बेनामी बमÓ का प्रहार!
07-Dec-2017 06:54 AM 1234824
भ्रष्टाचार और कालेधन पर प्रहार करने के लिए मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं, लेकिन वे कारगर सिद्ध नहीं हुए हैं। आलम यह है कि ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल के हालिया सर्वे के अनुसार भारत, एशिया का सबसे भ्रष्ट देश है। यही नहीं घूसखोरी में भी एशिया प्रशांत के 49 देशों में भारत अव्वल है। यहां 10 में से 7 लोगों को रिश्वत देनी पड़ती है। रिपोर्ट के अनुसार लोक सेवकों में पुलिस घूस लेने में सबसे आगे है। ऐसे में सरकार का कदम केवल कागजी बनकर रह गया है। फिर भी सरकार बेईमानी के काले कारोबार में लिप्त कंपनियों, संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कदम लगातार उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सरकार बेनामी संपत्ति का बम फोडऩे जा रही है ताकि भ्रष्टों और बेईमानों का चेहरा उजागर हो सके। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने बेनामी सम्पत्ति कानून को धारदार और असरदार बना दिया है और इसके तहत ही देशभर में बेनामी संपत्ति पर जोरदार अटैक करने की तैयारी की जा रही है। भ्रष्टाचार पर ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की आई रिपोर्ट के अनुसार भारत में भ्रष्टाचार पहले से कम हुआ है। वहीं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि देश में भ्रष्टाचार के कम होते आकड़े का असर देश की विकास दर (जीडीपी) पर पड़ा है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ये रिपोर्ट साल 2011 से 2016 तक के अध्ययन पर आधारित है। एसबीआई ने भ्रष्टाचार पर ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट को आधार मानते हुए देशों के जीडीपी पर तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार की है। वैश्विक भ्रष्टाचार में पारदर्शिता की सूची में भारत पहले के मुकाबले 17 अंक बेहतर हुआ है। पहले इस सूची में भारत का 96वा स्थान था, वहीं अब ये 79वे स्थान पर है। केंद्र सरकार नोटबंदी और दूसरे तरीकों से भ्रष्टाचार पर काबू पाने के दावे कर रही है। लेकिन ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल और एंटी करप्शन ग्लोबल सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार देश को भ्रष्टाचार से मुक्त होने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ेगा। ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल के हालिया सर्वे के अनुसार भारत, एशिया का सबसे भ्रष्ट देश है। फोब्र्स द्वारा जारी लिस्ट में एशिया के पांच सबसे ज्यादा भ्रष्ट देशों के नाम हैं। इसकी रिपोर्ट के अनुसार घूसखोरी के मामले में भारत ने वियतनाम, पाकिस्तान और म्यांमार को भी इस मामले में पीछे छोड़ दिया है। उधर सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। आयकर विभाग ने कालेधन के खिलाफ कार्रवाई के तहत देशभर में अब तक 1833 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्तियां जब्त की है। यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने दी है। सीबीडीटी के अनुसार, 1800 करोड़ रुपये से अधिक की 621 संपत्तियां जब्त की गईं। इस तरह के सर्वाधिक 136 मामले अहमदाबाद में हुए। भोपाल में 93 मामले, कर्नाटक और गोवा में 76-76 मामले, चेन्नई में 72, जयपुर में 62, मुंबई में 61 और दिल्ली में 55 मामले सामने आए। आयकर विभाग 20 हजार से अधिक संदिग्ध आईटी रिटर्न की जांच कराएगा। नोटबंदी से पहले और बाद में इन लोगों के रिटर्न में भारी अंतर देखने को मिला है, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। विभाग ने 20,572 आईटी रिटर्न को विस्तृत जांच के लिए चुना है। इनके अलावा विभाग ने कर चोरी की सबसे अधिक आशंका वाले एक लाख रिटर्न की भी पहचान की है, जिनकी जांच की जा सकती है। आयकर विभाग ने 9 नवंबर 2016 से लेकर मार्च 2017 के बीच करीब 900 सर्च अभियान चलाए थे। इसमें 900 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी, जिसमें 636 करोड़ रुपये की नकदी शामिल है। इस दौरान 7961 करोड़ रुपये की ऐसी संपत्ति का पता चला जिसका खुलासा नहीं किया गया था। नोटबंदी के बाद कालेधन को सफेद करने में लगी 2.24 लाख फर्जी (शेल) कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका है। 3.09 लाख शेल कंपनियों के निदेशकों को अयोग्य करार दिया जा चुका है। नोटबंदी के बाद इन कंपनियों में नवंबर-दिसंबर 2016 के दौरान 1238 करोड़ रुपये नकद जमा हुए। देश में करीब 15 लाख कंपनियां रजिस्टर्ड हैं जिनमें से 09 लाख कंपनियां आयकर रिटर्न नहीं दाखिल करतीं। 30 लाख से अधिक मूल्य की रजिस्ट्री पर नजर आयकर विभाग उन लोगों के नाम खंगाल रही है जिन्होंने 30 लाख रुपये से अधिक मूल्य वाली प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एंटी बेनामी एक्ट के तहत 30 लाख रुपये से अधिक प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन का टैक्स प्रोफाइल मिलाने में जुटा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा यह कार्रवाई बेनामी संपत्ति कानून के तहत की जा रहा है। केंद्र सरकार उन सभी रास्तों को बंद करने की कवायद कर रही है जिनका इस्तेमाल काले धन को सफेद करने में किया जाता है। कई तरह के स्त्रोतों से जानकारी खंगाली जा रही है। अगर किसी के पास बेनामी प्रॉपर्टी है या इन्होंने कोई ऐसा वित्तीय लेनदेन किया है, जिसका उनके टैक्स प्रोफाइल से मिलान नहीं है तो उन पर कार्रवाई की जा सकती है। सरकार ने बेनामी कानून का पालन करने के लिए 24 इकाइयां शुरू की हैं। - अजयधीर
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