जनता से फीडबैक लेगी सरकार
22-Jul-2017 07:58 AM 1234801
मप्र में नौकरशाही के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में चारों तरफ राम राज्य सा माहौल है। लेकिन सरकार को हाल ही में मिली एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार से प्रदेश की जनता नाखुश चल रही है। इसकी वजह है सरकारी योजनाओं में व्याप्त भर्राशाही। इसलिए अब सरकार जनता से अपने कामकाज का फीडबैक लेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं और उनके मंत्री भी जनता के बीच अधिक से अधिक समय गुजारेंगे। इसके तहत अब शिवराज सरकार राजधानी सहित पूरे प्रदेश में मंडला फार्मूले पर लोक कल्याण शिविर लगाएगी। इन शिविरों के जरिए सरकारी योजनाओं और अपने कामकाज का फीडबैक लेगी। इन शिविरों में उठाए जाने वाले मुद्दों को देखकर रिपोर्ट तैयार होगी और विभागों को भेजी जाएगी। इस काम के लिए सरकार ने मंडला फॉर्मूला लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत बनी जनआकांक्षा वेबसाइट में पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा। जानकारी के अनुसार मंडला में एनआईसी ने जनआकांक्षा नाम से वेबसाइट बनाई है। इसमें लोक कल्याण शिविर में आने वाले आवेदनों को दर्ज कर उन्हें संबंधित विभाग को भेजने के साथ कार्रवाई का फीडबैक लेकर भी रखा जाता है। इस मॉडल को सरकार ने सभी जिलों में लागू करने के साथ प्रदेश स्तर पर निगरानी का तंत्र बनाया है। सामान्य प्रशासन विभाग के अफसरों के मुताबिक विधानसभा सत्र के दौरान विधायक लोक कल्याण शिविर में आने वाले आवेदन और उन पर हुई कार्रवाई को लेकर सवाल उठाते हैं। जवाब के लिए जिलों से ब्यौरा मंगाना पड़ता है। वेबसाइट में रिकॉर्ड होने से किस जिले में सरकार के कामकाज की क्या स्थिति है, इसकी जानकारी तत्काल मिल सकेगी। यह भी पता चल जाएगा कि किस विभाग या योजना को लेकर सबसे ज्यादा आवेदन आ रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों के पालन को लेकर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी तथा मंत्री गंभीर नहीं है। ब्यूरोक्रेसी तो इस कदर बेपरवाह है कि सीएम द्वारा नववर्ष शुरू होने के उपरांत 3 जनवरी को सीएस, एसीएस, पीएस की पहली बैठक और 3 फरवरी को हनुवंतिया में हुई बैठक का कार्यवाही विवरण तक जारी नहीं करा सकी। इसके लिए कई विभाग जिम्मेदार अफसरों को पत्र लिखकर अनुरोध कर चुके हैं कि दोनों ही बैठकों का कार्यवाही विवरण दिया जाए ताकि सरकार को आने वाले समय में प्रगति से अवगत कराया जा सके पर ब्यूरोक्रेसी तमाम पत्राचार के बाद भी लापरवाह बनी है। कुछ विभागों ने इस माह फिर कार्यवाही विवरण की मांग की है। तीन जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य सचिव, सभी एसीएस, पीएस और सचिवों की बैठक लेकर कहा था कि चालू साल में सुशासन, विकास और जन-कल्याण पर फोकस रहेगा। भ्रष्टाचार किसी भी स्तर और किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर विभागीय मंत्री को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। भ्रष्टाचार के प्रति पूरी तरह जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। चेतावनी के बाद भी भ्रष्टाचार में लिप्त रहने वाले अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। लेकिन उसके बाद भी प्रशासन निष्क्रिय बना हुआ है। अफसरों ने सुना और भूल गए मुख्यमंत्री ने कहा था कि विजन डाक्यूमेंट 2018 और संकल्प पत्र 2013 नये वर्ष के लिये मार्गदर्शी दस्तावेज रहेंगे। उन्होंने विधायकों की विकास संबंधी प्राथमिकताओं को गंभीरता से लेने के निर्देश देते हुए कहा था कि जनता से जुड़े काम लंबित नहीं रहना चाहिए। सोशल मीडिया के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों को भी गंभीरता से लेते हुए उन्हें दर्ज करें और कार्रवाई करें लेकिन हुआ हमेशा की तरह वही कि सीएम बोले, अफसरों ने सुना और फिर भूल गए। - विशाल गर्ग
FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^