20-Jan-2017 10:13 AM
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राजस्थान में विधानसभा चुनाव में करीब दो साल का समय शेष है लेकिन सभी राजनैतिक दलों ने अपने-अपने कार्यकर्ताओं और सर्मथकों को सक्रिय करना शुरू कर दिया है। विपक्षी दल जहां नोटबंदी के मुद्दे पर भाजपा को घेरने में लगे हैं वहीं भाजपा सरकार और संगठन विकास और अपनी योजनाओं का हवाला देते हुए विपक्ष के प्रयास को नाकाम करने में लगे हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सघन दौरों में और तेजी आ गयी है तथा वह कार्यकर्ताओं और आम लोगों से रूबरू होकर समस्याएं सुनने के साथ ही उनका त्वरित निस्तारण करने के निर्देश अधिकारियों को दे रही हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के लिए योजनाओं का फायदा अन्तिम सिरे तक बैठे व्यक्ति को पहुंचाने के वास्ते समयबद्व लक्ष्य तय किया है और समय-समय पर इसकी समीक्षा भी कर रही हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को आमजनों तक पहुंचाने के लिए कार्यक्र्ताओं को सक्रिय कर रहे हैं। कांग्रेस, नेशनल पीपुल्स पार्टी, आम आदमी पार्टी, अपने प्रदेश नेतृत्व से नाराज चल रहे भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी और किसान महापंचायत, सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए कार्यक्रमों का शंखनाद कर चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ प्रदेश पदाधिकारी के अनुसार, कार्यकर्ता केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं को घर-घर पहुंचा रहे हैं। सत्ताधारी दल ने आगामी विधानसभा चुनाव में फिर से सत्ता पर काबिज होने के लिए ब्लॉक, जिला कमेटियों, मोर्चा और प्रकोष्ठों को लक्ष्य तय कर समय पर पूरा करने के निर्देश दिये हैं। कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए आने वाले दिनों में राजनीतिक नियुक्तियों का दौर चलेगा। मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन कार्यक्रम, भामाशाह कार्ड, शिक्षण क्षेत्र में किये सुधार, नोटबंदी के बाद कैशलेस अभियान, अन्नपूर्णा रसोई योजना, राज्यकर्मियों की पदोन्नति, नयी भर्तियों के सहारे एक बार फिर सत्ता में काबिज होने के लिए सरकार और संगठन तेजी से काम कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा प्रदेशवासी सरकार से दुखी हैं और भाजपा को सबक सिखाने के लिए विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। ÓÓ किसान महापंचायत ने भी प्रदेश की भाजपा सरकार को किसान विरोधी बताते हुए सरकार पर हमला बोल दिया है। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा प्रदेश की भाजपा सरकार को तीन साल हो गये लेकिन सुराज संकल्प यात्रा के दौरान किये गये वायदे पूरे नहीं हुए। किसानों की अनदेखी के विरोध में आगामी विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव एवं महापड़ाव किया जायेगा।ÓÓ
उधर दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी राज्य सरकार की नीतियों और रीतियों के खिलाफ प्रदेशव्यापी जनजागरण यात्रा आरंभ कर चुके हैं। तिवाड़ी प्रदेश नेतृत्व से कथित रूप से नाराज बताये जाते हैं। उनकी नजदीकियां नेशनल पीपुल्स पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. किरोड़ी लाल मीणा से लगातार बढ़ रही हैं। दोनों की करीबी पर भाजपा पार्टी की निगाहें लगी हुई हैं। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को राजस्थान का प्रभारी बनाकर आगामी विधानसभा चुनाव पूरी मेहनत से लडऩे के संकेत दे दिए है। सिसोदिया हर माह राजस्थान में कम से कम चार दिन रहकर संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करेंगे। यानी राजस्थान में दो साल पहले ही विधानसभा चुनाव का रण क्षेत्र तैयार होने लगा है।
कांग्रेस के नेताओं में नहीं बन पा रहा समन्वय
कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी बारां में एक बड़ी जनसभा कर प्रदेश में चुनावी तैयारियों का शंखनाद कर चुके हैं। लेकिन प्रदेश के नेताओं में समन्वय नहीं बन पा रहा है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश भर में नोटबंदी के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन किया तो उसमें भी गुटबाजी नजर आई। वैसे कांग्रेस के पास नोटबंदी के अलावा भाजपा द्वारा घोषणा पत्र में किए गए वायदों को पूरे नहीं करने, बढ़ती बेरोजगारी, बिगड़ती कानून व्यवस्था सहित आधा सैकड़ा मुद्दे हैं जिन पर सरकार को घेरा जा सकता है।
-जयपुर से आर.के. बिन्नानी