कैसे होगी कोरोना से जंग...?
19-May-2020 12:00 AM 308

मप्र सहित देशभर में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उधर, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और स्वास्थ्य मंत्रालय ने आकलन के बाद संकेत दिया है कि जून-जुलाई में कोरोना का संक्रमण चरम पर होगा। उस समय तक प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 84 हजार पहुंच जाएगी। ऐसे में प्रदेश सरकार को स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत करने को कहा गया है। इसके लिए प्रदेशभर में 1975 वेंटिलेटर का इंतजाम करना होगा।

सूत्र बताते हैं कि आईसीएमआर और स्वास्थ्य मंत्रालय की इस रिपोर्ट के बाद मप्र सरकार सजग हो गई है। हालांकि सरकार का दावा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की गति कम हो गई है। यहां संक्रमित मरीज तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। फिर भी सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया है। आईसीएमआर और स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद प्रदेश सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। आकलन रिपोर्ट आने के बाद इतने बड़े पैमाने पर मरीजों को इलाज उपलब्ध कराने के लिए प्रदेशभर के 2621 निजी अस्पतालों की सूची तैयार कर ली गई है। लेकिन चिंता की बात है कि प्रदेश के अस्पतालों में पर्याप्त वेंटिलेटर नहीं हैं।

जून-जुलाई में 1975 वेंटिलेटर की जरूरत बताई गई है, जबकि प्रदेशभर के निजी अस्पतालों के पास मिलाकर भी 1000 (993) वेंटिलेटर तक नहीं है। ज्यादातर निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर नहीं है। कुछ जिले तो ऐसे भी हैं जहां एक भी वेंटिलेटर नहीं है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में मरीजों को उपचार उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती रहेगी। आईसीएमआर के अनुमान से जुलाई तक भोपाल में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 10658 तक पहुंच जाएगी। इनके इलाज के लिए 533 वेंटिलेटर भी लगेंगे। जबकि वर्तमान में भोपाल में 273 वेंटिलेटर हैं।  इन अनुमानों को देखते हुए शासन ने अपने स्तर पर व्यवस्था शुरू भी कर दी है। भोपाल के निजी अस्पतालों की सूची तैयार की गई है। सूची में अस्पतालों के साथ वहां उपलब्ध पलंग और वेंटिलेटर का जिक्र भी है। भोपाल के अलावा जिन जिलों में सबसे ज्यादा पॉजिटिव मरीज मिलने की आशंका जताई जा रही है उनमें इंदौर (13438), जबलपुर (7081) शामिल हैं। 

विभाग द्वारा तैयार आकलन में यह अनुमान भी लगाया गया है कि इतनी बड़ी संख्या में मरीजों का इलाज करने के लिए कितने डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत पड़ेगी।

विभाग अस्पतालों से उनके यहां काम कर रहे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ की विस्तृत जानकारी भी मांगेगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। कोरोना संक्रमण की तीव्रता और इसके प्रसार की वजह से हो रहे बदलावों को लेकर आईसीएमआर प्रदेश के तीन जिलों सहित देश के 69 जिलों में सर्वे कराएगी। इन जिलों का चयन कोरोना के संक्रमण की तीव्र, मध्यम और धीमी प्रसार गति के आधार पर किया गया है। कोरोना के हॉटस्पॉट होने के बावजूद इंदौर और भोपाल सर्वे के लिए चुने गए जिलों में शामिल नहीं हैं। प्रदेश के जिन जिलों में सर्वे होना है, उनमें देवास, उज्जैन और ग्वालियर शामिल हैं। आईसीएमआर से मिली जानकारी के अनुसार, यह सर्वेक्षण समुदाय आधारित होगा। 24 हजार वयस्कों को इसमें शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य कोरोना संक्रमण की व्यापकता का अनुमान लगाना है जिससे भविष्य की रणनीति तय की जा सके। इस शोध के साथ ही आईसीएमआर अस्पताल आधारित निगरानी भी शुरू कर रही है।

यहां इतने मरीज होने का है अनुमान

शहर        मरीज होने का अनुमान          वेंटिलेटर लगेंगे

इंदौर        13438      672

भोपाल     10658      533

जबलपुर  7081        71

उज्जैन     4310        215

खंडवा     3198        32

धार          3369        34

देवास      2020        20

बड़वानी  1170        12

खरगोन  3461        35

मंदसौर    2546        25

आगर       882          09

बुरहानपुर                2179        22

झाबुआ    513          05

75,000 लोगों के लिए सिर्फ एक वेंटिलेटर

मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की पिछले कुछ दिनों से तेजी से बढ़ रही संख्या को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिन और भी चुनौतीपूर्ण होंगे। राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े आंकड़ों के अनुसार राज्य में वेंटिलेटर और आईसीयू में बिस्तरों की स्थिति भी विकट हो सकती है, यदि संक्रमितों के आंकड़ों में कमी लाने को लेकर गंभीर प्रयास नहीं किए गए।  मध्य प्रदेश सरकार के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि मध्य प्रदेश में प्रति 75,000 लोगों के लिए केवल एक वेंटिलेटर है और प्रति 47,000 लोगों के लिए मात्र एक आईसीयू बेड उपलब्ध है।  हालांकि, राज्य सरकार के लिए यह संतोष की बात है कि इस महामारी से लड़ने के लिए कारगर मानी जा रही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियां वर्तमान में प्रति व्यक्ति करीब 30 (गोलियां) उपलब्ध हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार साढ़े सात करोड़ से अधिक आबादी वाले मध्य प्रदेश में सरकारी एवं निजी अस्पतालों को मिलाकर कुल 993 वेंटिलेटर और गहन चिकित्सा विभाग (आईसीयू) के 1,598 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं।  प्रदेश की साढ़े सात करोड़ से अधिक आबादी के साथ इन वेंटिलेटरों और आईसीयू बेड की तुलना करने पर पता चलता है कि करीब प्रति 75,000 लोगों के लिए एक वेंटिलेटर है और प्रति 47,000 लोगों के लिए एक आईसीयू बेड है।  लेकिन, इन वेंटिलेटरों एवं आईसीयू बेड में से अधिकांश पर पहले से ही अन्य बीमारियों से जूझ रहे अति गंभीर मरीज हैं, जिससे मुसीबत और बढ़ सकती है। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के अस्पतालों में कुल 29,914 बेड हैं, जिनमें से 9,492 आइसोलेशन (पृथक) वार्ड हैं। 

- विशाल गर्ग

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