15-Apr-2013 10:19 AM
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दिल्ली का बहुचर्चित दीपक भारद्वाज हत्याकांड की परतें प्याज के छिलकों की तरह निकलती ही जा रही हैं। लगता है यह कांड भी राजस्थान के बहुचर्चित भंवरी देवी बनाम मदेरणा प्रकरण की तरह चर्चित और स्कैंडलों से भरपूर है। दीपक भारद्वाज की 26 मार्च को दक्षिण दिल्ली स्थित फार्महाउस पर जब दो अज्ञात व्यक्तियों ने गोली मारकर हत्या कर दी तो उस वक्त लगा था कि यह हत्याकांड आपसी रंजिश का नतीजा हो सकता है। भारद्वाज हमेशा विवादित प्रापर्टी खरीदा करते थे और उनके ऊपर 111 सिविल केस चल रहे थे। इनमें से ज्यादातर केस दिल्ली के द्वारका कोर्ट और हरितद्वार कोर्ट में थे। कारोबारी विवाद के कारण हत्याएं होती रहती हैं, इसलिए पुलिस को पहले पहल यह कारोबारी हत्या का मामला ही लगा। लेकिन ज्यों-ज्यों मामला आगे बढ़ता गया नई-नई बातें सामने आती गईं। सबसे पहले यह कहा गया कि यह एक सैक्स स्कैंडल है क्योंकि दीपक भारद्वाज की एक युवती से निकटता थी और उसे वह अपने पास अक्सर बुलाया करता था। लेकिन उस युवती ने ही इस निकटता का खंडन किया और बताया कि रिश्ते केवल कारोबार तक सीमित थे और वह युवती काले धन को ठिकाने लगाने का काम करती थी। फिर पता चला कि दीपक भारद्वाज का कुछ खास लोगों से गंभीर झगड़ा चल रहा था लेकिन उस तथ्य में भी ज्यादा जान नहीं थी बाद में एक और कहानी सामने आई जिसके अनुसार बताया गया कि दीपक भारद्वाज का चक्कर अपने बेटे की गर्लफ्रेंड के साथ चल रहा था, लेकिन यह भी अफवाह ही साबित हुई। क्योंकि भारद्वाज कोई ऐसा झमेला नहीं पालना चाहता था जिससे बाद में उसके लिए कोई मुसीबत खड़ी हो।
बहरहाल इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड में परत-दर-परत नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं। हत्या के दो दिन बाद ही पुलिस ने हरियाणा में तीन व्यक्तियों को पूछतांछ के लिए हिरासत में लिया था और एक कार भी बरामद की थी। भारद्वाज की पत्नी से भी पूछताछ की थी। 31 मार्च को एक दूसरे युवक को हिरासत में लिया गया। एक अप्रैल को हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुरुषोत्तम राणा गिरफ्तार किया गया। एक अन्य संदिग्ध हमलावर सुनील मान भी हिरासत में लिया गया था। दो अप्रैल तक यह साफ नहीं हो पाया था कि इसका मास्टर माइंड कौन है। लेकिन बड़े बेटे हितेश से पूछताछ चल रही थी। 5 अप्रैल को 40 वर्षीय योग प्रशिक्षक अविनाश शास्त्री को हिरासत में लिया गया। शास्त्री इंदौर में योग प्रशिक्षण केंद्र चलाता है। दिल्ली पुलिस एक आध्यात्मिक गुरु प्रतिभानंद की तलाश में इंदौर भी पहुंची यह आध्यात्मिक गुरु अभी तक फरार बताया जाता है। 9 अप्रैल को इस हत्याकांड में भारद्वाज के बेटे नितेश को गिरफ्तार करने से नया मोड़ आ गया है। अब और कितने खुलासे होने हैं इसका कोई अंदाज नहीं है।
भारद्वाज ने 2009 में अपनी संपत्ति 600 करोड़ रुपये घोषित की थी। उन्होंने 2009 का लोकसभा चुनाव बसपा के टिकट पर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से लड़ा था, लेकिन कांग्रेस के महाबल मिश्रा से हार गए। वह द्वारका में शिक्षा भारती पब्लिक स्कूल भी चलाते थे। चुनाव आयोग को 2009 में दिए हलफनामे में उन्होंने 368.22 करोड़ रुपये मूल्य की खेती की जमीन घोषित की थी, जबकि उनकी पत्नी के पास 100.35 करोड़ रुपये की जमीन बताई गई थी। हलफनामें के अनुसार भारद्वाज के पास 28.75 करोड़ रुपये कीमत की कई इमारतें भी थीं।
जांच में यह भी पता चला है कि दीपक को पहले भी तीन बार जान से मारने की कोशिश की गई थी। इससे पहले पुलिस ने नितेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। पुलिस ने पहले भी इस हत्या की साजिश रचने में परिवार के किसी सदस्य के शामिल होने का शक जताया था। पुलिस ने भारद्वाज परिवार के वकील व प्रॉपर्टी का काम करने वाले बलजीत सहरावत को भी गिरफ्तार कर लिया। बलजीत न्यू रोहतक रोड, आनंद पर्वत औद्योगिक क्षेत्र का रहने वाला है। कहा जा रहा है कि इसी ने प्रतिभानंद को दीपक भारद्वाज व उनके बेटे नितेश से मिलवाया था। पुलिस को संदेह है कि नितेश ने वकील सहरावत के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची। भारद्वाज की हत्या कराने के लिए प्रतिभानंद को छह करोड़ रुपये की सुपारी दी गई थी। यह दिल्ली में किसी की हत्या के लिए अब तक की सबसे बड़ी सुपारी मानी जा रही है। 48 वर्षीय प्रतिभानंद चाहता था कि वह एक बड़ा आश्रम खोले, जहां देश-विदेश के लोग योग का प्रशिक्षण लेने आएं। बड़ा आश्रम खोलने के लिए करीब दो करोड़ रुपये चाहिए थे। आश्रम के बारे में जानकारी जुटाने व सर्वे करने के मकसद से प्रतिभानंद ने पिछले डेढ़ साल में हरिद्वार, करनाल, सोलन व वाराणसी आदि कई जगहों का दौरा कर आश्रमों का जायजा लिया। बहुत सारे आश्रमों से गलत हरकतों की वजह से उसे निकाल दिया गया। वह हरिद्वार में हिंदू महासभा के आश्रम पर भी कब्जा करना चाहता था। पिछले वर्ष अक्टूबर व नवंबर में जब वह आश्रम ढूंढने की कोशिश में हरिद्वार में था, तब उसने भारद्वाज के नजदीकी कुछ लोगों से पैसों का जिक्र किया। इस पर उन्होंने कहा कि अगर वह (प्रतिभानंद) दीपक भारद्वाज की हत्या करा देगा, तो उसे छह करोड़ रुपये तुरंत मुहैया करा दिया जाएगा। इतना बड़ी पेशकश सुनकर प्रतिभानंद ने फौरन हामी भर दी थी। इसके बाद वह पहले तो कई दिनों तक यह सोचता रहा कि किससे हत्या कराई जाए। वह अधिक से अधिक पैसा अपने पास बचा लेना चाहता था। बाद में उसने चालक रह चुके पुरुषोत्तम से कहा कि उसे भारद्वाज की हत्या के लिए दो करोड़ की सुपारी मिली है।
अगर वह यह काम कर देता है, तो एक करोड़ वह उसे दे देगा। एक करोड़ का ऑफर मिलने पर पुरुषोत्तम तैयार हो गया। पुरुषोत्तम ने हरिद्वार में दो बार भारद्वाज की हत्या करने की कोशिश की, किंतु मकसद में सफल नहीं हो पाया। पकड़े जाने के डर से प्रतिभानंद और पुरुषोत्तम दोनों नहीं चाह रहे थे कि भारद्वाज की हत्या दिल्ली में उनके फार्म हाउस में की जाए। दिल्ली से बाहर हमेशा लोगों से घिरे होने के कारण पुरुषोत्तम को जब मौका नहीं मिला, तब उसने तीसरी बार फार्म हाउस में ही घुसकर दीपक भारद्वाज की हत्या कर दी। योग आश्रम के लिए जमीन का इंतजाम करने प्रतिभानंद पिछले दिनों कुंभ मेले के दौरान इलाहाबाद भी गया था। वहां कई दिन तक अलग-अलग आश्रमों में रुक उनके साधुओं से आश्रम के लिए जमीन मुहैया कराने का अनुरोध किया, किंतु सबने इनकार कर दिया।
मार्कन्डेय तिवारी