03-Mar-2017 11:01 AM
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कश्मीर को प्रेम की घाटी कहा जाता है। यहां अब भले ही आतंक की गूंज है, लेकिन यहां की फिजाओं में आज भी प्रेम, भाईचारे की महक है। लेकिन कट्टरपंथियों को प्रेम और भाईचारे की जगह पत्थरबाजी में मजा आ रहा है। कट्टरपंथी सोच वाले नेताओं के कहने पर कश्मीरी नौजवानों द्वारा पत्थरबाजी करने की एक और वजह सामने आ रही है। वह है एक लव स्टोरी है।
करीब साल भर पहले जब कट्टरपंथी नेता एवं हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष सैय्यद अली शाह गिलानी की पुत्री ने अपने पिता की आतंकवादी छवि से त्रस्त होकर अपने प्रेमी कश्मीरी पंडित 28 वर्षीय अभिनंदन कौल के साथ शादी की थी, तो उसी वक्त से वहां के हालात बेकाबू हो गए हैं। शायद गिलानी की बेटी का हिन्दू युवक के साथ विवाह कश्मीरी आतंकवादी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।
सैय्यद अली शाह गिलानी की छब्बीस साल की बेटी रुवाबा गिलानी जो विदेश से पढ़कर पिछले साल ही कश्मीर आईं थीं। उनकी सोच अपने पापा से बिल्कुल जुदा है। वह अपने पिता की आतंकी छवि व कृत्यों से बेहद नाराज थीं। गिलानी की बेटी से विवाह करने वाला युवक कश्मीर में सेब का व्यापार करता है। हालांकि, दोनों ने शादी कई महीने पहले ही कर ली थी। रूवाबा ने पहले पिता से इजाजत मांगी थी, लेकिन इसका विरोध हुआ और अंतत: रुवाबा ने अपनी मर्जी से शादी कर ली?
फिर क्या था गिलानी ने कश्मीर के युवाओं को भड़काकर पत्थरबाजी करानी शुरू कर दी। केंद्र सरकार और अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मंडल के कश्मीर दौरे के बाद हालात कुछ सुधरे थे। लेकिन पाकिस्तान के एंटी टेररिज्म एक्ट की लिस्ट में जैसे ही आतंकी हाफिज सईद का नाम दर्ज होने की सूचना सार्वजनिक हुई, पाकिस्तान में उनके समर्थन के अलावा जम्मू-कश्मीर में उनके रहनुमा आगबबूला हो गए हैं। इसके बाद उनकी उग्रता और बढ़ गई है। उनके समर्थक उन्हें आतंकी घोषित करने का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। कश्मीर के हालात के पीछे हाफिज सईद की भूमिका हमेशा प्रत्यक्ष रूप से रही है। जम्मू-कश्मीर के पुराने श्रीनगर शहर में पिछले पाकिस्तानी झंडे लहराए जा रहे हैं। बीस-पच्चीस साल के नौजवान आईएसआई का खुलकर समर्थन करते हुए हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं। उपद्रवी सुरक्षाकर्मियों को देखते ही पत्थर चलाने लगते हैं। इस समय हालात बहुत ही नाजुक हो गए हैं। इस कृत्य के पीछे हुर्रियत के नेता खुलकर पत्थरबाजी करने वाले नौजवानों का साथ दे रहे हैं, और इन्हें पीछे से पाकिस्तान शह दे रहा है।
पाकिस्तान तो अपनी मंशा में सफल हो रहा है, लेकिन कश्मीरी युवाओं को कोई यह बताने वाला नहीं है कि उनका दुरुपयोग किया जा रहा है। दरअसल, कश्मीरी युवाओं की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर कट्टरपंथी अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। उधर रूवाबा और अभिनंदन जैसे युवा इस बात को लेकर चिंतत हैं कि प्रेम की घाटी कश्मीर का गौरव कब लौटेगा। आज स्थिति यह है कि जाति-धर्म की दीवार लांघकर प्यार करने वाले युवा कश्मीर से पलायन कर रहे हैं। उन्हें न तो सरकार और न ही किसी संगठन का सहयोग मिल रहा है। लेकिन अब वक्त का तकाजा है कि ऐसे हालातों से निपटने के लिए कट्टरपंथी नेताओं के नापाक मंसूबों को कुचलने के लिए सर्जिकल लड़ाई की जरूरत है।
पाकिस्तान की नापाक हरकतों से सुलग रही घाटी
कश्मीर साल भर से सुलग रहा है। यह सब पाकिस्तान की हिमाकत से संभव हो रहा है। पाकिस्तान, जम्मू-कश्मीर में अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आने वाला है। सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की पुख्ता जानकारी मिली है कि कश्मीर में हालात बिगाडऩे के लिए पाकिस्तान एक बड़ी साजिश रच रहा है। सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि अगले दो महीने के बीच कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं और तेज होंगी और इसी आड़ में पाक के कहने पर आतंकी आम नागरिकों को ढाल बनाकर सेना पर हमले की साजिश रच रहे हैं। इसके बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों व घाटी में सुरक्षा बलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। आतंकी पाक अधिकृत कश्मीर में मिशन कश्मीर 2017 के तहत साजिश रच रहे हैं। पिछले दिनों पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई चीफ ने भी पीओके के साथ-साथ सियालकोट और रावलपिंडी का दौरा किया था। सेना को सर्तकता की जरूरत है।
-बिन्दु माथुर