मुंबई इंडियन्स आईपीएल चैंपियन
05-Jun-2015 08:36 AM 1234951

ईपीएल में मुंबई ने फिर सिद्ध कर दिया कि वे मुकद्दर के सिकंदर हैं। 24 मई को आईपीएल फाइनल में चैन्नई ने जब टॉस जीता, तो चैन्नई का पलड़ा भारी था। ईडन गार्डन में मुंबई को 160 के भीतर रोकने की कोशिश थी। पहले ओवर में जब पहला विकेट गिरा, तो लगा कि चैन्नई का टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण का फैसला सही है। लेकिन दूसरे ही ओवर में जब रोहित शर्मा ने 16 रन ठोक दिए, तो चैन्नई के बॉलरों की लाइन-लैंथ बिगड़ गई। इसके बाद वे लय में नहीं आ पाए। रन गति भी 10 के करीब थी। बारहवें-तेरहवें ओवर में थोड़े अंतराल से ही 2 विकेट गिर जाने के बाद मुंबई कुछ लडख़ड़ाया, लेकिन बाद में तेजी से रन जुटाते हुए 202 के स्कोर पर पहुंच गया। 202 का स्कोर चैन्नई के लिए आसान नहीं था। मैकुलम जैसे खिलाड़ी स्वदेश लौट चुके थे बाकी लय में नहीं थे। पिछले मैच में जब मुंबई ने पहले क्वालिफायर में चैन्नई को पराजित किया था। उसी वक्त लग गया था कि चैन्नई के समक्ष मुंबई मजबूत है। वैसे भी देखा जाए तो आईपीएल 2015 में मुंबई और बैंग्लोर की टीमें ज्यादा काबिल और आक्रामक खिलाडिय़ों से भरी हुई थीं। बैंग्लोर की चैन्नई से पराजय अप्रत्याशित ही कही जाएगी लेकिन मुंबई की जीत सही मायने में चैंपियन की जीत है। शुरुआती मैचों में पिछडऩे के बावजूद मुंबई ने वापसी करते हुए जिस तरह अंक तालिका में दूसरा स्थान हासिल किया, वह अद्वितीय प्रदर्शन कहा जा सकता है। शुरुआती चार में पहुंचने वाली चौथी टीम राजस्थान रॉयल्स के पास हुड्डा को छोड़कर कोई बड़ा हिटर नहीं था। राजस्थान रॉयल्स की खासियत उसकी गेंदबाजी है। राजस्थान रॉयल्स में गजब का क्षेत्ररक्षण करने की ताकत है। आईपीएल 2015 के दौरान उनकी यह ताकत दिखाई दी। लेकिन बल्लेबाजी में असंतुल बना रहा, खास मौकों पर बल्लेबाज नहीं चल पाए। फिर भी टॉप-4 में पहुंचना असाधारण ही कहा जा सकता है।
टूर्नामेंट की एक अच्छी टीम सनराइजर्स हैदराबाद भी थी। सनराइजर्स ने बीच में अच्छा खेल दिखाया लेकिन अंतिम समय में वे लडख़ड़ा गए। सनराइजरर्स के कप्तान ने आईपीएल में सर्वाधिक रन ठोके और वे पर्पल कैप के हकदार बने। ब्रावो ने 24 विकेट लेकर आईपीएल में करिश्मा कर दिखाया। उन्होंंने कुछ बेहतरीन कैच भी लिए। आईपीएल का आंकलन किया जाए, तो ऐसा लगता है कि विदेशी खिलाडिय़ों के मुकाबले भारतीय खिलाड़ी बहुत पीछे हैं। भारत का एक भी खिलाड़ी न तो सर्वाधिक विकेट ले पाया और न ही सर्वाधिक रन बनाए। हालांकि टॉप-5 में बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में भारतीय खिलाडिय़ों की मौजूदगी रही। वेस्टइंडीज 20-20 और एक दिवसीय में विश्व की सर्वश्रेष्ठ टीम बन सकती है। आईपीएल में वेस्टइंडीज के खिलाडिय़ों का प्रदर्शन लाजवाब है। क्रिस गैल, ब्रावो, सिमन्स, स्मिथ जैसे खिलाड़ी आईपीएल में अपना जलवा दिखाने में कामयाब रहे। इन खिलाडिय़ों ने नाजुक मौकों पर अद्भुत खेल दिखाया। डीविलियर्स इस आईपीएल में ज्यादा करामात नहीं दिखा पाये लेकिन उन्होंने कुछ अच्छी पारियां खेलीं। सरफराज भी इस आईपीएल की एक खोज कहे जा सकते हैं। सरफराज में एक जोशीला खिलाड़ी बनने के समस्त गुण छिपे हुए हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि वे अगले आईपीएल तक एक बेहतरीन खिलाड़ी के रूप मेंं सामने आएंगे। राजस्थान रॉयल्स के दीपा हुड्डा भी अच्छे ऑलराउंडर के रूप में उभर रहे हैं। आगामी आईपीएल में हम शायद बहुत से चेहरों को खेलते न देख पाएं। उनमें सबसे पहला नाम युवराज सिंह का है। युवराज सिंह का खेल अब समापन की ओर है। भारतीय टीम में उनकी वापसी असंभव है। यही हाल जहीर, गौतम गंभीर जैसे खिलाडिय़ों का है। युवराज सिंह सबसे महंगे खिलाड़ी थे लेकिन उनका एक-एक रन 6-6 लाख का पड़ा। हरभजन भी कोई खास नहीं चले। लेकिन विराट कोहली से प्रगाढ़ मित्रता का फायदा उन्हें मिला है और बांग्लादेश दौरे के लिए टैस्ट टीम में हरभजन की वापसी हुई है। लेकिन इस दौरे के बाद
हरभजन शायद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से विदा हो जाएं।

क्या जरूरी है गर्लफे्रन्ड?
आईपीएल दौरे में विराट कोहली और अनुष्का की जुगलबंदी फिर चर्चा में रही। इससे पहले विश्व कप में भी अनुष्का शर्मा की मौजूदगी के कारण बवाल मचा था। विराट कोहली हार बर्दाश्त नहीं करते और अनुष्का के दिल को जीतना भी उनकी जीत ही है। लेकिन इस जीत में आईपीएल समेत तमाम स्पर्धाओं में गर्लफे्रन्ड की मौजूदगी विवाद बनती जा रही है। जबसे चैन्नई टीम के खिलाडिय़ों के कमरों में कथित रूप से लड़कियों की मौजूदगी की बात उजागर हुई है तबसे लेकर आज तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन विराट कोहली अनुष्का शर्मा को लेकर कुछ ज्यादा ही आक्रामक हैं। वे मैच जीतने के बाद सब्र भी नहीं करते और अनुष्का के पास दौड़ जाते हैं। उनकी यह बेकरारी विवाद का विषय बन चुकी है। बीसीसीआई ने उन्हें चेतावनी दी है कि अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखें। विराट कोहली उम्र के जिस दौर मेें हैं, वहां भावनाएं जोर मारती रहती हैं। इसीलिए क्रिकेटर्स शादी करने में देरी नहीं करते। शादी के बाद पत्नी को विदेशी दौरों में साथ रखने के लिए नियम बने हुए हैं। लंबे दौरे में परिवार साथ रह सकता है।

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