मप्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में औद्योगिक विकास पर फोकस करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को औद्योगिक निवेश का रोडमैप बनाने का निर्देश दिया है। दरअसल प्रदेश के युवाओं में उद्यमिता की भावना का विकास करना तथा प्रदेश को निवेश की दृष्टि से सबसे आकर्षक राज्य बनाना मुख्यमंत्री की पहली प्राथमिकता है। उनका मानना है कि देश तभी आत्मनिर्भर बनेगा जब राज्य आत्मनिर्भर हों। इसलिए आत्मनिर्भर मप्र के लिए चार बिंदुओं पर आधारित रोडमैप बनाया गया है। ये बिंदु हैं भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, स्वास्थ्य और शिक्षा तथा अर्थव्यवस्था एवं रोजगार। इसके लिए अधोसंरचना और बेहतर संपर्क की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि शुरू से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का फोकस प्रदेश को औद्योगिक हब बनाने पर रहा है। इसके लिए पूर्व के कई इंवेस्टर्स समिट आयोजित किए गए थे। जिनके परिणाम स्वरूप प्रदेश में औद्योगिक विकास हुआ है। अब मुख्यमंत्री चाहते हैं कि प्रदेश में उद्योगों का इस तरह जाल बिछे कि यहां का कोई भी युवा बेरोजगार नहीं रहे। प्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेश के लिए वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि निवेशक नियमों के मकड़जाल में न उलझें। उन्हें राज्य में निवेश का उपयुक्त माहौल मिले। यह सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक सोमवार का शुरुआती आधे दिन का समय निवेशकों के साथ आमने-सामने की मुलाकात के लिए निर्धारित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ही प्रयास है कि आज मप्र तेज गति से प्रगति करने वाला राज्य बन गया है। गौरवशाली और शक्तिशाली भारत के निर्माण में मप्र आज अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रहा है। संपूर्ण, समृद्ध और विकसित मप्र के लिए शिवराज अपना सबकुछ समर्पित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि सुशासन राज्य सरकार का लक्ष्य है। जन-सुविधाएं ठीक ढंग से आम जनता तक पहुंचे और जनता की समस्याएं दूर हों, इसके लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। शिवराज के प्रयासों से ही मप्र अब बीमारू के अभिशाप से मुक्त हो गया है। मप्र निवेश के लिए आदर्श राज्य के रूप में उभरा है। यहां बड़े उद्योगों के साथ लघु और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। विकास का प्रकाश आम आदमी तक पहुंचे, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इच्छा शक्ति और प्रदेश के प्रति समर्पण भाव ही है कि प्रदेश आज विकास के निर्णायक मोड़ पर है। पिछले 17 साल में मप्र में आर्थिक विकास खूब हुआ है। समाज और सरकार की इस जुगलबंदी का परिणाम अभूतपूर्व राजनीतिक स्थिरता के रूप में मिला है। सुशासन, आर्थिक विकास की तेज रफ्तार और कमजोर वर्गों के विकास के लिए योजनाओं पर अमल किया जा रहा है। खाली पड़ी औद्योगिक जमीनों पर बार-बार अवैध कब्जे हो जाने की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए मप्र औद्योगिक विकास निगम प्रदेश के कई शहरों के इंडस्ट्रियल एरिया में कमर्शियल शॉपिंग सेंटर बनाने जा रहा है। मप्र औद्योगिक विकास निगम ने प्रदेशभर के इंडस्ट्रियल एरिया में सख्त कार्रवाई करते हुए सैकड़ों अवैध कब्जे व अतिक्रमण हटाकर अपने औद्योगिक भूखंड नाजायज कब्जेधारियों से मुक्त तो करा लिए, मगर इन पर फिर से कब्जे न हों, इसके लिए इन औद्योगिक जमीनों पर छोटे-बड़े मध्यम साइज के कमर्शियल प्लॉट बनाकर इन पर शॉपिंग सेंटर बनाने की दो प्रकार की कार्ययोजना पर काम कर रहा है। पहली योजना के अनुसार खाली पड़े छोटे मध्यम भूखंडों को नीलाम कर दिया जाए। दूसरी प्लानिंग यह है कि इन भूखंडों पर मप्र औद्योगिक विकास निगम खुद कमर्शियल शॉपिंग सेंटर बनाकर उन्हें किराए पर दे दें या टेंडर निकालकर पहले आओ-पहले पाओ के नियमानुसार बेच दे। इस तरह की योजना बनाने के पीछे दो कारण हैं। पहला उद्देश्य यह है कि पिछले कई सालों में एकेवीएन अपनी जमीनों पर कब्जे हटाने की कई बार कार्रवाई कर चुका है। कब्जे हटाने के कुछ महीनों बाद लोग दोबारा कब्जे कर लेते हैं। इस वजह से आए दिन न सिर्फ विवाद होते हैं, बल्कि अवैध कब्जे करने वाले गैरकानूनी काम भी करने लगते हैं। दूसरा मुख्य कारण यह है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की तर्ज पर औद्योगिक शहर को स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाया जाए। खाली पड़े भूखंडों पर एक जैसी शॉप्स या शॉपिंग सेंटर बनेंगे तो न सिर्फ इंडस्ट्रियल एरिया स्मार्ट नजर आएगा, बल्कि अतिक्रमण व कब्जों की समस्या से भी हमेशा के लिए निजात मिल सकेगी।
मील के पत्थर साबित होंगे एक्सप्रेस-वे
मप्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने कई कदम उठाए हैं। प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश हो इसके लिए कई योजनाएं-परियोजनाएं बनाई जा रही हैं। निवेशकों को निवेश के लिए बेहतर माहौल मुहैया कराने के लिए अटल एक्सप्रेस-वे और प्रदेश के पूर्व से पश्चिम तक नर्मदा एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। इन एक्सप्रेस-वे के आसपास औद्योगिक केंद्र और टाउनशिप विकसित किए जाएंगे। सरकार को उम्मीद है कि इससे प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आएगा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार उद्योग लगाने के लिए नियम कायदे सहज बनाने का काम किया है और वह कारोबार शुरू करने की लागत कम करने तथा कारोबारी सुगमता को और आसान बनाने पर काम कर रही है।
- कुमार विनोद