17-Nov-2016 07:05 AM
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अमेरिकी इतिहास में पहली बार एक ऐसा राष्ट्रपति मिला है जिसने अमेरिका को ग्रेट बनाने का सपना आक्रामक अंदाज में देखा है। यही कारण है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतते ही कितने ही देशों में मुर्दनी छा गई है। यही नहीं अमेरिका में ही उनका विरोध शुरू हो गया है। लेकिन ट्रंप की जिद और जुनून देखकर ऐसा नहीं लगता है कि वे अपने इरादे से मुकरेंगे। यानी डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी वादों को अब अमेरिकी की नई विदेश नीति में पिरोने का काम किया जाएगा। इन नीतियों पर चलकर कितना महान बन पाएगा अमेरिका यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति की महीनों तक चली चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से ट्रंप के इर्द-गिर्द घूमती रही। ट्रंप का सबसे विवादित बयान कि अमेरिका को आतंकवाद के खतरे से बचाने के लिए जरूरी है देश में गैरकानूनी अप्रवासियों और खासतौर पर मुसलमानों की एंट्री पर पाबंदी लगाने की। इस बयान ने नतीजे को ट्रंप के पक्ष में करने का काम किया है। तो क्या अब दुनिया को इंतजार है उन खतरनाक फैसलों का जिसका वादा ट्रंप ने प्रचार के दौरान किया था? क्या वह मेक अमेरिका ग्रेट अगेनÓ के अपने वादे को निभाने के लिए दुनिया से आतंकवाद का सफाया करने का वादा पूरा करेंगे। क्या उनका यह वादा कि अमेरिका को आंतकवाद के खतरे से बचाने के लिए जरूरी है कि देश में मुसलमानों की एंट्री पर पाबंदी लगाई जाए वाकई अमेरिका को ग्रेट बनाएगा?
डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि वह अमेरिका और पड़ोसी देश मेक्सिको के बीच लंबी सीमा पर बाउंड्री वाल का निर्माण कराएंगे। ऐसा इसलिए कि लंबे समय से अमेरिका को मेक्सिको सीमा से ड्रग्स तस्करी और गैरकानूनी इमीग्रेशन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अपने चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप एक से ज्यादा बार यह साफ कर चुके हैं कि कट्टरवादी इस्लाम के बड़े विरोधी हैं। राष्ट्रपति पद संभालने के बाद वह मुस्लिम देशों से अमेरिका पहुंच रहे लोगों पर लगाम लगाने के लिए कई मुस्लिम देशों के नागरिकों की अमेरिका में एंट्री पर प्रतिबंध लगा सकते हैं।
बीते कुछ दशकों से आतंकवाद का सामना कर रहे अमेरिका के लिए 9-11 का हमला टर्निंग प्वाइंट था। इस हमले के बाद अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा मजबूत करने के लिए देश में रह रहे मुस्लिम इमीग्रेंट को स्कैनर पर रखा गया। अपने प्रचार के दौरान ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि चुनाव जीतने के बाद वह देश में मुस्लिम इमीग्रेंट की संख्या में बड़ी कमी लाने के लिए कानून लाएंगे। अब इंतजार करना होगा कि इस काम को करने के लिए वह क्या कानून बनाते हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि वह चीन और जापान जैसे देशों के खिलाफ ट्रेड वॉर छेड़ेंगे। ऐसा इसलिए कि इन दोनों देशों ने बीते कई दशकों में अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में मात दी है।
ट्रंप ने आरोप लगाया है कि दोनों देशों ने अपनी घरेलू मुद्रा के साथ छेड़छाड़ कर डॉलर के मुकाबले फायदा उठाया है। इसके अलावा इन देशों ने सस्ती दरों पर काम कर अमेरिका में बेरोजगारी बढ़ाने में मदद की है लिहाजा इनसे निपटने के लिए अमेरिका को कड़े व्यवसायिकप्रतिबंध लगाने होंगे। चीन और जापान के अलावा अमेरिका को कई एशियाई देशों से भी व्यापार में नुकसान उठाना पड़ रहा है। ट्रंप का मानना है कि इसके लिए अमेरिका को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से बाहर निकलने की जरूरत है। यानी अगर चुनावी वादों को देखें तो ऐसा लगता है निश्चित रूप से डोनाल्ड का जीतना अमेरिका के लिए टं्रप कार्ड सिद्ध होगा।
पाक को सबक
सिखाने में भारत के काम आएगा ट्रंप कार्ड
ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, लेकिन पूरी दुनिया की नजरें उन पर टिकी हैं। दुनिया के सबसे बड़े चुनावों पर पूरी दुनिया के लोग टकटकी लगाए हुए थे। सभी को उम्मीद थी कि अमेरिका की राष्ट्रपति हिलेरी बनने वाली हैं। पर आखरी मौके पर ट्रंप बाजी मार गए। हालांकि ज्योतिष शास्त्र ट्रंप के बारे में कुछ अलग ही भविष्यवाणी कर रहा है। ज्योतिष शास्त्री विद्या भूषण सिंह ने बताया कि ग्रहों की चाल पिछले कुछ दिनों में ऐसी बदली है कि चुनावों में हिलेरी को सीधे तौर पर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और ट्रंप को तख्त मिला है। भारत और अमेरिका के संबंधों पर भी प्रभाव पडऩे वाला है। वहीं दूसरी ओर पाक से निपटने के लिए भारत की रणनीति में ट्रंप महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
-श्याम सिंह सिकरवार