प्रधानमंत्री एक बार बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर भी आए, दोबारा फिर पटना विवि शताब्दी समारोह के लिए भी आए बावजूद इसके बिहार को अब तक राशि नहीं मिली है। बिहार विकास ठप्प है पूछने पर झुंझला रहे, दो - दो इंजन वाली मोदी-नीतीश की सरकार में तालमेल नहीं। बिहार व केंद्र में एक ही गठबंधन की सत्ता होने के बावजूद बिहार विकास ठप्प है। पूछने पर अब बिहार सरकार के मंत्री झुंझलाने लगे हैं। चर्चा थी दो दो इंजन से बिहार का द्रुतगति से विकास होगा। पर ऐसा लग रहा है कि दोनों इंजन उल्टी दिशा में पटरी पर चल रहे हैं। स्थिति तो ये भी लग रही है कि खाली इंजन है न बोगी है न ड्राइवर ऐसे में विकास की यात्रा मंजिल पर पहुँचने में विपक्ष को संदेह है। बात विपक्ष के हवाले से करें तो बिहार में जब एनडीए की सरकार बनी तो इसे डबल इंजन वाली सरकार का नाम दिया गया। कारण केंद्र और बिहार दोनों जगह एक की गठबंधन की सरकार का बनना था। लेकिन डबल इंजन लगने के बाद भी बिहार के प्रति केंद्र की उपेक्षा में कोई कमी नहीं आई है। चर्चा है कि भाजपा के स्टेटजी मेकर क्रेडिट नीतीश कुमार को देना नहीं चाहते हैं। इसलिए जो पहले से चल रहा है उसी पर आगे बढऩा बेहतर होगा इसी पर काम चल रहा है। केंद्र और प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित करना और जमीन पर लोगों तक पहुंचाने की योजना पर भाजपा काम कर रही है। विपक्ष का कहना है कि ये बातें सिर्फ हमारे कहने भर की नहीं है। बल्कि वो आंकड़े और रिपोर्ट कह रहे हैं जो बिहार में नई सरकार के बनने के बाद सामने आए हैं। बाढ़ में हुई तबाही जिससे बिहार में पिछले साल 19 जिलों में भारी नुकसान हुआ था। इसके बाद बिहार सरकार ने केंद्र से मदद की गुहार लगाई थी। लेकिन अभी तक बिहार को कुछ मिला नहीं है, जबकि केंद्र और बिहार दोनों स्थान पर एनडीए की यानी डबल इंजन की सरकार है। विपक्ष का मानना है कि नीतीश कुमार जल्दबाजी में जो एनडीए के साथ जाने का फैसला किया वो अब भारी पडऩे लगा है। विकास की रेल पूरी तरह से डिरेल हो गई है जिसे पटरी पर लाने में नीतीश कुमार असमर्थ हैं। विपक्ष के साथ-साथ दबे स्वर में सत्ता की तरफ से भी स्वर निकलने लगे हैं। लोग करने लगे हैं कि डबल इंजन लगने के बाद बिहार को न तो केंद्र से विशेष राज्य का दर्जा मिला और न ही बाढ़ राहत के लिए मदद। एजेंडे पर कर रहे काम सभी निश्चय होंगे पूरे: नीतीश कुमार उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों के आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि हम अपने एजेंडे से नहीं भटके हैं और बिहार में न्याय के साथ विकास कर रहे हैं। जिन कामों को करने के लिए महागठबंधन बना था, उन पर वे पहले भी काम कर रहे थे और महागठबंधन के टूटने के बाद भी कर रहे हैं। सात निश्चय की योजनाएं हर घर नल का जल, पक्की नाली-गली, बिजली, शौचालय से लेकर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता भत्ता दिया जा रहा है और महिलाओं को किसी भी नौकरी में 35 प्रतिशत आरक्षण तक दिया गया है। अगले पांच साल के लिए कृषि रोड मैप बना है, जिससे बिहार की सूरत और बदलेगी। सभी काम चल रहे हैं और वे किसी भी काम से नहीं पलटे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बिहार में कानून का राज स्थापित किया और बुनियादी ढांचे, कृषि, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में काम किया है। अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा है। जो काम पहले से चल रहे थे, वे तेजी से चल रहे हैं। - विनोद बक्सरी
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