क्या राज्यसभा में एनडीए 100 सदस्यों का जादुई आंकड़ा छू पाने में कामयाब हो जाएगा? क्या भाजपा के पास कांग्रेस से दोगुनी सीटें हो जाएंगी? आगामी राज्यसभा चुनाव को लेकर राज्यों में बनाए और बिगाड़े जा रहे समीकरणों के आधार पर भाजपा और यूपीए के बीच अंकगणित का खेल रोचक हो गया है। राज्यसभा में एनडी की गिनती 100 करने के लिए भाजपा पूरा दम लगाने में कसर नहीं छोड़ रही, तो वहीं कांग्रेस को साख बचाने का संघर्ष करना पड़ रहा है। आगामी 19 जून को राज्यसभा में कुल 24 सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं, जिनमें से 18 सीटें तो वही हैं, जिन पर चुनाव कोरोना वायरस संक्रमण के हालात के चलते इस साल मार्च में स्थगित कर दिया गया था। जिन 24 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव होंगे, उनमें से 6 सीटें वो हैं, जो आगामी 40 दिनों के भीतर मौजूदा सदस्यों के रिटायरमेंट के कारण खाली होने वाली हैं। इनमें कर्नाटक की 4 और मिजोरम व अरुणाचल प्रदेश की एक-एक सीट शामिल है। राज्यसभा चुनावों में सीटों, उम्मीदवारों और राज्यों में राजनीतिक समीकरणों का पूरा ब्योरा बिंदुवार समझें।
चुनाव आयोग ने जो कार्यक्रम घोषित किया है, उसके मुताबिक आंध्रप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश की कुल 24 राज्यसभा सीटों के लिए आगामी 19 जून को चुनाव होगा। यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि संसद के उच्च सदन में एनडीए के पास पूर्ण बहुमत नहीं है। साथ ही भाजपा के पास भी पूरी ताकत नहीं है इसलिए केंद्र सरकार को यहां बिल पास कराने के लिए अन्य पार्टियों को साधने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है। 245 सदस्यों वाली राज्यसभा की मौजूदा सदस्य संख्या 224 है, जिसमें भाजपा के पास अभी कुल 75 सदस्य हैं और एनडीए की गिनती 91 की है। वहीं, कांग्रेस 39 सदस्यों के साथ सदन में है जबकि यूपीए की ताकत 61 सदस्यों की है। बीते मार्च में हुए चुनाव के दौरान भाजपा के सदस्यों की संख्या 81 से घट गई थी इसलिए इस बार भाजपा कम से कम नौ सीटें जीतने के लिए पूरा दम लगा रही है। ऐसा हुआ तो भाजपा की सदस्य संख्या कांग्रेस की तुलना में दोगुनी से ज्यादा हो जाएगी क्योंकि भाजपा 9 सीटें जीती तो कांग्रेस को सीटों का नुकसान होगा ही। हाल ही में कर्नाटक में सबको चौंकाते हुए भाजपा ने एरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती पर दांव खेला। जबकि यहां से उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा प्रभाकर कोरे, रमेश कट्टी, प्रकाश शेट्टी, निर्मल सुराना या प्रोफेसर एम नागराज में से किसी को बतौर कैंडिडेट सामने लाएगी। दूसरी तरफ, गुजरात से भाजपा ने अभय भारद्वाज, रमीलाबेन बारा के साथ ही एक अतिरिक्त उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस से भाजपा में जुड़े नरहरि अमीन का नाम सामने रखा है। मप्र में राज्यसभा की तीन सीटें खाली हुई हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि भाजपा दो सीटों पर जीत हासिल करेगी। प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया को तोड़कर कांग्रेस को बड़ा झटका दे चुकी भाजपा ने दूसरी सीट पर भी दावेदारी ठोक दी है। भाजपा ने दूसरी सीट के लिए सुमेर सिंह सोलंकी का भी नामांकन करा दिया है। विधायकों के गणित के आधार पर भाजपा को दोनों सीटें मिलना तय है। बहरहाल, मप्र से फिर दिग्विजय सिंह का राज्यसभा में पहुंचना लगभग तय है। लेकिन जिस सीट से फूलसिंह बरैया संसद पहुंचते रहे हैं, उससे मुकाबला कठिन होने के आसार हैं। इसी तरह, राजस्थान से भाजपा ने राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को राज्यसभा में लाने की तैयारी की है तो झारखंड की दो सीटों में से एक पर कांग्रेस के साथ कड़ा मुकाबला करने के लिए प्रदेशाध्यक्ष दीपक प्रकाश का नाम प्रकाशित किया है। अरुणाचल से नेबाम रेबिया के लिए भी भाजपा आश्वस्त है। राज्यसभा चुनावों से ऐन पहले कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर टूट-फूट का दौर चल रहा है। गुजरात में पिछले हफ्ते तीन विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दिया। राज्य विधानसभा में 2017 में जहां कांग्रेस के 77 विधायक थे, अब 65 ही बचे हैं। गुजरात से कांग्रेस के शशिकांत गोहिल और भरतसिंह सोलंकी का भविष्य तय होगा। राजस्थान से कांग्रेस ने केसी वेणुगोपाल और नीरज दांगी को राज्यसभा भेजने की तैयारी की है। वहीं, झारखंड से प्रकाश के मुकाबले में कांग्रेस ने शहजादा अनवर का नाम आगे रखा है। यहां एक सीट शिबू सोरेन की पार्टी के लिए सुरक्षित मानी जा रही है।
राज्यसभा में पार्टियों की स्थिति
राज्यसभा में सत्तापक्ष की मजबूती उतनी ही जरूरी है, जितनी लोकसभा में। इसलिए केंद्र की मोदी सरकार इस कोशिश में लगी हुई है कि वह इस बार के राज्यसभा चुनाव में अधिक से अधिक सीटें जीते ताकि वह मजबूत हो सके। वर्तमान समय में राज्यसभा में एनडीए के 91 सदस्य हैं। इनमें भाजपा के 75, जदयू के 5, शिअद के 3 और अन्य के 8 सांसद हैं। वहीं यूपीए के 61 सदस्य हैं। इनमें कांग्रेस के 39, डीएम के 7, आरजेडी के 5, एनसीपी के 4, शिवसेना के 3 और अन्य के 3 सदस्य हैं। वहीं बगैर गठबंधन के 68 सदस्य हैं। इनमें पीएमसी के 13, एआईएडीएमके के 9, बीजेडी के 9, सपा के 9, टीआरएस के 7, सीपीआईएम के 5, नामांकित 4 सदस्य हैं। ऐसे में भाजपा की पूरी कोशिश यह है कि वह इस बार राज्यसभा की अधिक से अधिक सीटें जीतकर अपनी स्थिति मजबूत कर ले। वर्तमान समय में 24 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है। उनमें आंध्रप्रदेश की 4, गुजरात की 4, कर्नाटक की 4, राजस्थान की 4, मप्र की 4, झारखंड की 2, मणिपुर की 1, मेघालय की 1, मिजोरम की 1 और अरुणाचल प्रदेश की 1 सीट है। इन सीटों को जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने जमावट शुरू कर दी है। इसके लिए तोड़-फोड़ और जोड़-तोड़ का भी सहारा लिया जा रहा है। अब देखना यह है कि अपने अभियान में कौन सफल होता है।
- जितेन्द्र तिवारी