15-Apr-2013 10:11 AM
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आतंकवाद पर किए गए एक अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि पढ़े-लिखे और सुसंस्कृत लोग भी आतंकवाद का रास्ता अपनाने लगे हैं। वैसे यह कोई नया रहस्योद्घाटन नहीं है भारत में नक्सलियों के बीच कई बहुत विद्वान लोग सक्रिय हैं जिनके कहने पर नक्सली खून की होली खेलते हैं। इसी प्रकार लिट्टे ने भी जिन लड़ाकों की भर्ती कर रखी थी उनमें से कई अच्छे-खासे पढ़ाकू डाक्टर, इंजीनियर आदि थे। अब लश्कर ए तोयबा के बारे में जो नया खुलासा हुआ है उसमें बताया गया है कि कश्मीर तथा भारत के अन्य कोनों में आतंकवाद फैलाने वाले लश्कर के कई खूंखार आतंकवादी पढ़े-लिखे और सुसंस्कृत तबके से आते हैं जिनमें से ज्यादातर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से संबद्ध हैं। लगभग 900 आतंकवादियों के जीवन को करीब से देखने के बाद जो रिपोर्ट तैयार की गई है उससे यही पता चलता है कि पहले कभी कम पढ़े-लिखे या अनपढ़, गुमराह, जाहिल किस्म के नौजवानों को आतंक में ढकेल दिया जाता था। लेकिन अब पढ़े-लिखे और अच्छी डिग्रियां हासिल करने वाले लोग लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के इशारे पर जान देने को तैयार हंै। इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि जिस तरह अमेरिका, अफगानिस्तान और ईराक से अपना लाव लश्कर समेट रहा है। उसके बाद अब कश्मीर की तरफ आतंकवादियों का रुख होना अवश्यंभावी होता जा रहा है। लश्कर ए तैयबा के तो 94 प्रतिशत आतंकवादी कश्मीर में ही सक्रिय हैं। अमेरिका की मिलिट्री अकादमी ने यह रिपोर्ट हाल ही में प्रस्तुत की है। रिपोर्ट बताती है कि पश्चिम में यह समझा जाता है कि पाकिस्तान लश्कर के आतंकवादियों को प्रशिक्षण नहीं देता है बल्कि वहां से उन्हें समर्थन मिलता रहा है, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान की सेना के साथ ही लश्कर के आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
अमेरिका में 9/11 का हमला जिन आतंकवादियों ने किया था उनमें से ज्यादातर पढ़े लिखे और सभ्य समाज में से आते थे। बहुत से तो ऐसे थे जिन्हें विमान चलाने का प्रशिक्षण भी मिला था। उसके बावजूद उनके कदम आतंकवाद की तरफ उठ गए। दुनियाभर में धर्म का भय दिखाकर दूसरे धर्मों के प्रति नफरत फैलाकर, दूसरे धर्मावलंबियों को शैतान या हैवान की संज्ञा देकर तथा अपने धर्म के प्रति हो रहे अत्याचार की गलत फहमी पैदा करके आतंकवाद फैलाया जाता है। लेकिन कई बार इसका कारण राजनीतिक भी होता है। नक्सलियों और लिट्टे का आतंकवाद राजनीतिक कारणों से परवान चढ़ा। लेकिन ऐसा बहुत कम होता है कि कोई देश आतंकवादियों को प्रशिक्षण दे और आतंकवाद को दूसरे देश के विरुद्ध छद्म युद्ध छेडऩे का साधन बनाए। पाकिस्तान एक ऐसा ही देश है। दुनिया में आतंकवाद के जन्मदाता नाम से विख्यात हो चुका पाकिस्तान आज भी नहीं मानता कि वे आतंकवादी गतिविधियों का अंजाम दे रहा है। कराची शहर से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इंडियन मुजाहिदीन साजिशें रचता रहा है। अहमदाबाद, मुंबई, लखनऊ, वाराणसी के अलावा भारत के कई शहरों को निशाना बनाने वाली आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने का फरमान यहीं से सुनाया जाता रहा है। आज भी भारत के दुश्मनों के ठिकाने यहां पर महफूज हैं। यहां पर यूसूफ प्लाजा नाम के एक अपार्टमेंट में इंडियन मुजाहिदीन का फ्लैट है, जो इस आतंकवादी संगठन का हेडआफिस भी है। यह यूसूफ प्लाजा कराची शहर का सबसे बड़ा अपार्टमेंट है। अपार्टमेंट में बहुत बड़ी तादाद में लोग काफी समय से यहां रह रहे हैं। इसी दुकान से आतंकवाद भारत को भेजा जाता है। इस प्लाजा में लोग छोटे मोटे काम धंधे को अंजाम देते हैं। इस ठिकाने के संचालन पर आईएसआई का पूरा हाथ है। इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी यहीं पर आईएसआई के साथ मिलकर भारत के खिलाफ आतंकवादी साजिशें रचते हैं। पाकिस्तान का सबसे बड़ा आर्थिक ठिकाना कराची ही है। यहां से ही भारत को तबाह करने के लिए हर रोज नई-नई साजिशें इंडियन मुजाहिदीन रचता रहता है। कराची के हर कदम पर आतंकवाद पैदा करने के ठिकाने हैं। हर दस कदम पर यहां आतंकवादी पैदा किए जाते हैं। भारत के सबसे बड़े अपराधी दाऊद का ठिकाना भी इसी शहर में है। वहीं आईएसआई का मुख्यालय भी इसी शहर में है। जहां से कसाब नाम का शख्स पैदा हुआ था,यानि जहां से उसे ट्रेंड किया था, वह ठिकाना भी कराची शहर में ही है। दाऊद का पहला ठिकाना भी इसी शहर में था, जिसे व्हाइट हाउस के नाम से जाना जाता है। भारत में किए गए छब्बीस ग्यारह ब्लास्ट की साजिश भी यहीं से रची गई थी। ये सब पढ़े-लिखे लोग हैं इनमें 63 प्रतिशत हायर सेकेंड्री तक शिक्षा प्रात हैं। कुछ ऐसे हैं जो गे्रज्युएट भी हैं, कुछ डॉक्टर, इंजीनियरिंग जैसे पेशों से जुड़े हुए हैं। बहुत सो ने विदेश में पढ़ाई की है। कई अपना व्यवसाय भी चला रहे हैं। लेकिन इन सबका उद्देश्य एक ही है भारत से नफरत करना। पाकिस्तान में आज भी ऐसे लोग मौजूद है जो महीनों भूखे रह सकते हैं, लेकिन भारत से नफरत करना नहीं छोड़ सकते। नफरत की इस आग को पाकिस्तान भारत में भी फैलाने की कोशिश करता रहा है।