17-Nov-2015 08:09 AM
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राजेंद्र सदाशिव निखलजे उर्फ छोटा राजन आखिरकार कानून की गिरफ्त में आ ही गया। उसे इंडोनेशिया से भारत लाया जा चुका है। छोटा राजन के भारत आते ही मुंबई में एक बार फिर से अंडरवल्र्ड के बीच गैंगवार की आशंका जताई जा

रही है। इसको देखते हुए खुफिया विभाग ने पुलिस को अलर्ट रहने को कहा है। इंडोनेशिया में छोटा राजन ने समर्पण किया है या वह गिरफ्तार हुआ है? इस सवाल का जवाब शायद ही कभी मिले, लेकिन यहां मुंबई और बाहर फैले अंडरवल्र्ड में नए डॉन को लेकर बेचैनी बढ़ गई है। सवाल उठ रहा है कि छोटा राजन जेल में रहेगा तो अपराध की दुनिया में दाऊद इब्राहिम के बाद दूसरा बड़ा नाम कौन होगा?
छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद उसकी जगह लेने के लिए मुंबई में कई गेंगस्टर सक्रिय हो गए हैं। इससे यहां गैंगवार की संभावना बढ़ गई है। मुंबई पुलिस और अंडरवल्र्ड से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस दौड़ में 3 भगोड़ों सहित कुल 5 नाम हैं जो खुद को राजन की जगह देखना चाहते हैं। भगोड़े अपराधियों में सबसे अहम नाम है विजय शेट्टी। उसके बाद रवि पुजारी और अबु सावंत है। बाकी के दो नामों में एक है संतोष शेट्टी और दूसरा विक्की मल्होत्रा। यह दोनों हत्या, अपहरण और जबरन वसूली के मामलों में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर हैं। सवाल ये है कि क्या मुंबई अपराध जगत में एक बार फिर से गैंगवॉर होंगे? क्या एक बार फिर मुंबई की सड़कों पर बहेगा खून? और क्या एक बार फिर फिल्मों में लगेगा अंडरवल्र्ड का पैसा? इनमें से ज्यादातर के वकील रह चुके राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि अपराधियों की दुनिया अपने हिसाब से बनती और बदलती रहती है। यह सभी किसी समय राजन के साथ जुड़े हुए थे, लेकिन बाद में किसी न किसी वजह से अलग होकर अपनी-अपनी गैंग बना ली। अब जब राजन की जगह खाली होती दिख रही है तो स्वाभाविक है कोई न कोई उस पर हक जमाने की कोशिश करेगा। आखिर करोड़ों का एम्पायर है। इस बीच खुफिया विभाग से खबर आ रही है कि छोटा राजन के गिरफ्तार होने के बाद दाउद अपने गुर्गों को एक बार फिर से मुंबई में सक्रिय करने की तैयारी कर रहा है। इससे यहां खूनी खेल शुरू होने की संभावना बढ़ गई है। इस बीच राजन की जगह लेने के लिए अपराधी सक्रिय हो गए हैं।
रवि पुजारी
इन दिनों जब दाऊद और छोटा राजन जैसे गैंग गायब हैं तो रवि पुजारी जैसे गैंग मार्केट में आना चाहते हैं। माना जा रहा है कि इन दिनों मुंबई में रवि पुजारी गैंग कदम जमाने की कोशिशें कर रहा है। हालांकि वो इस तरह की कोशिशें पहले भी कर चुका है लेकिन मुंबई पुलिस ने हर बार उसकी कोशिशों को नाकाम कर दिया है।
रवि पुजारी किसी जमाने में छोटा राजन का खास हुआ करता था लेकिन जब राजन के गैंग में फूट पड़ी तो उसने भी अलग रास्ता अख्तियार कर लिया। पुजारी कम पढ़ा लिखा है लेकिन अंग्रेजी और हिंदी भाषा का उसे अच्छा ज्ञान है। 90 के दशक में पुजारी दुबई चला गया था और रंगदारी के धंधे का बड़ा खिलाड़ी बन गया था। उसका मुंबई में काफी खौफ था और बिल्डर उसके नाम पर पैसा दे देते थे। माना जाता है कि पुजारी ऑस्ट्रेलिया में छुपा है और वहीं से अपनी आपराधिक गतिविधियों को संचालित करता है। पहली बार रवि पुजारी का नाम उस वक्त चर्चा में आया था जब उसने बाला जॉल्टे नाम के गैंगस्टर का कत्ल कर दिया था। पुजारी बॉलीवुड हस्तियों को भी अक्सर रंगदारी के लिए धमाकाता रहता है। करिश्मा कपूर के पति, महेश भट्ट, शाहरुख खान और रितेश देशमुख समेत करीब 14 बॉलीवुड हस्तियों को वह रंगदारी के लिए धमकी दे चुका है। खुफिया सूत्रों की माने तो रवि पुजारी मुंबई को अपने कब्जे में लेने के लिए नए तरीके से अपना गैंग तैयार कर रहा है।
अबु सावंत
अबु सावंत के बारे में बताया जाता है कि वह खून खराबे में कम छोटा राजन के काले कारोबार को संभालने में ज्यादा सक्रिय रहा है। यानी उसे अंडरवल्र्ड ऑपरेशन का अनुभव कम है।
विजय शेट्टी
विजय शेट्टी के बारे में सबकी राय अलग है। बताया जाता है कि बैंकॉक में अपने ही साथी भरत नेपाली की हत्या करवाने के साथ मुंबई में वकील शाहिद आजमी और चेंबूर के तिलक नगर यानी छोटा राजन के गढ़ में घुसकर फरीद तनाशा को मरवाना जोखिम भरा काम था जो उसने कर दिखाया है।
संतोष शेट्टी
कभी राजन का बेहद करीबी रहा, दुबई से लेकर बैंकॉक और सिंगापुर से छोटा राजन को बचाकर निकालने वाला संतोष शेट्टी भी कम नहीं है। संतोष शेट्टी फिलहाल जमानत पर है और सही मौके की तलाश में गुमनामी की जिंदगी जी
रहा है।
विक्की मल्होत्रा
राजन के साथ शुरू से अंत तक बना रहा विक्की मल्होत्रा फिलहाल जमानत पर है। विक्की को आईबी यानी खुफिया ब्यूरो का सबसे करीबी माना जाता है।
अंडरवल्र्ड की शुरुआत
1950 में मुंबई में शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई। इसके बाद यह धंधा भूमिगत तरीके से चलने लगा। यह अंडरवल्र्ड की दस्तक थी। कई गुंडों और मोहल्लों के दादाओं ने अपने-अपने इलाकों में शराब की गैरकानूनी भट्टियां लगाना शुरू कर दी। धीरे-धीरे इन सभी ने मिलकर अपना नेटवर्क बनाया और अवैध शराब बनाने से लेकर इसके वितरण तक का काम शुरू कर दिया। इस पूरे एपिसोड के दौरान पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध मानी गई थी क्योंकि पुलिस की नाक के नीचे यह धंधे पनप रहे थे। धंधा बढ़ा तो दुश्मनी और साम्राज्य पर वर्चस्व की जंग भी शुरू हुई। यहां से गैंग बनाने की प्रथा शुरू हुई। अवैध शराब से शुरू हुआ यह धंधा बॉलीवुड, वेश्यावृत्ति और रियल एस्टेट तक पहुंच गया। 1960 और 70 के दशक में देश में लाइसेंस राज का बोलबाला था। आयात पर नियमों की कड़ाई थी, जिसका फायदा उठाया उभरते हुए गुंडों ने और उन्होंने तस्करी को अपना नया धंधा बना लिया। सोना, चांदी, नशीली दवाएं, कपड़े और उपभोक्ता सामानों की तस्करी ने तेजी पकड़ी। मुंबई की गोदियां (डॉक्स) तस्करी के सामान की बिक्री का अड्डा बन गईं। 70 के दशक में तस्करी के अलावा अवैध वसूली और अपहरण भी गैंग्स का नया धंधा बन गया। यहीं से सामने आया हाजी मस्तान, करीम लाला, वरदराजन मुदलियार और यूसुफ पटेल का नाम। इन्हें मुंबई अंडरवल्र्ड का जनक कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। हाजी की जिंदगी को कई किरदारों ने फिल्मी परदे पर भी जिया है। सफेद कपड़े पहनने वाला और ड्राइवर वाली मर्सडीज कार में चलने वाला हाजी मस्तान मूल रूप से तमिल था। वह 1955 में तमिलनाडु से मुंबई में आकर बसा था। 17 साल की उम्र तक वो केवल तमिल ही बोलता था, लेकिन तस्करी के मामले में जेल की हवा खाने के दौरान उसने हिंदी सीखी। 1970 में वह फिल्म वितरक बन गया था। 1994 में दिल के दौरे की वजह से मुंबई में उसकी मौत हो गई थी। 1960 में विक्टोरिया टर्मिनस पर कुली का काम करने वाला वरदराजन, मुंबई का सबसे कुख्यात और क्रूर गैंगस्टर माना जाता है। तमिलनाडु से विस्थापित हुआ वरदराजन, 1980 आते-आते अपनी समानांतर अदालत चलाने लगा था। वह धारावी और माटुंगा के बीच के विवादों की सुनवाई करता था। 1980 के मध्य तक मुंबई पुलिस उसके पीछे पड़ गई और उसे जान बचाने के लिए तमिलनाडु भागना पड़ा था।
-मुंबई से ऋतेन्द्र माथुर