17-Aug-2015 07:55 AM
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मप्र में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा धरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए 2007-08 में उषा किरण योजना शुरू की गई थी। उषा किरण योजना के तहत पीडि़तों को

अस्थायी आश्रय, कानूनी सहायता, चिकित्सा सुविधा, पुलिस सहायता, 24 घंटे हेल्पलाइन, पुनर्वास सुविधा, आवश्यक प्रशिक्षण नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में संचालित उषा किरण योजना को संशोधित करते हुए इसमें सभी प्रकार की हिंसा से पीडि़त महिलाओं एवं बालिकाओं को आश्रय गृह, चिकित्सा सुविधा सहायता, विधिक सहायता, परामर्श आदि की सहायता एवं सुविधाएं उपलब्ध कराई जाना प्रस्तावित है जिसके तहत 10 संभागीय मुख्यालयों पर शासकीय उषा किरण केंद्रों की स्थापना एवं 41 जिलों में अशासकीय संस्थाओं के माध्यम से उषा किरण आश्रय गृहों का संचालन किया जाना प्रस्तावित है। इस केंद्र में महिलाएं न केवल लंबे समय तक ठहर सकती हैं बल्कि यहां उनका पुनर्वास किया जा सकेगा। इसका पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं कई बार हिंसा के डर से घर नहीं जाना चाहतीं। उनके प्रकरणों की काउंसलिंग, निराकरण तक उन्हें आश्रय प्रदान करने के लिए उषा किरण केंद्र बनाया जा रहा है। इस केंद्र में महिलाएं लंबे समय तक ठहर सकती हैं। यही नहीं, यदि महिलाएं घर वापस नहीं लौटना चाहतीं तो यहां उनके पुनर्वास की व्यवस्था भी की जाएगी। 41 जिलों में इन गृहों को भारत सरकार द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटरों के मापदण्डों के अनुसार संचालित किया जाएगा। जिसके लिए पूरी राशि राज्य मद से खर्च की जाएगी। केन्द्र सरकार द्वारा वर्तमान में प्रदेश के दो जिले इंदौर और ग्वालियर में पायलट आधार पर वन स्टॉप सेंटर के संचालन हेतु शत-प्रतिशत केन्द्र सहायता के अनुदान उपलब्ध कराने हेतु प्रस्ताव भेजा गया है। आने वाले समय में जिन जिलों में केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना का विस्तार किया जाएगा। उनमें राज्य के स्थान पर केन्द्रीय मदद से राशि खर्च की जाएगी। उल्लेखनीय है कि 19 मई 2015 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित महिला पंचायत में घोषणा की थी कि उषा किरण योजना के तहत हिंसा से पीडि़त महिलाओं और बालिकाओं के लिए एक स्थान पर सभी सुविधाओं जैसे चिकित्सा, परिवहन, विधिक सहायता, पुलिस एवं अन्य परामर्श की सेवाएं उपलब्ध कराई जांएगी। इसके लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, रीवा एवं सागर में प्रारंभिक तौर पर उषा किरण केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में संचालित उषा किरण योजनांतर्गत आश्रम गृहों में वार्डन एवं चौकीदार की व्यवस्था न होने से आश्रम गृहों के संचालन में कठिनाई होती थी। भारत सरकार के वन स्टॉप सेंटर में उपरोक्त कठिनाईयों को दूर करते हुये प्रावधान किये गये जिन्हें संशोधित उषा किरण केन्द्रों एवं उषा किरण अशासकीय 41 आश्रम गृहों में लागू किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में 06 प्रशासकीय आश्रम गृहों का संचालन विभाग द्वारा किया जा रहा है।
इन आश्रमगृहों के स्वरूप में परिवर्तन कर 10 संभाग के जिला स्तर पर शासकीय उषा किरण केन्द्र मुख्यमंत्री की घोषणा एवं दृष्टिपत्र-2018 के अनुरूप स्थापित किये जायेंगे। इन आश्रम गृहों में 04 अधिकारी एवं कर्मचारी शासकीय रहेंगे, शेष अशासकीय कर्मचारी ऑउट सोर्स से नियुक्ति किये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाओं के उत्थान के लिए उषा किरण योजना को लागू कर उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में एक पहल की है। घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005, घरेलू हिंसा के विरुद्ध संरक्षण एवं सहायता का अधिकार देता है। कोई महिला जिस परिवार में या कुटुम्ब में रह रही है या रहती थी, उस परिवार के किसी वयस्क पुरुष द्वारा उस स्त्री के साथ अथवा उसके 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के साथ की गई शारीरिक, लैंगिक और भावनात्मक व आर्थिक हिंसा का कृत्य घरेलू हिंसा के दायरे में आता है। उषा किरण योजना के तहत प्रस्तावित सेवाएं महिला को उपलब्ध कराने से महिला अत्याचारों में कमी आयेगी एवं महिलाओं में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता आएगी जिसके परिणाम स्वरूप उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। इसके अलावा महिलाओं के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ घरों में आदर्श वातावरण का निर्माण होगा जिससे बच्चों की अच्छी परवरिश भी हो सकेगी।
थाने में नियुक्ति किया जाएगा वकीलों का पैनल
पीडि़त महिलाओं को विधिक सहायता थाने में ही उपलब्ध कराने के लिए वकीलों का पैनल तैनात किया जाएगा। इसके लिए पुलिस स्टेशन पर ऐसे वकीलों का पैनल नामांकित किया जाएगा जो स्वेच्छा से ऐसे प्रकरणों का निराकरण करें। इसके लिए इस योजनांतर्गत प्रत्येक जिले के एसपी को पांच लाख रुपए की राशि प्रतिवर्ष उपलब्ध कराई जाएगी। पीडि़त महिलाओं को विधिक सहायता उपलब्ध कराने वाले वकीलों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मापदंडों के अनुसार शुल्क भुगतान किया जाएगा।
-अनूप ज्योत्सना यादव