17-Nov-2017 06:58 AM
1234844
अरब जगत के सबसे अहम देश और दुनिया की कुल तेल संपदा के एक चौथाई हिस्से पर अधिकार रखने वाले सऊदी अरब का रुढिवादी समाज औचक बदलाव का ना तो हामी है और ना ही आदी।
सऊदी अरब में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत पिछले दिनों 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें सऊदी शाही परिवार के कई दिग्गज भी शामिल हैं। उन्हें 100 अरब डॉलर से अधिक (करीब 7,000 करोड़ रुपये) के गबन और भ्रष्टाचार के मामले में हिरासत में लिया गया और उनसे अब भी पूछताछ की जा रही है। इसे सऊदी अरब के आधुनिक इतिहास में भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़े अभियान और शाही परिवार में बड़े उथल-पुथल के रूप में देखा जा रहा है। इस क्रम में बीते सप्ताहांत जिन लोगों को हिरासत में लिया गया या जिन्हें पद से बर्खास्त किया गया, उनमें अरबपति प्रिंस अल-वलीद बिन तलाल सहित कई शहजादे, मंत्री और हाई-प्रोफाइल हस्तियां शामिल हैं।
इस अभियान के तहत 11 शहजादों को हिरासत में लिया गया, जिनमें प्रिंस अल-वलीद बिन तलाल भी शामिल हैं। उनकी गिनती दुनिया के अमीर लोगों में होती है। उनकी संपत्ति तकरीबन 19 अरब डॉलर बताई जाती है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स में फिलहाल 50वें स्थान पर मौजूद 62 वर्षीय प्रिंस अल-वलीद बिन तलाल के कारोबारी ताल्लुकात बिल गेट्स और रूपर्ट मार्डोक जैसे दिग्गजों के साथ हैं। बताया जाता है कि एप्पल, ट्विटर जैसी वश्विक दिग्गज कंपनियों में उनकी पांच प्रतिशत की हिस्सेदारी है। वह देश में महिला अधिकारों के पुरजोर समर्थक के तौर पर देखे जाते रहे हैं।
सऊदी अरब में भ्रष्टाचार व गबन के खिलाफ यह बड़ा मुहिम क्राउन प्रिंस की अध्यक्षता में भ्रष्टाचार विरोधी आयोग के अस्तित्व में सामने आने के बाद हुआ। ऐसे में एक धड़ा इसे सऊदी अरब के प्रिंस क्राउन मोहम्मद बिन सलमान द्वारा सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश के तौर पर भी देख रहा है, जिनका सऊदी अरब के मौजूदा शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद (81) के बाद गद्दी संभालना तय माना जा रहा है। हालांकि कुछ लोग इसे रूढि़वादी सऊदी अरब को आधुनिक बनाने के प्रिंस क्राउन के विजन 2030 प्रोग्राम से जोड़कर देख रहे हैं।
सऊदी अरब के सूचना मंत्रालय ने अटॉर्नी जनरल शेख सऊद अल-मोजेब के हवाले से एक बयान में कहा, अब तक 208 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया। इनमें से सात को बिना किसी आरोप के छोड़ दिया गया। व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार की जानकारी मिल रही है। हमारी जांच के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की संपत्ति के वारे-न्यारे किए गए। भ्रष्टाचार और गबन का यह सिलसिला पिछले कई दशकों से जारी था। प्रशासन ने आरोपियों के बैंक अकाउंट्स फ्रीज कर दिए हैं और चेताया है कि कथित भ्रष्टाचार मामले में जब्त की जाने वाली संपत्ति सरकार की होगी। एक अनुमान के तहत करीब 1,700 बैंक अकाउंट को फ्रीज किया गया है।
सऊदी अरब में इतना बड़ा उथल-पुथल यहां व्याप्त क्षेत्रीय तनाव और अस्थिरता के बीच हुआ। सऊदी अरब और ईरान पहले से ही मध्य-पूर्व में वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसी बीच, यमन से सऊदी सीमा की ओर शनिवार को मिसाइल दागे गए, जिसके बारे में माना जा रहा है कि यह शिया हौती विद्रोहियों की करतूत हो सकती है, जिसे ईरान का समर्थन प्राप्त है। रियाद एयरपोर्ट की ओर शनिवार को कथित तौर पर यमनी शिया हौती विद्रोहियों की ओर से दागा गया मिसाइल हालांकि विफल रहा था, लेकिन सऊदी अरब ने इसे ईरान की ओर से सीधा हमला करार दिया था। हालांकि ईरान ने इस आरोप से इनकार किया कि उसने हौती विद्रोहियों को मिसाइलों की आपूर्ति की थी। साथ ही सऊदी अरब को चेताया कि इससे मध्य-पूर्व के दोनों प्रभावी देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। सऊदी सरकार का कहना है कि गिरफ्तारियां पारदर्शिता, जिम्मेदारी और अच्छा प्रशासन देने की कोशिशों का हिस्सा हैं। अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करने के लिए अहम सुधारों की जरूरत है। इसके साथ ही सऊदी जनता को भी मनाना है जो लंबे समय से भ्रष्टाचार का सामना कर रही है। हालांकि जितनी तेजी के साथ सरकार ने कदम उठाया है उससे निवेशकों को भी चिंता हुई है।
चीन को भारत के हितों का ध्यान रखना होगा
सऊदी अरब में मौलानाओं की सबसे बड़ी परिषद ने रातों-रात सार्वजनिक बयान जारी कर कहा है कि यह इस्लामी फर्ज है कि भ्रष्टाचार को दूर किया जाए। जाहिर है कि इस बयान का मकसद गिरफ्तारियों को समर्थन देना है। अभी यह साफ नहीं है कि अमेरिका को इन गिरफ्तारियों के बारे में पहले से पता था या नहीं। फिलहाल अमेरिका की तरफ से कोई प्रतिक्रिया भी सामने नहीं आयी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद और व्हाइट हाउस के सलाहकार जेरेर्ड कुशनर और कुछ दूसरे लोगों ने हाल ही में रियाद का एक अघोषित दौरा किया था। शनिवार को ट्रंप ने कहा कि उन्होंने किंग सलमान से बात की है लेकिन इसमें गिरफ्तारियों का कोई जिक्र नहीं आया। दूसरी ओर सऊदी अरब के मामलों के जानकारों का कहना है कि इस देश के युवराज मोहम्मद बिन सलमान भ्रष्टाचार को बहाना बनाकर अपने तमाम विरोधियों का सफाया कर रहे हैं। टीकाकारों का मानना है कि आले सऊद में सत्ता को लेकर लड़ाई शुरू हो चुकी है। बिन सलमान हर उस व्यक्ति को रास्ते से हटा देना चाहते हैं जो उनके सत्ता के पहुंचने के मार्ग में थोड़ा सा भी रोड़ा अटका सकता है। ज्ञात रहे कि हाल ही में गिरफ्तार किए गए लोगों में सऊदी अरब के सबसे बड़े उद्योगपति राजकुमार वलीद बिन तलाल, राजकुमार मतब बिन अब्दुल्लाह और उनके भाई रियाज के पूर्व गवर्नर प्रिंस तुर्की बिन अब्दुल्लाह भी शामिल हैं। सऊदी अरब के सबसे अमीर उद्योगपति और राजकुमारों की गिरफ्तारी के बाद सऊदी शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।
-सत्यनारायण सोमानी