17-Aug-2016 05:59 AM
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देश के सबसे गरीब राज्य छत्तीसगढ़ के अफसर करोड़ों के आसामी हैं। जहां प्रदेश में 40 आईएएस अफसरों के पास 1 करोड़ से 7 करोड़ तक की संपत्ति है। ये तथ्य 159 आईएएस की ओर से वर्ष 2015 के लिए उपलब्ध कराए गए संपत्ति ब्योरा में सामने आए हैं। वहीं अधिकारियों के यहां विभिन्न जांच एजेंसियों के छापे में मिल रही अकूत संपत्ति इस बात का समर्थन कर रही है की गरीब छत्तीसगढ़ में अफसर अमीर हैं।
छत्तीसगढ़ अफसरों की कमाई के साथ ही उनके भ्रष्टाचार के लिए भी स्वर्ग है। आलम यह है कि उनके यहां घर से लाख-लाख की रुपए की नगदी तथा किसी-किसी के यहां से आधा किलो सोना मिलना अब आम खबर बनती जा रही है। दूसरे तरफ राज्य के 42 लाख गरीब परिवारों को सरकार की ओर से पेट भरने के लिये एक रुपये में चावल देना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार छत्तीसगढ़ देश का सबसे गरीब राज्य है।
उधर अफसरों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरों की छापामार कार्रवाई में करोड़ों की संपति निकल रही है। अभी पिछले माह छत्तीसगढ़ के अलग-अलग विभागों के सात अफसरों के यहां छापे मारें 13 करोड़ 91 लाख रुपये की बेहिसाब संपत्ति का खुलासा हुआ है। ये अधिकारी एसएन श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता, रमेश शर्मा, सहायक अभियंता, रायपुर, ज्ञानेश्वर प्रसाद दुबे, एसडीओ (वन विभाग) बलरामपुर, केके बंजारे, उप संचालक (खनिज विभाग) बिलासपुर, एआर नायडू, रेंजर (वन विभाग) मानपुर-मोहला- भिलाई, सुरेशचंद्र माहेश्वरी, अधीक्षण अभियंता (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) बिलासपुर, रामरतन पांडे, जिला प्रबंधक (मार्कफेड) जांजगीर शामिल हैं।
इनसे पहले भी कई अफसरों के पास करोड़ों की संपत्ति मिली है। मई 2016 में बारनवापारा अभ्यारण के डिवीजनल मैनेजर एनके अग्रवाल के यहां एंटी करप्शन ब्यूरों को घर से 9 लाख कैश, अभनपुर में 8 एकड़ जमीन, रायपुर शहर में 4 जगहों पर जमीन, गायत्री नगर में करोड़ो का मकान जहां वे रहते हैं। अप्रैल 2016 में एंटी करप्शन ब्यूरों ने जल संसाधन, खाद्य विभाग, पीडब्ल्यूडी, राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग, मार्केटिंग सोसायटी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 9 अधिकारियों के यहां छापा मारा था। अप्रैल 2016 में ही एंटी करप्शन ब्यूरों ने राजधानी रायपुर, न्यायधानी बिलासपुर, उद्योग नगरी कोरबा तथा रायगढ़ में छापे मारे थे जिससे बचने के लिये बिलासपुर के एक अधिकारी ने तकिये में 35 लाख रुपये भर के घर के बाहर फेंक दिये थे। जनवरी 2016 में वन विभाग के चर्चित अफसर एसडी बडग़ैया के यहां छापे में करोड़ों की संपत्ति मिली थी। एंटी करप्शन ब्यूरों के सूत्रों के अनुसार बलौदाबाजार के डीएफओ एसडी बडग़ैया का पैसा बॉलीवुड में लगा हुआ है। उनका लड़का फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा के साथ काम करता है। उसी दिन एंटी करप्शन ब्यूरों तथा इकोनामिक आफेंस विंग ने छत्तीसगढ़ के 6 शहरों के 18 ठिकानों पर दबिश दी तथा 9 अफसरों से करीब 50 करोड़ रुपयों की संपत्ति जब्त की थी।
जुलाई 2015 में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के एमडी दिलीप कुमार दीवान के पास 379 गुणा संपत्ति पाई गई। जून 2015 में एंटी करप्शन ब्यूरों ने सिंचाई विभाग के एक्सक्यूटिव इंजिनियर खारंग जलाशय संभाग के आलोक अग्रवाल के खिलाफ अभियोग पत्र दायर किया था। जिसके अनुसार आलोक अग्रवाल तथा उसके परिवार वालों के पास 31.40 करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति थी।अक्दूबर 2014 में छत्तीसगढ़ के कवर्घा के लोहारा में सिंचाई विभाग में एसडीओ राकेश कुमार गुप्ता 8 करोड़ रुपयों का आसामी निकला। सितंबर 2014 में एंटी करप्शन ब्यूरों के छापे में विद्युत विभाग का असिस्टेंट इंजीनियर सात करोड़ का आसामी निकला। फरवरी 2014 में एंटी करप्शन ब्यूरों को मरवाही डीएफओ राजेश चंदेले के घर छापे में 3 करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति मिली।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार पिछले पांच सालों में एंटी करप्शन ब्यूरों के छापे में औसतन छत्तीसगढ़ के अधिकारी/कर्मचारी के पास से 3 करोड़ 62 लाख की चल-अचल संपत्ति मिली है।
विपक्ष छापों से संतुष्ट नहीं है
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल का कहना है कि राज्य में एंटी करप्शन ब्यूरो सिर्फ छापे की कार्यवाही कर खाना पूर्ति मात्र करती है। वह दोषी अधिकारियों को सजा दिलाने की दिशा में उदासीन है। हालांकि बहुचर्चित नान घोटाला मामले में आरोपी आईएएस अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला के खिलाफ केंद्र सरकार ने अभियोजन की स्वीकृति देकर यह संकेत दे दिया है कि भ्रष्टों को छोड़ा नहीं जाएगा। इस मामले में हाईकोर्ट में लगाई गई अनिल टुटेजा की याचिका को सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया था, फिर उन्होने डबल बैंच में याचिका लगाई, जिसकी सुनवाई चल रही है ।
-रायपुर से टीपी सिंह के साथ संजय शुक्ला