शिवराज की मंत्रियों से वन-टू-वन
19-Jan-2015 09:01 AM 1234800

जून 2014 की ही बात है जब दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग शहर मेें शिवराज सिंह चौहान ने निवेशकों के साथ वन टू वन बातचीत की थी। उस वक्त उन्होंने निवेशकों से नम्र लहजे में मध्यप्रदेश में निवेश करने की अपील की, लेकिन मध्यप्रदेश के हालात नहीं बदले। लिहाजा शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के मंत्रियों से उनका रिपोर्ट कार्ड जारी करने का कहा। लेकिन रिपोर्ट कार्ड में जब ज्यादातर मंत्रियों के माक्र्स घटिया आए तो मुख्यमंत्री ने अब वन टू वन बातचीत की है। 
अप्रैल 2013 में जब सरकार चुनाव में जाने वाली थी उस वक्त मुख्यमंत्री ने विधायकों से एक मैराथन बैठक मेंं वन टू वन चर्चा की थी, जिसके बाद कई विधायकों के टिकट काट दिए गए थे। अब मंत्रियों से वन टू वन की गई है, देखना है मंत्रिमंडल से कितने मंत्रियों का पत्ता साफ होता है। विश्लेषकों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान अब पूरी तरह मोदी को फॉलो कर रहे हैं। यूं तो शिवराज को मध्यप्रदेश की कमान संभाले 9 साल से ज्यादा का समय हो गया है। वह नरेन्द्र मोदी की तर्ज पर पहली बार अपने अधिकारियों और मंत्रियों की क्लास ले रहे हैं। शिवराज ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों और सीनियर ऑफिसरों से साफ कह दिया है कि उन्हें हर हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अजेंडे पर अमल करना है। शिवराज सिंह ने अपनी मंत्रियों की समीक्षा शुरू कर दी है। साथ ही वे मंत्रियों से अलग-अलग मिल कर उनके विभागों के बारे में बात कर रहे हैं।
हालांकि मुख्यमंत्री से मंत्रियों की मुलाकात के बारे में न तो मुख्यमंत्री ने और न ही मंत्रियों ने मीडिया से कोई बातचीत की है। लेकिन बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से उनके विभागों के बारे में बातचीत की। बातचीत के दौरान मंत्रियों ने अपने विभागों से जुड़ी परेशानियों के बारे में बताया। वहीं मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एजेंडे के नाम पर और ज्यादा बेहतर ढंग से काम करने की सलाह अपने मंत्रियों को दी। यह पहला मौका है कि जब शिवराज ने अपने मंत्रियों से इस तरह बात की है। शिवराज की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनके मंत्रिमंडल के गठन में उनकी भूमिका बहुत ही सीमित रही है। मंत्रिमंडल के कई ऐसे सदस्य हैं जो राजनीति में शिवराज से बहुत सीनियर हैं। मुख्यमंत्री रह चुके 84 साल के बाबूलाल गौर भी शिवराज कैबिनेट में हैं। वरिष्ठ मंत्री शिवराज को ज्यादा तरजीह नहीं देते है। कुछ मंत्री तो सार्वजनिक मंचों पर मुख्यमंत्री के सामने ही विवादास्पद बयान दे चुके हैं। सरताज सिंह भी वयोवृद्ध हैं। कुसुम मेहदेले सरकार के खिलाफ बयानबाजी करती रहती हैं। इन हालात में शिवराज सिंह का नरेन्द्र मोदी का अनुसरण करते हुये अपने मंत्रियों की क्लास लगाना राजनैतिक क्षेत्रों में चर्चा का विषय बन गया है। क्या उनकी टीम में भी युवाओं को रखा जाएगा। खुद बीजेपी के नेता यह मान रहे हैं कि शिवराज सिंह को नरेन्द्र मोदी का अनुसरण करते समय अपनी मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक नरेन्द्र मोदी ने खुद को साबित करते हुये बीजेपी को देश की सत्ता दिलायी है। जबकि शिवराज सिंह को पहली बार सरकार गिफ्टÓ में मिली। इस नेता के मुताबिक मोदी का अनुसरण करने के लिए मोदी जैसा बनना होगा। सरताज सिंह, कुसुम मेहदेले (टीका टिप्पणी, आयु, युवा ब्रिगेड)
टीनू जोशी गिरफ्तार

नौकरशाही को कलंकित करने वाले बर्खास्त आईएएस दंपति टीनू और अरविंद जोशी में से टीनू जोशी ने भोपाल की जिला अदालत में समर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। 2010 में लोकायुक्त और आयकर के छापे में जब टीनू और अरविंद का आवास नोट की गड्डियों से भरा पाया गया, तो उसे गिनने के लिए मशीनें लगानी पड़ीं। छापे मेंं मिले नगदी और अन्य समस्त सम्पत्तियों का बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपए के करीब है। बाद में लंबी खींचतान के बाद केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (बीओपीटी) ने मध्यप्रदेश कॉडर के 1979 बैच के इन आईएएस दंपति को बर्खास्त कर दिया। इससे पहले आईएएस रमेश थेटे को भी भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त कर दिया गया था। किंतु किसी आईएएस दंपति को बर्खास्त किए जाने का प्रदेश में यह पहला मामला है। टीनू जोशी जेल में है और अरविंद जोशी फरार है। कॉलेज से शुरू हुई प्रेम की कहानी जेल की सलाखों के पीछे तक पहुंच जाएगी, ऐसी किसी ने कल्पना नहीं की थी। अब देखना है कि अदालत से इन्हें किस तरह की सजा मिलती है। यदि सजा मिली तो यह एक मिसाल होगी और उन भ्रष्ट अफसरों पर लगाम लग सकेगी, जो जनता की खून-पसीने की कमाई पर मौज-मस्ती करते हैं।

शराब की दुकानें महंगी बिकेंगीं
मध्यप्रदेश का खजाना खाली है और खजाने को भरने के लिए सरकार बेताब है। इसीलिए नए-नए रास्ते तलाशे जा रहे हैं। पहले पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाकर जनता की जेब काटी गई लेकिन जब बिक्री घटने से राजस्व भी कम मिला, तो विचार किया जा रहा है कि हर लीटर पर तय कीमत ली जाएगी। उधर मदिरा प्रेमियों को भी प्रदेश सरकार ने थोड़ी राहत दी है। अंग्रेजी और देशी शराब पर वैट खत्म होगा, लेकिन इसकी भरपाई दुकानों को महंगा बेचकर की जाएगी। 250 नई दुकानें भी खुलेंगी, जो ठेकेदार सबसे ज्यादा बोली लगाएगा अब उसे ही दुकान मिलेंगी।

अरुणा शर्मा जाएंगी दिल्ली?
मध्यप्रदेश की काबिल आईएएस अफसर अरुणा शर्मा का केंद्र में जाना तय लग रहा है। उधर 1980 बैच के आईएएस इंद्रनील शंकर दांणी मध्यप्रदेश नियामक आयोग के प्रमुख बनाए जा सकते हैं। क्योंकि वर्तमान आयोग के प्रमुख का इसी वर्ष कार्यकाल समाप्त हो रहा है।

भोपाल से बृजेश साहू

FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^