चुनावी सड़कों का खाका तैयार
16-May-2022 12:00 AM 516

 

भाजपा 2023 के विधानसभा चुनाव में विकास को मुख्य मुद्दा बनाएगी। इसलिए सरकार का फोकस विकास योजनाओं पर है। इसी के तहत सरकार प्रदेश में ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराने जा रही है। इसके लिए भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर सहित अन्य जिलों की 2 हजार 480 किलोमीटर लंबाई की 709 सड़कें चिन्हित की हैं। इनका निर्माण लोक निर्माण विभाग करेगा। उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ दल भाजपा के विधायकों ने सरकार से ग्रामीण क्षेत्रों में कम लंबाई की सड़कें प्राथमिकता के आधार पर बनाने की मांग की थी।

सरकार के दिशा-निर्देश पर योजनाबद्ध तरीके से सड़कों का खाका तैयार किया गया है। जिसके तहत 10 किलोमीटर से कम लंबाई की सड़कों के निर्माण के लिए नई योजना भी तैयार की जा रही हैं। इन्हें भी लोक निर्माण विभाग ही बनाएगा। ज्ञातव्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए 2018 तक मंडी बोर्ड लगभग 400 करोड़ रुपए सालाना देता था। कमलनाथ सरकार ने यह व्यवस्था बंद कर दी थी। तब से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दायरे में न आने वाली सड़कें नहीं बन पा रही थीं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए हैं कि वो पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ बैठक करके नई योजना तैयार करें।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने विधानसभा के बजट सत्र के पहले विधायकों से 15-15 करोड़ रुपए तक के कामों के जो प्रस्ताव मांगे थे, उसमें भी अधिकांश ने सड़क निर्माण के कार्य को ही प्राथमिकता दी थी। इसके आधार पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की जगह सरकार ने लोक निर्माण विभाग के बजट में 1 हजार 985 करोड़ रुपए का प्रविधान कर दिया है। अभी तक 10 किलोमीटर से कम लंबाई की सड़क मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग बनाता आया है लेकिन इस बार व्यवस्था में परिवर्तन किया है। विभागीय मंत्री गोपाल भार्गव ने पिछले सप्ताह अधिकारियों के साथ बैठक में ग्रामीण इलाकों की सड़कों को प्राथमिकता से बनाने व मरम्मत करने के निर्देश दिए हैं। भोपाल जिले में नजीराबाद से नीमखेड़ी भकवाह, सुनगा से कलैया ब्राह्मण जोड़, झिरनिया से मीठी छापरी, गंगा पिपलिया से बरखेड़ा हासनजोड़, मेगरा कलां से सेमरी-1, सेमरी-2 डुगरिया बरखेड़ा याकूब नरेला दामोदर, छोटी अमरपुर से अंकिया, रातीबड़ से पुराना मंदिर बरखेड़ी बाज्याफ्त, मुडराखुर्द से सेमराखेड़ी होते हुए अनरतपुरा, बरखेड़ा नाथू से वीएनएस कॉलेज, कजलाससे ईटखेड़ी, बरखेड़ी से मेंडोरी आदि सड़कों का निर्माण किया जाएगा।

प्रदेश सरकार इस समय मिशन मोड में है। इसकी वजह है आगामी विधानसभा चुनाव। भाजपा सरकार आगामी विधानसभा चुनाव में विकास के मुद्दे पर मैदान में उतरेगी। इसके लिए विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को धड़ाधड़ मंजूरी दी जा रही है। इसी कड़ी में 8,500 करोड़ की सड़कें और पुल बनने का काम शुरू होने वाला है। इसके लिए आगामी दो माह में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

विकास कार्यों को गति देने के लिए प्रदेश में पहली बार स्थाई वित्त समिति (एसएफसी) की बैठक अब हर शुक्रवार को होगी। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि सरकार चाहती है कि जितने भी सड़कों, भवनों और पुलों के काम हैं, वह विधानसभा चुनाव से पहले न केवल शुरू हो जाएं, बल्कि आधे से ज्यादा पूरे भी हो जाएं। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई का कहना है कि वित्त विभाग पूरा सपोर्ट कर रहा है। सारे काम जल्द ही शुरू होंगे। इसमें एनएचएआई, केंद्रीय सड़क निधि और बजट में प्रस्तावित काम शामिल हैं। हर माह की खर्च लिमिट भी बढ़ा दी गई है। जून तक सभी के कार्यों के टेंडर कर दिए जाएंगे। अब हर सप्ताह एसएफसी होगी। पीडब्ल्यूडी पहली बार इस तरह से काम करेगा।

प्रदेश मेें विकास कार्यों को गति देने के मद्देनजर सरकार ने पीडब्ल्यूडी की 200 सड़कों, 70 से ज्यादा पुल और भवनों को मंजूरी दे दी है। इसमें केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के तहत बनने वाली 8 प्रमुख सड़कें शामिल हैं। बजट में 5000 करोड़ की सड़कों और पुल का काम शामिल है। एनएचएआई की 1500 करोड़ की 8 सड़कें बनेंगी। इनमें सीआरएफ के 2000 करोड़ के 8 और प्रोजेक्ट शामिल हैं। वहीं पीडब्ल्यूडी को हर माह खर्च के लिए वित्त विभाग अभी तक 500 करोड़ रुपए की लिमिट देता था, इसे 200 करोड़ रुपए बढ़ाकर 700 करोड़ रुपए कर दिया गया है। जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास विभाग का 500-500 करोड़ है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग का मासिक खर्च लिमिट 507 करोड़ रुपए ही रखा है।

 रोडमैप किया गया तैयार

जानकारी  के अनुसार विभिन्न विकास कार्यों के लिए रोडमैप तैयार कर लिया गया है। सड़क निर्माण के तहत इसमें 5000 करोड़ से नेशनल, स्टेट और जिले के मुख्य मार्गों (एमडीआर) के साथ कनेक्टिंग सड़कों का निर्माण होगा। कुछ सड़कों को नए सिरे से बनाया जाना है। इसमें विधायकों द्वारा प्रस्तावित की गई सड़कों के काम भी शामिल कर दिए गए हैं। 3500 करोड़ से बड़े पुल, एलीविटेट फ्लाईओवर व पुलिया बनेंगी। ग्वालियर में 400 करोड़ का स्वर्णरेखा नदी पर बनने वाला एलीवेटेड रोड इसमें शामिल है। भोपाल के बैरागढ़ में बनने वाला एलीवेटेड फ्लाईओवर जल्द ही अनुपूरक बजट में आ जाएगा। एसएफसी की बैठक अब हर सप्ताह के शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में होगी। एक बैठक में कम से कम 50 प्रोजेक्ट पर बात होगी। सभी ईई वीडियो कांफे्रंसिंग के जरिए एसएफसी में शामिल होंगे। रिवाइज एस्टीमेट, सीआईआरएफ और बजट के कामों को प्राथमिकता दी जाएगी। एक करोड़ के वो काम जिनका बजट में जिक्र नहीं है, वे बिना मंजूरी के एसएफसी में नहीं रखे जाएंगे। अप्रैल, मई और जून में होने वाले कामों के लिए यह गाइडलाइन जारी की गई है।

- बृजेश साहू

FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^