16-Feb-2017 07:26 AM
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आस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में अपनी ही बड़ी बहन वीनस विलियम्स को हराकर सेरेना विलियम्स ने 23वां ग्रैंड स्लैम खिताब जीत लिया है। इस तरह वे स्टेफी ग्राफ को पीछे छोड़कर ओपन एरा में सबसे ज्यादा ग्रैंड स्लैम जीतने वाली महिला खिलाड़ी बन गई हैं। इस जीत के साथ सेरेना रैंकिंग में भी शीर्ष पर पहुंच गई हैं।
आज के दौर के टेनिस में ग्रैंड स्लैम खिताब किसी खिलाड़ी की महानता का पैमाना माने जाते हैं। पेशेवर टेनिस के चार सबसे प्रतिष्ठित खिताब ग्रैंड स्लैम ही हैं। ओपन एरा में सेरेना विलियम्स और स्टेफी ग्राफ के अलावा सिर्फ तीन ही खिलाड़ी हैं जिन्होंने 10 से ज्यादा एकल ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं क्रिस एवर्ट, मार्टिना नवरातिलोवा और बिली जीन किंग। अपनी प्रतिद्वंदिता के लिए मशहूर रहीं एवर्ट और नवरातिलोवा, दोनों ने 18 ग्रैंड स्लैम खिताब जीते तो किंग ने 12।
सेरेना विलियम्स न सिर्फ 23 खिताब जीत चुकी हैं बल्कि वे आज भी इतनी मजबूत खिलाड़ी बनी हुई हैं कि हर ग्रैंड स्लैम में संभावित विजेता के रूप में उनका नाम सबसे पहले आता है। इसके चलते कई जानकार उन्हें सर्वकालिक महान खिलाड़ी घोषित कर चुके हैं। लेकिन पूछा जा सकता है कि क्या किसी खिलाड़ी की महानता को आंकने का सर्वश्रेष्ठ पैमाना सिर्फ ग्रैंड स्लैम खिताब हैं?
खेल जीवन की उपलब्धियों को आंकते हुए ग्रैंड स्लैम पर खास जोर देने के तरीके में कुछ गंभीर खामियां हैं। यह बाकी दूसरे टूर्नामेंटों में खिलाड़ी के प्रदर्शन की उपेक्षा करता है जो किसी भी टेनिस खिलाड़ी के खेल जीवन का सबसे बड़ा हिस्सा होते हैं। ग्रैंड स्लैम की गिनती सेरेना विलियम्स के खेल जीवन के दो उन पहलुओं की उपेक्षा भी करती है जो उन्हें खास तौर पर उल्लेखनीय बनाती हैं इस खेल में उनके प्रभुत्व का असर और इस प्रभुत्व का दायरा।
किसी खिलाड़ी की महानता इससे ज्यादा व्यापक तरीके से एलो ट्रैजेक्टरी से मापी जा सकती है। एलो रेटिंग आंकड़ों की मदद से किसी खिलाड़ी की गुणवत्ता को आंकने का तरीका है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह खिलाड़ी किसी चुने हुए प्रतिद्वंदी के मुकाबले कहां ठहरेगा। जितने भी बड़े खेल हैं उनके लिए एलो रेटिंग सिस्टम के अलग-अलग संस्करण मौजूद हैं।
टेनिस एलो रेटिंग एक संख्या है जो किसी खिलाड़ी के करियर की ऊंचाइयों और गिरावटों के हिसाब से अपडेट होती रहती है। इसका मकसद खिलाड़ी के खेल की गुणवत्ता के सूचकांक की तरह काम करना है। आधिकारिक रैंकिंग के उलट एलो रेटिंग एक सांख्यिकीय मॉडल पर आधारित होती है जो यह दर्ज करता है कि किसी खिलाड़ी ने उम्मीद से अच्छा या बुरा खेलते हुए कैसा खेल दिखाया। खिलाड़ी की रेटिंग हर मैच के साथ बदलती है। यह भी देखा जाता है कि सामने वाला प्रतिद्वंदी कितना मजबूत या कमजोर था। अपने से बड़े खिलाड़ी को हराने पर खिलाड़ी को ज्यादा अंक मिलते हैं। एलो रेटिंग खिलाडिय़ों के खेल को एक प्रतिस्पर्धात्मक संदर्भ में रखती है। यह अलग-अलग दौर के खिलाडिय़ों के बीच की तुलना को खिताबों की गिनती से ज्यादा सार्थक बना देती है।
30 के बाद भी दमदार खिलाड़ी
सेरेना विलियम्स के मौजूदा प्रभुत्व वाले दौर में कोई उनके आगे नहीं ठहर सका है। कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं है जो लगातार उनके लिए चुनौती बना हो। लेकिन सबसे प्रभावशाली बात यह है कि प्रभुत्व के मामले में सेरेना विलियम्स ने 30 की देहरी लांघने के बाद सबसे बढिय़ा प्रदर्शन किया है। जबसे वे 30 साल की हुई हैं उसके बाद से हर साल वे एलो सिस्टम के हिसाब से सबसे ज्यादा रेटिंग वाली खिलाड़ी रही हैं। दूसरे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी से उनका फासला औसतन 150 अंकों का रहा है। इसका मतलब है कि चार में से तीन लोगों ने दूसरे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पर उन्हें तरजीह दी है। दूसरे शब्दों में कहें तो सेरेना विलियम्स के मौजूदा प्रभुत्व वाले दौर में कोई उनके आगे नहीं ठहर सका है। कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं है जो लगातार उनके लिए चुनौती बना हो। यह भी एक और तथ्य है जो खेल के दिग्गजों की पांत में भी उन्हें एक विशेष आभा देता है। क्रिस एवर्ट और स्टेफी ग्राफ की मार्टिना नवरातिलोवा और मोनिका सेलेस से प्रतिद्वंदिता मशहूर रही। इस होड़ ने इन सभी खिलाडिय़ों के खेल के स्तर को ऊंचा बनाया। दूसरी तरफ सेरेना विलियम्स के सर्वश्रेष्ठ खेल का कुछ हिस्सा तब देखने को मिला जब उनकी अकेली प्रतिद्वंदी वे खुद ही थीं। सेरेना 35 साल की हो गई हैं। इस उम्र तक ज्यादातर टेनिस खिलाड़ी या तो रिटायर हो जाते हैं या फिर ढलान के भी आखिरी चरण में होते हैं। लेकिन सेरेना का प्रभुत्व खेल पर अब भी बना हुआ है। अभी आने वाले कई सालों तक उनकी उपलब्धियों पर बहस होगी। लेकिन दुनिया की यह नंबर एक महिला टेनिस खिलाड़ी अभी ही जो हासिल कर चुकी है उसकी असाधारणता पर कोई दो राय नहीं है।
-आशीष नेमा