04-Feb-2015 06:49 AM
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देश है तो लोग हैं। लोग हैं तो उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस है। पुलिस का सबसे बड़ा शत्रु आतंकवाद है और आतंकवाद से निपटने के लिए अलग-अलग तरीके भी हैं। बॉलीवुड में इन तरीकों को फिल्मी पर्दे

पर उकेरने के कई प्रयास किए गए। ए वेडनसडेÓ और स्पेशल 26Ó जैसी बेहतरीन फिल्मों के बाद डायरेक्टर नीरज पांडे ने भी इस ओर एक अनूठी कोशिश की है और नाम दिया है बेबी। यह फिल्म देश के जांबाजों की कहानी है। इसमें सीक्रेट मिशन है। एक्शन है। आतंकियों का जुनून है। नफरत और नापाक साजिश है। भारी भरकम डायलॉग हैं तो बीच-बीच में हंसी के फुहारे भी हैं।
कहानी: फिल्म में अक्षय कुमार एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वायड) के एक जांबाज सिपाही बने हैं, जो डैनी के अंडर में काम करते हैं। वो ऐसे सिपाही हैं जो घर में बीवी और दो बच्चों के होने के बावजूद किसी भी मिशन के लिए 24&7 तैयार रहते हैं। फिल्म की कहानी में आतंकवाद के बढ़ते सुनामी को रोकने लिए एक के बाद एक कडिय़ों को सुलझाने का सिलसिला चलता रहता है। फिर आखिरी में एक मिशन के लिए तीन अफसरों अक्षय कुमार, राणा डग्गुबत्ती और अनुपम खेर को चुना जाता है। सभी सऊदी अरब के लिए रवाना होते हैं और मिशन को अंजाम तक पहुंचाते हैं। इसी मिशन का नाम है बेबीÓ।