22-Jul-2017 08:11 AM
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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीका राष्ट्रपति की मुलाकात हमेशा ही चर्चा का विषय बनी है- चाहे वो मोदी-ओबामा की एक साथ चाय हो या फिर मोदी का ट्रंप से गले मिलना। इस बार मोदी का जिस गर्मजोशी से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वागत किया और आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद की उससे पाकिस्तान के साथ चीन भी घबराया हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अमेरिका यात्रा की अहमियत जाहिर है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह अमेरिका का उनका पहला सफर था। अलबत्ता नवंबर से टेलीफोन पर दोनों नेताओं की तीन बार बात हो चुकी है। ट्रंप के साथ वाइट हाउस में मोदी की हुई मुलाकात से पहले दो-तीन घटनाओं ने जता दिया था कि संबंधों को और प्रगाढ़ करने की ललक दोनों तरफ थी। उसके बाद दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान जो केमिस्ट्री दिखी उससे भारत विरोधी देश असहज नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात के दौरान आतंकवाद के मुद्दे पर विस्तार से बातचीत हुई। इस मुलाकात के बाद मोदी और ट्रंप ने संयुक्त संबोधन में पाकिस्तान को आतंकवाद पर कड़ा संदेश दिया। पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने पाक से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसकी धरती का इस्तेमाल सीमा पार आतंकी हमलों के लिए नहीं हो। मोदी और ट्रंप ने अपने संयुक्त संबोधन में आतंकवाद से लडऩे और आतंकियों की शरणस्थलियों को नष्ट करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को मजबूत करने का भी संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वाइट हाउस में मुलाकात से चंद घंटे पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैय्यद सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया। इस बीच, अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस और विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने इस शिखर बैठक की तैयारियों के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। भारत ने सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित करने का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम दोनों देशों के समक्ष आतंकवाद के खतरे को मजबूती से रेखांकित करता है। सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित करने के अमेरिकी विदेश विभाग के फैसले का नतीजा यह होगा कि कोई भी अमेरिकी नागरिक अब उसके साथ किसी तरह का कोई व्यापारिक या कारोबारी संबंध नहीं रख पाएगा और अमेरिका या अमेरिकी क्षेत्राधिकार में आने वाली सलाहुद्दीन की सभी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी। अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने बयान में कहा, हिज्बुल मुजाहिदीन के वरिष्ठ नेता के रूप में सलाहुद्दीन जिसे कि सैय्यद मुहम्मद युसूफ शाह के नाम से भी जाना जाता है, ने सितंबर, 2016 में कसम खाई थी कि वह कश्मीर मुद्दे का कभी शांतिपूर्ण हल नहीं होने देगा। साथ ही उसने कश्मीर में और आत्मघाती हमलावर तैयार करने और कश्मीर घाटी को भारतीय सैनिकों के कब्रिस्तान में तब्दील कर देने की धमकी दी थी।Ó बयान में आगे कहा गया कि सलाहुद्दीन के हिज्बुल मुजाहिदीन का वरिष्ठ कमांडर रहते हुए हिज्बुल ने कई हमलों की जिम्मेदारी ली। इसमें अप्रैल, 2014 में जम्मू कश्मीर में हुआ विस्फोट भी शामिल है जिसमें 17 लोग मारे गए थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने मोदी के हवाले से कहा कि सारी दुनिया इस साझेदारी की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि भारत की इच्छा अमेरिका के साथ इस साझेदारी को भारत आगे बढ़ाने की है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वह अपने सभी पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध चाहता है। मोदी की वाशिंगटन यात्रा से पूर्व टिलरसन ने कहा था कि उनकी इस यात्रा से भारत-अमेरिका संबंध मजबूत होंगे और आतंकवाद से मुकाबले और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के साझा हितों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
आतंकवाद का खात्मा
मोदी ने व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ अपने संयुक्त संबोधन में कहा कि आतंकवाद का खात्मा हमारी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। दोनों नेताओं के बीच बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि वह अपनी धरती का इस्तेमाल अन्य देशों के खिलाफ आतंकी हमलों के लिए न होने दे। पाकिस्तान से यह भी कहा गया कि वह पाकिस्तान आधारित आतंकी समूहों की साजिश वाले 26/11 मुंबई हमलों, पठानकोट हमले और सीमा पार से अन्य आतंकी हमलों के साजिशकर्ताओं को शीघ्रता से न्याय के कठघरे में लेकर आए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमने आतंकवाद, चरमपंथ और कट्टरपंथ के बारे में बात की और हम इसके खिलाफ सहयोग करने के लिए सहमत हुए। आतंकवाद से लडऩा, आतंकियों की शरणस्थलियों को नष्ट करना हमारे सहयोग का अहम हिस्सा होगा। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि दोनों देश आतंकी संगठनों को और उन्हें संचालित करने वाली चरमपंथी विचारधारा को नष्ट करने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
- माया राठी