बिजली दरें बढ़ाने की तैयारी!
25-Dec-2021 12:00 AM 476

 

बिजली कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बिजली की नई दरें निर्धारित करने के लिए टैरिफ याचिका नियामक आयोग के समक्ष पेश कर दिया है। सूत्रों की मानें तो इस बार विभाग चार प्रतिशत के लगभग दरें बढ़ाने की तैयारी में है। विभाग ने 34 हजार करोड़ रुपए की जरूरत बताई है। 14 दिसंबर को नियामक आयोग में प्रारंभिक सुनवाई की गई। अब से टैरिफ याचिका को सार्वजनिक करते हुए जनसुनवाई के लिए आपत्तियां आमंत्रित किए जाएंगे। मप्र की बिजली सप्लाई कंपनियों की ओर से पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 1 दिसंबर को नियामक आयोग में टैरिफ याचिका दायर की थी। इस बार याचिका में बढ़ाई गई दरों का खुलासा कंपनी ने नहीं किया है। कंपनी अधिकारियों का दावा है कि नियामक आयोग ही प्रस्तावित दरों का खुलासा करेगी।

14 दिसंबर को नियामक आयोग में प्रारंभिक सुनवाई की गई। इसमें याचिका लगाने वाली कंपनी का पक्ष सुना गया। याचिका में जिन दस्तावेजों में कमी पाई गई, उसकी पूर्ति के निर्देश दिए गए। अब तय होगा कि कब इस टैरिफ याचिका को सार्वजनिक करते हुए इस पर आम लोगों से आपत्तियां बुलवाई जाए। इसके बाद जनसुनवाई होगी। जनसुनवाई वर्चुअल होगी या भौतिक ये बाद में तय होगा। बिजली कंपनी के मामले में जानकार रिटायर्ड इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल ने बिजली कंपनियों की ओर से दायर की गई टैरिफ याचिका की वैधानिकता पर सवाल उठाए हैं। अग्रवाल के मुताबिक अभी नियामक आयोग को वित्तीय वर्ष 2022-202 के लिए नई रेग्युलेशन नीति बनानी है। इसकी जनसुनवाई 24 अगस्त को हो चुकी है। पर अभी तक आपत्तियों को समाहित करते हुए खुदरा टैरिफ निर्धारण हेतु रेग्युलेशन नीति जारी नहीं हो पाई है। बिजली कंपनी ने ड्राफ्ट के आधार पर इस प्रत्याशा में टैरिफ याचिका दायर कर दी है। यह टैरिफ याचिका ही पूरी तरह से वैधानिक नहीं है। पहले रेग्युलेशन नीति तय होना चाहिए थी। बिजली कंपनियों ने इसी साल जुलाई में 0.63 प्रतिशत दर बढ़ाए थे। सूत्रों की मानें तो इस बार कंपनियों ने 4 प्रतिशत के लगभग दर बढ़ाने की मांग टैरिफ याचिका में की है।

बिजली कंपनियों ने बिजली दरों में 6 प्रतिशत की बढ़त का प्रस्ताव बनाकर राज्य विद्युत नियामक आयोग को भेजा है। इसका विरोध भी शुरू हो गया है। नागरिक उपभोक्ता मंच ने ऊर्जा सचिव को लीगल नोटिस भेजकर कहा है कि केंद्र सरकार ने कोविड-19 को नोटिफाइड आपदा घोषित किया है। जनहित में फैसला लेते हुए वर्ष 2022-23 में बिजली की दरों में बढ़ोतरी न की जाए। दरअसल, पिछले दिनों खबर आई थी कि मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने बिजली की दरों में 6 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव बनाकर विद्युत नियामक आयोग को भेजा है। अगर कंपनी के पक्ष में फैसला होता है तो 16 माह में तीसरी बार बिजली की दरें बढ़ेंगी। इस मामले में नागरिक उपभोक्ता मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने ऊर्जा सचिव को कानूनी नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है कि कोरोना महामारी की स्थिति अन्य विपदाओं से अलग है। प्रदेश के सभी नागरिकों को आर्थिक विपत्ति का सामना करना पड़ रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी 30 जून 2021 को कोरोना से मृत व्यक्तियों के परिजनों को आर्थिक राहत देने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन कानून की धारा-2 के तहत न्यूनतम मापदंडों की गाइडलाइन बनाई गई है। इसी गाइडलाइन के तहत 2022-23 में बिजली की दर न बढ़ाई जाए। इस संबंध में प्रदेश सरकार जल्द से जल्द निर्णय लें और विद्युत नियामक आयोग जल्द से जल्द आवश्यक निर्देश जारी करें।

नए साल में प्रदेशवासियों को जोरदार झटका लग सकता है, बढ़ती महंगाई के बीच मप्र के लोगों को यह झटका बिजली विभाग दे सकता है। एक बार फिर मप्र में बिजली की दरें फिर से बढ़ सकती हैं। बता दें कि बढ़ती महंगाई के बीच एक बार फिर बिजली दर में वृद्धि होने का अंदेशा है। नए वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दर निर्धारण के लिए बिजली नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों से लेखा-जोखा यानी खर्च और लागत की जानकारी मांगी है। कंपनियों की मांग के अनुरूप बिजली दरें निर्धारित होती हैं। तीन से चार प्रतिशत बिजली दरें बढ़ सकती है। दरअसल, हर साल बिजली दरें निर्धारण करने के पहले नियामक आयोग पावर मैनेजमेंट कंपनी से प्रस्ताव मांगती है। प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियां पावर मैनेजमेंट के माध्यम से आय-व्यय का ब्यौरा देकर आगामी वित्तीय वर्ष में कितने राजस्व की जरूरत होगी, इसकी भी डिमांड जाती है। इसके बाद ही आयोग सुनवाई करता है। प्रस्ताव में अगर संशोधन होता है तो वह भी कराया जाता है। आम जनता से दावे-आपत्तियां बुलाए जा हैं। सभी पक्षों को सुनने के बाद आयोग दर निर्धारित करता है।्र

तीसरी बार बिजली की दरों में इजाफा

बता दें कि जहां देश के कई अन्य राज्यों की तरह मप्र में भी कोयले की कमी से बिजली की सप्लाय पर असर पड़ने का खतरा पैदा हो गया है। वही, इस बीच अब प्रदेश में फिर बिजली दरें बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। बताते चलें कि, इसी साल बिजली की दरों में बढ़ोतरी की गई है। अब फिर से बिजली की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव सामने आया है। वहीं अगर कंपनी के पक्ष में फैसला आता है तो इस तरह 16 माह में तीसरी बार बिजली की दरों में इजाफा होगा। बताया जाता है कि इस बार तीनों कंपनियों ने लेखा-जोखा तैयार किया है। उसमें करीब 40 हजार करोड़ के अतिरिक्त राजस्व की मांग बताई है। इस लिहाज से तीन से चार प्रतिशत बिजली दरें बढ़ सकती हैं। अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक के लिए ये दरें होंगी। इसका निर्णय साल के शुरुआत में हो जाएगा।

- अक्स ब्यूरो

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